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INDIA Alliance Seat Sharing : बिहार में इंडिया के लिए सीट शेयरिंग बड़ी चुनौती, छोटे-छोटे दलों की बड़ी उम्मीदें..

भाजपा को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों की तीन बैठक की हो चुकी हैं. मुंबई की बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर समिति बनी है. तमाम दल समझौते के मूड में हैं, लेकिन महागठबंधन के लिए बिहार में बड़ी चुनौती है. क्योंकि, लोकसभा चुनाव में 6 घटक दलों को संतुष्ट करना भी टेढ़ी खीर साबित होने वाली है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 2, 2023, 8:35 PM IST

महागठबंधन के सीट बंटवारे पर फंसेगा पेंच या कोई 'लोचा' नहीं ?

पटना : मुंबई में तमाम विपक्षी दल भाजपा को चुनौती देने के लिए एकजुट हुए. इंडिया बैनर के तले विपक्षी दल तीन बार मंथन कर चुके हैं. मुंबई की बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बनी. नेताओं ने उम्मीद जताई है कि जल्दी ही सीट शेयरिंग को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 13 सदस्यीय समन्वय समिति में तेजस्वी यादव और ललन सिंह हैं. माना जा रहा कि बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

ये भी पढ़ें- I.N.D.I.A. के लिए हेमंत सोरेन जरूरी या मजबूरी, आंकडों से जानिए 9 प्रतिशत वोट बैंक का मैथमेटिक्स

महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फार्मूला : हालांकि बिहार में आरजेडी ने सीट शेयरिंग के लिए रनरअप फॉर्मूला दिया था. यानी, जिस दल का जहां प्रभाव है, वह अपने ही राज्य पर फोकस करे. इंडिया गठबंधन में क्षेत्रीय दलों की तादाद अच्छी खासी है. तमाम दलों की महत्वाकांक्षा भी है. हर दल राष्ट्रीय दल होने की होड़ में शामिल है. बिहार के अंदर महागठबंधन में 6 घटक दल हैं और सभी दल सीटों की उम्मीद में हैं. राजद और जेडीयू हर हाल में बराबरी पर समझौता करना चाहेगी. बिहार में राजद के एक भी एमपी नहीं हैं. वाम दल भी अपने प्रभाव क्षेत्र में चुनाव लड़ना चाहेगी.

ईटीवी भारत GFX.
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बराबर बराबर सीट पर लड़ेगी जेडीयू-आरजेडी : आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है. आम आदमी पार्टी भी इंडिया के सहारे दूसरे राज्यों में पांव पसारने की फिराक में है. हाल के दिनों में बिहार के 200 से ज्यादा कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे थे. वहां बैठक हुई थी. बैठक में अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा था. आपको बता दें कि बिहार में जदयू के 16 सांसद हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू 17 सीटों पर लड़ी थी. पिछले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल 20, उपेंद्र कुशवाहा 5, कांग्रेस 8, मुकेश साहनी 3 और जीतन राम मांझी 3 सीटों पर चुनाव लड़े थे.


छोटे दलों को साथ लेना मजबूरी : लोकसभा चुनाव 2024 में भी महागठबंधन के सामने सीट शेयरिंग बड़ी चुनौती है. मिल रही जानकारी के मुताबिक राजद और जदयू 16-16 या फिर 15 -15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा कांग्रेस को पांच सीटें दी जा सकती हैं. वाम दलों के खाते में तीन सीट जा सकती है. अगर मुकेश साहनी महागठबंधन में आते हैं तो राजद और जदयू 15-15 सीटों पर लड़ेगी और दो सीटें मुकेश साहनी की पार्टी को दी जा सकती हैं.


'टेढ़ी खीर साबित होगा सीट शेयरिंग' : भाजपा प्रवक्ता जोगेंद्र पासवान ने कहा है कि ''महागठबंधन में महत्वाकांक्षी दलों की भरमार है. सभी दल अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में सीट शेयरिंग उनके लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाली है.'' राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि ''सीट शेयरिंग हम लोग आसानी से कर लेंगे, सब कुछ स्पष्ट है. सभी दलों को मालूम है कि कितने सीटों पर लड़ना है. जल्दी हम लोग इसे अंतिम रूप दे देंगे.''

