पटना: राजधानी पटना में लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath festival of folk faith) को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. छठ घाटों की साफ-सफाई शुरू हो गई है. बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पटना के छठ घाटों का निरीक्षण किया था और अधिकारियों को व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने का आदेश दिया था. वहीं, गंगा के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई है.
ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: जेपी सेतु के पिलर से टकराया CM नीतीश का स्टीमर, छठ घाट के निरीक्षण के दौरान हादसा
खतरनाक होता जा रहा छठ घाट: पटना में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से छठ घाट खतरनाक होते जा रहे हैं. कई घाट पानी में पूरी तरिके से डूब गये हैं. इसको लेकर प्रशासन चिंतित है. क्योंकि छठ के दौरान घाट पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटती है. प्रशासन इंतजार में है कि अगर दो तीन दिनों के भीतर जलस्तर में कमी आई तो युद्ध स्तर पर कार्य कर घाटों को ठीक किया जा सके.
"इधर 3 से 4 दिनों में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कामों में भी परेशानी हो रही है. अगर 2 से 3 दिनों में गंगा का जलस्तर कम हुआ तो युद्ध स्तर पर घाटों का मरम्मत किया जायेगा. ताकि किसी प्रकार की कोई परेशानी छठ व्रतियों को न हो."- मुकेश रंजन, एसडीओ, पटनासिटी
सीएम नीतीश हर साल करते हैं छठ घाटों का निरीक्षण: हर साल छठ से पहले मुख्यमंत्री 2 से 3 बार तक गंगा घाटों का निरीक्षण करते रहे हैं और इसकी खुद मॉनिटरिंग करते हैं. पिछले साल भी गंगा घाटों पर छठ का आयोजन हुआ था लेकिन कोरोना के कारण काफी एहतियात बरता गया था. 2 साल के बाद इस बार बड़ी संख्या में लोग गंगा घाट पर पहुंचेंगे और उसको ध्यान में रखकर तैयारी शुरू हो गई है.
दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है छठ: लोक आस्था के इस पर्व को लेकर लोगो में इतनी आस्था है कि इसके संदर्भ में कई मान्यता और कहानियां प्रचलित है. बिहार में इस महापर्व को मनाने के लिए दूर-दूर से लोग अपने घर पहुंचते हैं और परिवार के साथ छठ पर्व मनाते हैं. लेकिन छठ की मान्यता अब केवल बिहार तक ही सीमित नहीं हैं. पूरी दुनिया में छठ महापर्व को लेकर श्रद्धालु उत्सुक रहते हैं. बिहार के अलावा देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों से छठ महापर्व को धूम-धाम से मनाने की तस्वीरें हर साल सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं.
ये भी पढ़ें- रोहतास में SDM-ASP ने किया छठ घाटों का निरीक्षण, घाट पर ज्यादा भीड़ के कारण होगी खास निगरानी