पटनाः लोजपा ( LJP ) के 'चिराग' ( Chirag paswan ) के घर महाभारत छिड़ गई है. चिराग की पार्टी में बड़ी टूट हो गई है. लोजपा के पांचों सांसदों ने चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस ( Pashupati Kumar Paras ) को अपना नेता चुन लिया है. खबर है कि रविवार देर शाम तक चली लोजपा सांसदों की बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगी. इसके बाद पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ( Lok Sabha Speaker Om Birla ) को आधिकारिक मांग पत्र भी सौंप दिया.
लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंस राज की चिराग से राहें जुदा हो गयी हैं. जानिए कौन हैं ये पांचों सांसद?
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कौन हैं पशुपति कुमार पारस?
पशुपति कुमार पारस अलौली से पांच बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने जेएनपी उम्मीदवार के रूप में 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. उन्होंने बिहार सरकार में पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया. हाजीपुर से 2019 का संसदीय चुनाव जीता और संसद के सदस्य बने. इसके अलावा, वे लोक जनशक्ति पार्टी की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
कौन हैं प्रिंस राज?
समस्तीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं. वे बिहार एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. 25 साल की उम्र में प्रिंस ने वर्ष 2015 में समस्तीपुर के रोसड़ा विधानसभा चुनाव लड़ा. हालांकि तब उन्हें चुनाव में शिकस्त मिली. प्रिंस राज अपने पिता रामचंद्र पासवान के साथ लगातार राजनीति में सक्रिय रहे. पिता रामचंद्र पासवान के निधन के बाद उप चुनाव में प्रिंस राज समस्तीपुर में एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और शानदार जीत हासिल की.
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महबूब अली कैसर के बारे में क्या जानते हैं आप?
चौधरी महबूब अली कैसर कांग्रेस से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था. वह बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय चौधरी सलाहुद्दीन के पुत्र हैं. उन्होंने बिहार सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है. 2014 के आम चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गए. वे फिलहाल खगड़िया से सांसद हैं.
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कौन हैं वीणा देवी?
वीणा देवी वैशाली लोकसभा सीट से सांसद हैं. वह बिहार विधानसभा की सदस्य भी रह चुकी हैं. 2019 आम चुनाव में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर वैशाली से चुनाव लड़ा और आरजेडी नेता दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह को हराकर लोक सभा पहुंची.
चंदन सिंह के बारे में क्या जानते हैं आप?
चंदन सिंह नवादा लोकसभा सीट से सांसद है. इनकी सबसे बड़ी पहचान ये है कि ये सूरजभान सिंह के भाई हैं. सूरजभान सिंह एलजेपी नेता सह पूर्व सांसद हैं.
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पारस को सांसदों ने क्यों चुना?
पारस लोजपा सांसदों में सबसे वरिष्ठ हैं. वे रामविलास पासवान के छोटे भाई भी हैं. 5 सांसदों के निर्णय के बाद लोजपा में बड़े घमासान की आशंका है. पहले ही लोजपा के कई नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि चिराग की ओर से मनाने का दौर भी जारी है. पार्टी में इस टूट के बाद लोजपा और कमजोर हो जाएगी. पशुपति पारस के साथ बड़ी संख्या में नेता और समर्थक भी लोजपा का दामन छोड़ सकते हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं पशुपति पारस
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज है. बताया जा रहा है कि पारस केन्द्र में मंत्री बन सकते हैं. 2019 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने दोबारा कमान संभाली तब एक फार्मूला बना कि सहयोगी दलों को मंत्रिपरिषद में एक-एक सीट दी जाएगी. तब 16 सांसदों वाली जदयू मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हुई. उसकी कम से कम दो सीटों की मांग थी. 6 सांसदों वाली लोजपा से रामविलास पासवान मंत्री बने. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रामविलास पासवान का निधन हो गया था.
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