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला इसी महीने कर लिया जाएगा. 2 अक्टूबर को देशभर में हम लोग बड़ा कार्यक्रम भी करने जा रहे हैं. सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं होने की संभावना है. सब कुछ आसानी से तय कर लिया जाएगा. वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि सीट शेयरिंग महागठबंधन के लिए चुनौती है, क्योंकि दलों की संख्या ज्यादा है. सब हिस्सेदारी चाहते हैं. राजद और जदयू बराबरी पर लड़ेगी. आप पार्टी भी उम्मीद लगाए बैठी है. राजद और जदयू दोनों बराबरी पर चुनाव लड़ेंगे. छोटे दलों को भी कुछ हिस्सेदारी दी जा सकती है.

महागठबंधन के सीट बंटवारे पर फंसेगा पेंच या कोई 'लोचा' नहीं ?

पटना : मुंबई में तमाम विपक्षी दल भाजपा को चुनौती देने के लिए एकजुट हुए. इंडिया बैनर के तले विपक्षी दल तीन बार मंथन कर चुके हैं. मुंबई की बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बनी. नेताओं ने उम्मीद जताई है कि जल्दी ही सीट शेयरिंग को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 13 सदस्यीय समन्वय समिति में तेजस्वी यादव और ललन सिंह हैं. माना जा रहा कि बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

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महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फार्मूला : हालांकि बिहार में आरजेडी ने सीट शेयरिंग के लिए रनरअप फॉर्मूला दिया था. यानी, जिस दल का जहां प्रभाव है, वह अपने ही राज्य पर फोकस करे. इंडिया गठबंधन में क्षेत्रीय दलों की तादाद अच्छी खासी है. तमाम दलों की महत्वाकांक्षा भी है. हर दल राष्ट्रीय दल होने की होड़ में शामिल है. बिहार के अंदर महागठबंधन में 6 घटक दल हैं और सभी दल सीटों की उम्मीद में हैं. राजद और जेडीयू हर हाल में बराबरी पर समझौता करना चाहेगी. बिहार में राजद के एक भी एमपी नहीं हैं. वाम दल भी अपने प्रभाव क्षेत्र में चुनाव लड़ना चाहेगी.

ईटीवी भारत GFX.
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बराबर बराबर सीट पर लड़ेगी जेडीयू-आरजेडी : आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है. आम आदमी पार्टी भी इंडिया के सहारे दूसरे राज्यों में पांव पसारने की फिराक में है. हाल के दिनों में बिहार के 200 से ज्यादा कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे थे. वहां बैठक हुई थी. बैठक में अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा था. आपको बता दें कि बिहार में जदयू के 16 सांसद हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू 17 सीटों पर लड़ी थी. पिछले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल 20, उपेंद्र कुशवाहा 5, कांग्रेस 8, मुकेश साहनी 3 और जीतन राम मांझी 3 सीटों पर चुनाव लड़े थे.


छोटे दलों को साथ लेना मजबूरी : लोकसभा चुनाव 2024 में भी महागठबंधन के सामने सीट शेयरिंग बड़ी चुनौती है. मिल रही जानकारी के मुताबिक राजद और जदयू 16-16 या फिर 15 -15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा कांग्रेस को पांच सीटें दी जा सकती हैं. वाम दलों के खाते में तीन सीट जा सकती है. अगर मुकेश साहनी महागठबंधन में आते हैं तो राजद और जदयू 15-15 सीटों पर लड़ेगी और दो सीटें मुकेश साहनी की पार्टी को दी जा सकती हैं.


'टेढ़ी खीर साबित होगा सीट शेयरिंग' : भाजपा प्रवक्ता जोगेंद्र पासवान ने कहा है कि ''महागठबंधन में महत्वाकांक्षी दलों की भरमार है. सभी दल अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में सीट शेयरिंग उनके लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाली है.'' राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि ''सीट शेयरिंग हम लोग आसानी से कर लेंगे, सब कुछ स्पष्ट है. सभी दलों को मालूम है कि कितने सीटों पर लड़ना है. जल्दी हम लोग इसे अंतिम रूप दे देंगे.''

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला इसी महीने कर लिया जाएगा. 2 अक्टूबर को देशभर में हम लोग बड़ा कार्यक्रम भी करने जा रहे हैं. सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं होने की संभावना है. सब कुछ आसानी से तय कर लिया जाएगा. वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि सीट शेयरिंग महागठबंधन के लिए चुनौती है, क्योंकि दलों की संख्या ज्यादा है. सब हिस्सेदारी चाहते हैं. राजद और जदयू बराबरी पर लड़ेगी. आप पार्टी भी उम्मीद लगाए बैठी है. राजद और जदयू दोनों बराबरी पर चुनाव लड़ेंगे. छोटे दलों को भी कुछ हिस्सेदारी दी जा सकती है.

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