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State Award Honor: 29 कलाकारों को राज्य पुरस्कार से किया गया सम्मानित, बोले उद्योग मंत्री- कई पीढ़ियों को मिलती है प्रेरणा

15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिनको 50 हजार रुपये नगद और प्रशस्ति पत्र दिया गया. वहीं 14 लोगों को मेधा पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उद्योग मंत्री शामिल हुए और कलाकारों का उत्साह बढ़ाया.

पटना में 29 कलाकार राज्य पुरस्कार से सम्मानित
पटना में 29 कलाकार राज्य पुरस्कार से सम्मानित
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 25, 2023, 6:13 PM IST

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पटना: बुधवार को उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के ट्राफब्से हस्तशिल्प के लिए वर्ष 2020-21 राज्य पुरस्कार और मेधा पुरस्कार का आयोजन अधिवेशन भवन में किया गया. इस समारोह के मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

पढ़ें- Shri Krishna Singh Jayanti :'जाति-पात से बिहार को उठना होगा ऊपर' .. श्रीबाबू की जयंती पर बोले राज्यपाल, कई गणमान्य को मिला बिहार केसरी सम्मान

पटना में 29 कलाकार राज्य पुरस्कार से सम्मानित: उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि बिहार के विलुप्त हो रहे है कला को जीवंत करने के मकसद से राज्य पुरस्कार और मेधा पुरस्कार देकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया गया. वहीं मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बिहार के कलाकारों और कला विधा ने कई पीढ़ियों को प्रेरणा दी है और हमारी संस्कृति को जीवंत रखा है.

15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार और 14 को मेधा पुरस्कार
15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार और 14 को मेधा पुरस्कार

"राज्य के साथ यहां की धरोहर, कला, संस्कृति, नृत्य आदि की अपनी एक अलग पहचान रही है. इसी श्रृंखला में शिल्प कला भी शामिल है, जिसने हमारी विरासत और हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए हमें गौरवान्वित किया है."- समीर कुमार महासेठ,उद्योग मंत्री, बिहार

'भोजपुरी पेंटिंग का बचपन से शौक': वहीं भोजपुर आरा की भोजपुरी पेंटिंग्स कलाकार अनीता पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि मुझे बचपन से ही भोजपुरी पेंटिंग करने का शौक है.पढ़ाई से ज्यादा मुझे पेंटिंग करना अच्छा लगता है. शादी होने के बाद भी मैंने अपनी इस कला को जीवंत रखा है, जिसका नतीजा है कि आज राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.मेरी कला में भोजपुर जिले की संस्कृति झलकती है. भोजपुरी पेंटिंग के माध्यम से संस्कृति को बताती हूं.

29 कलाकारों को राज्य पुरस्कार
29 कलाकारों को राज्य पुरस्कार

"शादी विवाह में कोहबर ,शादी गीत को अपने पेंटिंग के जरिए बनाती हूं. इसके साथ दीपावली छठ पूजा के साथ जो भोजपुरी की संस्कृति है उसको बताती हूं. उसी के जरिए आज मेरी पहचान यहां तक पहुंची है. यह भोजपुरी कला फ्लावर पॉट, जूट बैग ,दुपट्टा या पेपर पर भी बनाया जाता है और कहीं भी उद्योग विभाग की तरफ से प्रदर्शनी लगती है तो मेरी प्रदर्शनी सबसे अलग रहती है."- अनीता पांडे, राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार

दानापुर की क्रोशिया आर्टिस्ट को सम्मान: दानापुर की रहने वाली ज्ञानती देवी क्रोशिया आर्टिस्ट हैं. उन्होंने कहा की क्रोशिया आर्ट के जरिए मैं मूर्ति बनाती हूं, बच्चों के खेलने के लिए खिलौना तैयार करती हूं. महिलाओं के मॉडर्न युग में ज्वेलर्स जैसे कान का कुंडल, गले का हार , हाथ की बेरी, चूड़ी, जुड़ा और कई तरह के समान बनाती हूं. ठंड के मौसम में दुपट्टा शॉल भी तैयार करती हूं. उन्होंने बताया कि मैं 12 साल की उम्र से इस आर्ट के जरिए कई तरह के खिलौने बना रही हूं.

