पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Bihar) तेजी से बढ़ रहा है. संक्रमण फैलने की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. अगर संक्रमण की यही स्थित रही तो एक बार फिर से अस्पतालों में बेड की मारामारी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. संक्रमण के मामले बढ़ते ही एक बार फिर से अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है. बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 3500 से अधिक है. इनमें से 121 मरीज अस्पताल में एडमिट हैं, जिसमें 39 मरीज आईसीयू बेड पर एडमिट हैं.
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राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना पेशेंट के लिए प्रदेश में 22,625 बेड हैं. सभी ऑक्सीजन सपोर्ट से लैस है. जिसमें 121 बेड पर मरीज एडमिट है और 22,504 बेड खाली हैं. इनमें आईसीयू बेड की बात करें तो आईसीयू बेड की संख्या 1637 है. जिसमें 39 पर मरीज एडमिट है और आईसीयू के 1598 बेड खाली हैं. पटना की बात करें तो पीएमसीएच में कोरोना मरीजों के लिए फिलहाल 10 बेड की व्यवस्था है. जिसमें दो पर मरीज एडमिट हैं. एनएमसीएच में 35 मरीज एडमिट है. जिसमें अधिकांश मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर है.
पटना एम्स में 10 मरीज एडमिट हैं. इनमें से 8 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर है. पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में बने डिस्ट्रिक्ट कोविड केयर सेंटर में अभी 7 पेशेंट मौजूद हैं. जनता दरबार में पॉजिटिव पाए गए लोग और एयरपोर्ट पर जांच कार्य में लगी स्वास्थ्य कर्मियों की टीम के सदस्य जो पॉजिटिव मिले उन लोगों को यहां एडमिट किया गया है. जनता दरबार में पॉजिटिव मिले चार लोगों को बुधवार को कोविड केयर सेंटर से होम आइसोलेशन के लिए डिस्चार्ज किया गया है.
सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी (Civil Surgeon Dr Vibha Kumari) ने बताया कि कोरोना के राजधानी पटना में बढ़ते मामले को देखते हुए जिले में कोरोना जांच और कांटेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. होम आइसोलेशन वाले पेशेंट को अगर सिम्टम्स है तो उनके यहां मेडिकल किट पहुंचाया जा रहा है. कई लोग जिला नियंत्रण कक्ष से मेडिकल किट लेकर के भी जा रहे हैं. पॉजिटिव पेशेंट से फोन पर बातचीत कर लगातार उनके स्वास्थ्य का अपडेट लिया जा रहा है और अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो उसे तुरंत अस्पताल में एडमिट कराने की व्यवस्था की गई है. इसको लेकर विभाग सभी अस्पतालों के संपर्क में है.
पटना में जिस प्रकार संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है, उसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग काफी सक्रिय दिख रहा है. सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि कोरोना मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए 102 हेल्थ सेंटर को मंजूरी है. जिसमें 92 प्राइवेट हॉस्पिटल्स हैं और अन्य मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और डिस्ट्रिक्ट के कोरोना केयर सेंटर शामिल है. उन्होंने बताया कि पटना में कोरोना मरीजों के लिए 1100 आईसीयू बेड सुरक्षित है और कोरोना मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए 519 डॉक्टर और 944 एएनएम की सूची तैयार की गई है और जरूरत के अनुसार इन्हें प्रतिनियुक्त किया जाएगा.
सिविल सर्जन ने कहा कि डिस्ट्रिक्ट कोविड केयर सेंटर जो पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में तैयार किया गया है, वहां अभी सात पेशेंट मौजूद हैं. इसके अलावा होटल पाटलिपुत्र अशोका में फर्स्ट फ्लोर पर पूर्व में जिस प्रकार कोरोना केयर सेंटर था उस प्रकार फिर से तैयार किया जा रहा है. कमरे की साफ सफाई पूरी करा ली गई है. जिले के डीएचएस, पीएचसी और यूपीएजसी में 2103 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है. जिले में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन के साथ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 148 बेड उपलब्ध है.
अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो इसे जरूरत के हिसाब से और बढ़ाई जाएगी. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह चौकन्ना है. सिविल सर्जन ने जानकारी दी कि सभी पीएचसी में ऑक्सीजन युक्त 5 बेड तैयार कर लिए गए हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर का चेकिंग पूरा हो गया है और सभी ऑक्सीजन सिलेंडर पूरी तरह फिलअप कर लिए गए हैं. पीएचसी और डीसीएचसी में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध है.
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