पटना: उद्योग रजिस्ट्रेशन के मामले में बिहार नंबर वन है. गुजरात और महाराष्ट्र जैसे बड़े शहरों को भी बिहार ने पीछे छोड़ा है. लेकिन उद्योग रैंकिंग में बिहार का स्थान नीचे खिसक गया है. दरअसल 2015 से प्रत्येक साल 'इज ऑफ बिजनेस डूइंग' भारत के सभी राज्यों को उद्योग में रैंकिंग देता है. वर्ष 2015 से बिहार कि रैंकिंग प्रतिवर्ष बढ़ रही थी. लेकिन इस साल बिहार की रैंकिंग काफी नीचे खिसक गई है. बिहार 18 वें स्थान से 26 वें स्थान पर पहुंच गया है.
'बैंकों का कारोबारियों के प्रति उदासीन रवैया है'
कैट के अध्यक्ष कमल नोपानी ने कहा कि बिहार के पिछड़ने का सबसे बड़ा वजह बैंकों का कारोबारियों के प्रति उदासीन रवैया है. दूसरा सबसे बड़ा वजह जमीन की समस्या है. सरकार इन मसलों पर ध्यान दें और सिंगल विंडो सिस्टम को दुरुस्त कर दें, तो निश्चित ही बिहार की रैंकिंग काफी सुधर हो जाएगी. वहीं, उद्योगपति केपी केसरी ने कहा कि बिहार सरकार और उद्योग विभाग का जो ध्यान रहना चाहिए उद्योग को बढ़ाने के लिए वो नहीं दे पा रही है. ये एक बड़ा वजह है, जो सरकार के तरफ से पॉलिसी बनाई गई है, उसका जमीनी स्तर पर कार्य सहीं तरीके से नहीं हो रहा है. इसमें सुधार आ जाए, तो निश्चित तौर पर बिहार की रैंकिंग सुधर जाएगी.