"इस आर्ट को मैंने अपनी बहन से सीखा है. इस आर्ट से बने सामानों को लोग पसंद कर रहे हैं. रोजी रोजगार भी मिल रहा है. त्यौहार के मौके पर कुछ अलग बनाती हूं, बाजार में उपलब्ध कराती हूं जिससे की कमाई भी अच्छी हो जाती है. अब इसको थोड़ा अपडेट करते हुए 3D में भी क्रोशिया के जरिए मैं मूर्ति तैयार कर रही हूं."- ज्ञानती देवी, राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार

कन्या पुत्री आर्ट के लिए सम्मान: अनीता देवी ने बताया कि कन्या पुत्री जो आर्ट है, उसकी पहचान विलुप्त हो रही थी. लेकिन अब सरकार भी पहचान दिलाने के लिए कोशिश कर रही है .कन्या पुत्री को शादी विवाह के मौके पर परिवार वाले अपने बेटी को विदाई के समय में इससे बने सामानों को गिफ्ट के तौर पर देते है. उन्होंने कहा कि मैं 20 सालों से कन्या पुत्री आर्ट को जीवंत रखने की कोशिश में लगी हूं.

"राज्य में जब प्रदर्शनी लगती है तो वहां पर मैं अपने आर्ट को प्रदर्शित करती हूं. उसे लोगों के द्वारा पसंद किया जाता है . बिहार के बाहर भी कोलकाता हैदराबाद गुजरात बेंगलुरु में भी त्यौहार के मौके पर भेजती हूं और इसी का नतीजा है कि आज मुझे राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मैं काफी खुश हूं."- अनीता देवी, राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार

पेपर मेशी कलाकार को किया गया पुरस्कृत: 70 वर्षीय अंबिका देवी मूल रूप से मधुबनी की रहने वाली हैं. पेपर मेशी कलाकार हैं. उन्होंने बताया कि 10 साल की अथक प्रयास के बाद मुझे आज सम्मानित किया गया है. राज्य पुरस्कार सम्मान मिलना मेरे लिए खुशी का बात है.

"पेपर मेशी आर्ट के जरिए भगवान का चित्र बनाती हूं या बड़े-बड़े कलाकारों का नेताओं का चित्र बनाती हूं. अब मेरी कोशिश होगी कि इस वृद्ध अवस्था में मैं अन्य लोगों को भी पेपर मेशी आर्ट को लोगों को सीखा कर बिहार की पहचान और बिहार के कला विधि को देश-विदेश में पहचान दिलाने का काम करू."- अंबिका देवी,राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार

15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार: बता दें कि 15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिनको 50 हजार रुपये नगद और प्रशस्ति पत्र दिया गया. 14 लोगों को मेधा पुरस्कार से सम्मानित कलाकारों को 25 हजार रूपये, प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया. 15 नवंबर 2021 से 24 दिसंबर 2021 तक विभिन्न शिल्पों के लिए राज्य पुरस्कार प्रतियोगिता हुई थी. इसमें कुल 322 कलाकारों ने भाग लिया था, जिसमें चयन करते हुए 29 लोगों को सम्मानित किया गया.

राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार: अर्चना कुमारी (मधुबनी पेंटिंग), भगवान ठाकुर (मधुबनी पेंटिंग),
अंबिका देवी ( पेपरमेशी शिल्प), दीपेश सोनी (काष्ठ कला), स्वाति राज ( मेटल शिल्प), राधा कुमारी (सिक्की कला), अभिषेक कुमार (चर्म कला), हिना कुमारी (मंजूषा पेंटिंग), चंद्रकांती देवी (एप्लिक शिल्प), सुमन सिंह (सुजनी कला), अनीता पांडेय (भोजपुरी आर्ट), ज्ञांति देवी (क्रोशिया), पूजा ( टिकुली पेंटिंग), नमिता आजाद (अन्यान्य में कपड़े की गुड़िया शिल्प), एवम यशवन्त कुमार झा (अन्यान्य में सिक्की कला) को पुरस्कृत किया गया.

मेधा पुरस्कार से सम्मानित कलाकार: आभा दास (मधुबनी पेंटिंग), मंजू करण (मधुबनी पेंटिंग), अमरेश कुमार लाल दास ( मधुबनी पेंटिंग), रूबी देवी (मधुबनी पेंटिंग), रमा देवी ( मधुबनी पेंटिंग), सुनील कुमार चौधरी ( मंजूषा पेंटिंग), झना रानी( पेपरमेशी शिल्प), रूपा कुमारी ( जूट शिल्प), मीना देवी ( एप्लिक शिल्प), सुजाता कुमारी (सुजनी शिल्प), कौशिकी श्रीवास्तव ( ब्लॉक पेंटिंग ), निक्की कुमारी ( भोजपुरी आर्ट), सोनी ( टिकुली पेंटिंग), एवम जितेंद्र राय ( अन्यान्य में सिक्की कला) को पुरस्कृत किया गया.

