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पटना वीमेंस कॉलेज में छात्राओं को हाइड्रोपोनिक्स तकनीक की दी गई जानकारी

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Published : Mar 9, 2021, 7:52 PM IST

पटना वीमेंस कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी द्वारा वर्चुअल वर्कशॉप का आयोजन किया गया. वर्चुअल व्रकशॉप के माध्यम से मोहम्मद जावेद ने कॉलेज की छात्राओं को जल कृषि विधि यानी हाइड्रोपोनिक्स तकनीक की जानकारी दी.

पटना
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पटना: पटना वीमेंस कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी द्वारा वर्चुअल वर्कशॉप का आयोजन किया गया. वर्चुअल वर्क शॉप में कॉलेज की छात्राओं को जैविक खेती करने के बारे में जानकारी दी गई. नेचर क्लब ऑफ इंडिया के कोऑर्डिनेटर मोहम्मद जावेद आलम ने छात्राओं को जैविक खेती से रूबरू कराया.

यह भी पढ़ें: बिहार में कुछ भी संभव है! स्वास्थ्य विभाग ने मृत पदाधिकारी को भी दिया प्रमोशन

पटना वीमेंस कॉलेज की प्राचार्य डॉ सिस्टर एम रश्मि एसी ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी द्वारा जैविक खेती किस तरीके से हो. इसके लिए वर्चुअल तरीके से कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें छात्राओं को बताया गया कि आखिर किस तरीके से हाइड्रोपोनिक्स के तहत बिना मिट्टी के लोग खेती कर सकते हैं.

मोहम्मद जावेद आलम ने बताया कि इस तकनीक का नाम जल कृषि विधि या हाइड्रोपोनिक्स है. इसे वायरलेस कल्चर कहा जाता है. इस विधि से कम खर्च में बिना मिट्टी के लोग अपने घर पर पौधे लगा सकते हैं और खेती भी कर सकते हैं.

पटना: पटना वीमेंस कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी द्वारा वर्चुअल वर्कशॉप का आयोजन किया गया. वर्चुअल वर्क शॉप में कॉलेज की छात्राओं को जैविक खेती करने के बारे में जानकारी दी गई. नेचर क्लब ऑफ इंडिया के कोऑर्डिनेटर मोहम्मद जावेद आलम ने छात्राओं को जैविक खेती से रूबरू कराया.

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पटना वीमेंस कॉलेज की प्राचार्य डॉ सिस्टर एम रश्मि एसी ने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी द्वारा जैविक खेती किस तरीके से हो. इसके लिए वर्चुअल तरीके से कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें छात्राओं को बताया गया कि आखिर किस तरीके से हाइड्रोपोनिक्स के तहत बिना मिट्टी के लोग खेती कर सकते हैं.

मोहम्मद जावेद आलम ने बताया कि इस तकनीक का नाम जल कृषि विधि या हाइड्रोपोनिक्स है. इसे वायरलेस कल्चर कहा जाता है. इस विधि से कम खर्च में बिना मिट्टी के लोग अपने घर पर पौधे लगा सकते हैं और खेती भी कर सकते हैं.

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