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वाणिज्य कर विभाग के राजस्व में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 22.35 प्रतिशत की हुई वृद्धि - राजस्व में वृद्धि

वाणिज्य-कर विभाग के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में 32,000 करोड़ राजस्व की प्राप्ति की गई है. पिछले वित्तीय वर्ष के तुलना में विभाग के माध्यम से 22.35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.

राजस्व में वृद्धि
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Published : Apr 1, 2021, 7:17 AM IST

पटना: वाणिज्य कर विभाग के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में 32,000 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है. पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग के माध्यम से 26,166 करोड़ का राजस्व संग्रहण किया गया था. पिछले वित्तीय वर्ष के तुलना में विभाग के माध्यम से 22.35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

इसे भी पढ़ें: CAG ने 2018-19 के अपनी रिपोर्ट में कई तरह के वित्तीय अनियमितता का किया खुलासा

16,000 करोड़ रुपये का राजस्व का संग्रहण
वाणिज्य कर विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार वाणिज्य कर विभाग के कुल राजस्व का 75 प्रतिशत जीएसटी से प्राप्त होता है. जीएसटी के बाहर के वस्तु जैसे- पेट्रोलियम, विद्युत शुल्क प्रोफेसनल कर से 25 प्रतिशत की राजस्व की प्राप्ति होती है. जहां तक जीएसटी राजस्व संग्रहण की स्थिति है, इसमें विभाग के माध्यम से 16,000 करोड़ रुपये का राजस्व का संग्रहण किया गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि है. जीएसटी के बाहर के वस्तुओं पर कर संग्रहण में विभाग के माध्यम से पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 10.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

राजस्व संग्रहण में 50 से 60 प्रतिशत की आई थी कमी
वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त सह सचिव डॉ प्रतिमा ने बताया कि विभाग के माध्यम से ऐसे विपरीत परिस्थितियों में भी काफी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. साथ ही राजस्व संग्रहण के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं. लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों और आर्थिक मंदी में अप्रैल, मई और जून में राजस्व संग्रहण में 50 से 60 प्रतिशत की कमी आयी थी. वहीं विभाग के अथक प्रयास के कारण वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर विभाग के माध्यम से सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है. वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त सह सचिव ने यह भी जानकारी दी कि विभाग के माध्यम से करदाताओं को कोरोना के कारण हुए कठिनाइयों को दूर करने का हर संभव प्रयास लगातार किया गया है. विभाग के माध्यम से करदाताओं की सुविधा के लिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय का कार्य भी किया गया. सरकार माध्यम से बिहार कराधान विवाद समाधान योजना (One time settlement scheme) लागू किया गया. जिसके कारण कोरोना काल में वैट से संबंधित बकाया भुगतान करने में करदाताओं को सहुलियत हुई.

ये भी पढ़ें: अब बिहार में 1 अप्रैल से राजस्व अधिकारी बनाएंगे जाति, आवासीय और आय प्रमाण पत्र

विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई बैठक
विभाग के माध्यम से बड़े करदाताओं की विवरणी दाखिल कराने के लिए लगातार अनुश्रवण किया गया. जिसके कारण पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में विवरणी दाखिल करने में भी काफी उत्साह देखने को मिली. कोरोना काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के बैठकों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कर लगातार अनुश्रवण की कार्रवाई की गयी. करदाताओं को भी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगातार सहुलियत प्रदान कराई गई. जिससे उन्हे किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई न हो.

पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में लगातार वृद्धि
पेट्रोल और डीजल के मूल्य में हो रहे लगातार बदलाव के कारण विभाग के माध्यम से पेट्रोल, डीजल के करारोपण में काफी सुधार किये गए है. जिसके कारण पेट्रोल, डीजल से भी अच्छी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति हुई है. विभाग के खुफिया टीम के माध्यम से ऐसे करदाताओं पर निगरानी रखी गयी जो इस दौरान करवंचना का प्रयास कर रहे थे. ऐसे अनेक करदाताओं जो करवंचना में शामिल पाये गये उनका क्रेडिट ब्लॉक भी किया गया. साथ ही साथ उनके विरूद्ध कार्रवाई भी की गयी. इसके परिणाम स्वरूप करदेयता में काफी वृद्धि हुई है.

कार्यों को समय पर किया गया निष्पादित
विभाग के माध्यम से सारे कार्य ऑनलाइन किए गए हैं. जिससे लॉकडाउन के बावजूद कार्यों को ससमय निष्पादित किया जा सके. वाणिज्य कर आयुक्त ने बताया कि विभिन्न व्यापारी संगठनों और करदाताओं के सहयोग के कारण विभाग के माध्यम से इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की गयी है. विभाग के सभी पदाधिकारियों के प्रयास की सराहना करते हुए आयुक्त ने बताया कि सभी पदाधिकारियों ने इन विपरित परिस्थितियों में भी काफी मेहनत और लगन से कार्य किया है. जिसके कारण विभाग के माध्यम से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिली है.