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पटना: बुधवार को उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के ट्राफब्से हस्तशिल्प के लिए वर्ष 2020-21 राज्य पुरस्कार और मेधा पुरस्कार का आयोजन अधिवेशन भवन में किया गया. इस समारोह के मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.

पढ़ें- Shri Krishna Singh Jayanti :'जाति-पात से बिहार को उठना होगा ऊपर' .. श्रीबाबू की जयंती पर बोले राज्यपाल, कई गणमान्य को मिला बिहार केसरी सम्मान

पटना में 29 कलाकार राज्य पुरस्कार से सम्मानित: उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि बिहार के विलुप्त हो रहे है कला को जीवंत करने के मकसद से राज्य पुरस्कार और मेधा पुरस्कार देकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया गया. वहीं मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बिहार के कलाकारों और कला विधा ने कई पीढ़ियों को प्रेरणा दी है और हमारी संस्कृति को जीवंत रखा है.

15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार और 14 को मेधा पुरस्कार
15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार और 14 को मेधा पुरस्कार

"राज्य के साथ यहां की धरोहर, कला, संस्कृति, नृत्य आदि की अपनी एक अलग पहचान रही है. इसी श्रृंखला में शिल्प कला भी शामिल है, जिसने हमारी विरासत और हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए हमें गौरवान्वित किया है."- समीर कुमार महासेठ,उद्योग मंत्री, बिहार

'भोजपुरी पेंटिंग का बचपन से शौक': वहीं भोजपुर आरा की भोजपुरी पेंटिंग्स कलाकार अनीता पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि मुझे बचपन से ही भोजपुरी पेंटिंग करने का शौक है.पढ़ाई से ज्यादा मुझे पेंटिंग करना अच्छा लगता है. शादी होने के बाद भी मैंने अपनी इस कला को जीवंत रखा है, जिसका नतीजा है कि आज राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.मेरी कला में भोजपुर जिले की संस्कृति झलकती है. भोजपुरी पेंटिंग के माध्यम से संस्कृति को बताती हूं.

29 कलाकारों को राज्य पुरस्कार
29 कलाकारों को राज्य पुरस्कार

"शादी विवाह में कोहबर ,शादी गीत को अपने पेंटिंग के जरिए बनाती हूं. इसके साथ दीपावली छठ पूजा के साथ जो भोजपुरी की संस्कृति है उसको बताती हूं. उसी के जरिए आज मेरी पहचान यहां तक पहुंची है. यह भोजपुरी कला फ्लावर पॉट, जूट बैग ,दुपट्टा या पेपर पर भी बनाया जाता है और कहीं भी उद्योग विभाग की तरफ से प्रदर्शनी लगती है तो मेरी प्रदर्शनी सबसे अलग रहती है."- अनीता पांडे, राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार

दानापुर की क्रोशिया आर्टिस्ट को सम्मान: दानापुर की रहने वाली ज्ञानती देवी क्रोशिया आर्टिस्ट हैं. उन्होंने कहा की क्रोशिया आर्ट के जरिए मैं मूर्ति बनाती हूं, बच्चों के खेलने के लिए खिलौना तैयार करती हूं. महिलाओं के मॉडर्न युग में ज्वेलर्स जैसे कान का कुंडल, गले का हार , हाथ की बेरी, चूड़ी, जुड़ा और कई तरह के समान बनाती हूं. ठंड के मौसम में दुपट्टा शॉल भी तैयार करती हूं. उन्होंने बताया कि मैं 12 साल की उम्र से इस आर्ट के जरिए कई तरह के खिलौने बना रही हूं.

