पटना: बिहार सरकार सतत जीविकोपार्जन योजना के अध्ययन के लिए इंडोनेशिया का प्रतिनिधिमंडल बिहार भ्रमण पर है. बिहार आए इंडोनेशिया के प्रतिनिधियों तथा ब्रैक इंटरनेशनल के प्रतिनिधियों का ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने आज शुक्रवार 1 दिसंबर को मुख्य सचिवालय के सभागार में स्वागत किया. उन्हें सतत जीविकोपार्जन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इंडोनेशिया से आए प्रतिनिधियों को नालन्दा विश्वकविद्यालय का प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया.
योजनाओं की जानकारी लीः इंडोनेशिया से 30 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल 28 नवंबर से ही बिहार दौरा पर आया हुआ है. टीम सबसे पहले गया में सतत जीविकोपार्जन योजना देखने पहुंची. सदस्यों ने गया, बोधगया एवं आसपास के क्षेत्रों में इस योजना के लाभुकों के साथ बातचीत की. उनके जीवन शैली में हुए परिवर्तन के बारे में जाना. साथ ही इन प्रतिनिधियों ने बिहार में जीविका द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं की भी जानकारी ली.
जीविका परियोजना की दी जानकारीः टीम में शामिल इंडोनेशिया पश्चिमी सुमात्रा के गवर्नर मेहियल्दी, सलाहकार अरिजीत दत्ता को मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2006 में जीविका परियोजना की शुरुआत की थी. जिससे 1 करोड़ 30 लाख निर्धन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों एवं गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने का कार्य किया जा रहा है.
जीवन शैली में हुए बदलाव को नजदीक से जानाः पश्चिमी सुमात्रा प्रांत के गवर्नर ने अपने प्रांत में भी शराबबंदी लागू करने की बात कही. क्योंकि इन्होंने बोधगया के क्षेत्रों का परिभ्रमण कर पूर्व में ताड़ी एवं शराब के कार्य में संलग्न परिवारों से बातचीत कर सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत बिहार सरकार द्वारा उन्हें दी जा रही सहायता राशि को अन्य उद्योग में लगाने से उनके जीवन शैली में हुए साकारात्मक प्रभाव एवं बदलाव को नजदीक से जाना.
इसे भी पढ़ेंः शराबबंदी वाले बिहार में डेढ़ करोड़ लीटर नीरा उत्पादन का लक्ष्य, जानिये क्या है सरकार की योजना
इसे भी पढ़ेंः मास्क बनाने सहित जरूरी सामान बेचकर लाखों का कारोबार कर रही हैं जीविका दीदी- ग्रामीण विकास मंत्री
इसे भी पढ़ेंः 25 हजार गरीब परिवारों को सरकार देगी 2 हजार रुपये की सहायता राशि- श्रवण कुमार