पटनाः इंदिरा आईवीएफ पटना सेंटर को क्वालिटी एंड एक्रीडिटेशन इंस्टीट्यूट द्वारा एक्रीडिटेशन से सम्मानित किया गया है. इंदिरा आईवीएफ क्लिनिक ने क्यू एआई मान्यता की वृहद यात्रा शुरू की है. वर्तमान में इंदिरा आईवीएफ क्लिनिक के साथ 7 सेंटर संस्थान द्वारा मान्यता प्राप्त है, जिनमें उदयपुर, इंदौर, प्रयागराज, हुगली, कोलकाता, अहमदाबाद और पटना शामिल हैं. ईस्ट जोन में कोलकाता के बाद मान्यता प्राप्त पटना एकमात्र केंद्र है.
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पटना में हैं दो सेंटर
इंदिरा आईवीएफ पटना में दो सेंटर चलते हैं, वहीं प्रेस वार्ता के दौरान इंदिरा आईवीएफ के डॉ. दयानिधि ने बताया कि निसंतानता के बारे में गलत सूचनाओं को दूर करने के प्रयास किए जाते हैं. ऐसे में आईवीएफ फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए प्रतिभाओं को विकसित करने और निखारने के लिए भी प्रतिबद्ध है.
उन्होंने बताया कि 2015 और 2020 में उद्घाटन के बाद से दोनों केंद्रों ने 10000 दंपतियों को माता-पिता बनने में मदद की है. उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है, वैसे-वैसे बांझपन की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है.
बिहार में बढ़ रही है बांझपन की समस्या
इस मौके पर डॉ. दयानिधि ने कहा, भारत सरकार की स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त संस्था ने कीयूएआई प्रमाण पत्र दिया है, जिसको लेकर यहां के डॉक्टरों में काफी खुशी देखने को मिल रही है. महिलाओं में निसंतानता के साथ-साथ पुरुषों में भी इसकी समस्या ज्यादा हो रही है.
वहीं अब दंपति आईवीएफ की ओर से अपना रुझान दिखा रहे हैं. जिसके माध्यम से संतान की प्राप्ति हो रही है. भारत के साथ-साथ बिहार की महिलाओं में भी बांझपन की समस्या ज्यादा बढ़ती जा रही है. वहीं बढ़ते वायु प्रदूषण के साथ-साथ मानसिक तनाव और ज्यादा उम्र में लड़कियों की शादी होना भी एक कारण है.