"इस आर्ट को मैंने अपनी बहन से सीखा है. इस आर्ट से बने सामानों को लोग पसंद कर रहे हैं. रोजी रोजगार भी मिल रहा है. त्यौहार के मौके पर कुछ अलग बनाती हूं, बाजार में उपलब्ध कराती हूं जिससे की कमाई भी अच्छी हो जाती है. अब इसको थोड़ा अपडेट करते हुए 3D में भी क्रोशिया के जरिए मैं मूर्ति तैयार कर रही हूं."- ज्ञानती देवी, राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार

कन्या पुत्री आर्ट के लिए सम्मान: अनीता देवी ने बताया कि कन्या पुत्री जो आर्ट है, उसकी पहचान विलुप्त हो रही थी. लेकिन अब सरकार भी पहचान दिलाने के लिए कोशिश कर रही है .कन्या पुत्री को शादी विवाह के मौके पर परिवार वाले अपने बेटी को विदाई के समय में इससे बने सामानों को गिफ्ट के तौर पर देते है. उन्होंने कहा कि मैं 20 सालों से कन्या पुत्री आर्ट को जीवंत रखने की कोशिश में लगी हूं.

"राज्य में जब प्रदर्शनी लगती है तो वहां पर मैं अपने आर्ट को प्रदर्शित करती हूं. उसे लोगों के द्वारा पसंद किया जाता है . बिहार के बाहर भी कोलकाता हैदराबाद गुजरात बेंगलुरु में भी त्यौहार के मौके पर भेजती हूं और इसी का नतीजा है कि आज मुझे राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. मैं काफी खुश हूं."- अनीता देवी, राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार

पेपर मेशी कलाकार को किया गया पुरस्कृत: 70 वर्षीय अंबिका देवी मूल रूप से मधुबनी की रहने वाली हैं. पेपर मेशी कलाकार हैं. उन्होंने बताया कि 10 साल की अथक प्रयास के बाद मुझे आज सम्मानित किया गया है. राज्य पुरस्कार सम्मान मिलना मेरे लिए खुशी का बात है.

"पेपर मेशी आर्ट के जरिए भगवान का चित्र बनाती हूं या बड़े-बड़े कलाकारों का नेताओं का चित्र बनाती हूं. अब मेरी कोशिश होगी कि इस वृद्ध अवस्था में मैं अन्य लोगों को भी पेपर मेशी आर्ट को लोगों को सीखा कर बिहार की पहचान और बिहार के कला विधि को देश-विदेश में पहचान दिलाने का काम करू."- अंबिका देवी,राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार

15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार: बता दें कि 15 कलाकारों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिनको 50 हजार रुपये नगद और प्रशस्ति पत्र दिया गया. 14 लोगों को मेधा पुरस्कार से सम्मानित कलाकारों को 25 हजार रूपये, प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया. 15 नवंबर 2021 से 24 दिसंबर 2021 तक विभिन्न शिल्पों के लिए राज्य पुरस्कार प्रतियोगिता हुई थी. इसमें कुल 322 कलाकारों ने भाग लिया था, जिसमें चयन करते हुए 29 लोगों को सम्मानित किया गया.

राज्य पुरस्कार से सम्मानित कलाकार: अर्चना कुमारी (मधुबनी पेंटिंग), भगवान ठाकुर (मधुबनी पेंटिंग),
अंबिका देवी ( पेपरमेशी शिल्प), दीपेश सोनी (काष्ठ कला), स्वाति राज ( मेटल शिल्प), राधा कुमारी (सिक्की कला), अभिषेक कुमार (चर्म कला), हिना कुमारी (मंजूषा पेंटिंग), चंद्रकांती देवी (एप्लिक शिल्प), सुमन सिंह (सुजनी कला), अनीता पांडेय (भोजपुरी आर्ट), ज्ञांति देवी (क्रोशिया), पूजा ( टिकुली पेंटिंग), नमिता आजाद (अन्यान्य में कपड़े की गुड़िया शिल्प), एवम यशवन्त कुमार झा (अन्यान्य में सिक्की कला) को पुरस्कृत किया गया.

मेधा पुरस्कार से सम्मानित कलाकार: आभा दास (मधुबनी पेंटिंग), मंजू करण (मधुबनी पेंटिंग), अमरेश कुमार लाल दास ( मधुबनी पेंटिंग), रूबी देवी (मधुबनी पेंटिंग), रमा देवी ( मधुबनी पेंटिंग), सुनील कुमार चौधरी ( मंजूषा पेंटिंग), झना रानी( पेपरमेशी शिल्प), रूपा कुमारी ( जूट शिल्प), मीना देवी ( एप्लिक शिल्प), सुजाता कुमारी (सुजनी शिल्प), कौशिकी श्रीवास्तव ( ब्लॉक पेंटिंग ), निक्की कुमारी ( भोजपुरी आर्ट), सोनी ( टिकुली पेंटिंग), एवम जितेंद्र राय ( अन्यान्य में सिक्की कला) को पुरस्कृत किया गया.

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