पटना: वाणिज्य कर विभाग के माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में 32,000 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है. पिछले वित्तीय वर्ष में विभाग के माध्यम से 26,166 करोड़ का राजस्व संग्रहण किया गया था. पिछले वित्तीय वर्ष के तुलना में विभाग के माध्यम से 22.35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

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16,000 करोड़ रुपये का राजस्व का संग्रहण
वाणिज्य कर विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार वाणिज्य कर विभाग के कुल राजस्व का 75 प्रतिशत जीएसटी से प्राप्त होता है. जीएसटी के बाहर के वस्तु जैसे- पेट्रोलियम, विद्युत शुल्क प्रोफेसनल कर से 25 प्रतिशत की राजस्व की प्राप्ति होती है. जहां तक जीएसटी राजस्व संग्रहण की स्थिति है, इसमें विभाग के माध्यम से 16,000 करोड़ रुपये का राजस्व का संग्रहण किया गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2.6 प्रतिशत की वृद्धि है. जीएसटी के बाहर के वस्तुओं पर कर संग्रहण में विभाग के माध्यम से पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 10.47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

राजस्व संग्रहण में 50 से 60 प्रतिशत की आई थी कमी
वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त सह सचिव डॉ प्रतिमा ने बताया कि विभाग के माध्यम से ऐसे विपरीत परिस्थितियों में भी काफी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. साथ ही राजस्व संग्रहण के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं. लॉकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों और आर्थिक मंदी में अप्रैल, मई और जून में राजस्व संग्रहण में 50 से 60 प्रतिशत की कमी आयी थी. वहीं विभाग के अथक प्रयास के कारण वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर विभाग के माध्यम से सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है. वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त सह सचिव ने यह भी जानकारी दी कि विभाग के माध्यम से करदाताओं को कोरोना के कारण हुए कठिनाइयों को दूर करने का हर संभव प्रयास लगातार किया गया है. विभाग के माध्यम से करदाताओं की सुविधा के लिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय का कार्य भी किया गया. सरकार माध्यम से बिहार कराधान विवाद समाधान योजना (One time settlement scheme) लागू किया गया. जिसके कारण कोरोना काल में वैट से संबंधित बकाया भुगतान करने में करदाताओं को सहुलियत हुई.

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विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई बैठक
विभाग के माध्यम से बड़े करदाताओं की विवरणी दाखिल कराने के लिए लगातार अनुश्रवण किया गया. जिसके कारण पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में विवरणी दाखिल करने में भी काफी उत्साह देखने को मिली. कोरोना काल के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए सभी प्रकार के बैठकों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कर लगातार अनुश्रवण की कार्रवाई की गयी. करदाताओं को भी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगातार सहुलियत प्रदान कराई गई. जिससे उन्हे किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई न हो.

पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में लगातार वृद्धि
पेट्रोल और डीजल के मूल्य में हो रहे लगातार बदलाव के कारण विभाग के माध्यम से पेट्रोल, डीजल के करारोपण में काफी सुधार किये गए है. जिसके कारण पेट्रोल, डीजल से भी अच्छी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति हुई है. विभाग के खुफिया टीम के माध्यम से ऐसे करदाताओं पर निगरानी रखी गयी जो इस दौरान करवंचना का प्रयास कर रहे थे. ऐसे अनेक करदाताओं जो करवंचना में शामिल पाये गये उनका क्रेडिट ब्लॉक भी किया गया. साथ ही साथ उनके विरूद्ध कार्रवाई भी की गयी. इसके परिणाम स्वरूप करदेयता में काफी वृद्धि हुई है.

कार्यों को समय पर किया गया निष्पादित
विभाग के माध्यम से सारे कार्य ऑनलाइन किए गए हैं. जिससे लॉकडाउन के बावजूद कार्यों को ससमय निष्पादित किया जा सके. वाणिज्य कर आयुक्त ने बताया कि विभिन्न व्यापारी संगठनों और करदाताओं के सहयोग के कारण विभाग के माध्यम से इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की गयी है. विभाग के सभी पदाधिकारियों के प्रयास की सराहना करते हुए आयुक्त ने बताया कि सभी पदाधिकारियों ने इन विपरित परिस्थितियों में भी काफी मेहनत और लगन से कार्य किया है. जिसके कारण विभाग के माध्यम से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिली है.

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