पटना: मंगलवार को बिहार विधानसभा रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. हंगामे के बाद सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी. दरअसल भाजपा विधायक लखेंद्र पासवान आंगनबाड़ी सेविका को लेकर सवाल पूछ रहे थे. मंत्री मदन सहनी जवाब दे रहे थे. इन सबके बीच विधायक पूरक प्रश्न पूछना चाहते थे लेकिन उनकी माइक को बंद कर दिया गया. सत्ता पक्ष की ओर से कहासुनी हुई और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ओर से गाली गलौज की नौबत आ गई.
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विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस: भाजपा सदस्य हंगामा करने लगे और तमाम विधायक वेल के अंदर आकर शोर-शराबा करने लगे. शोर-शराबे के बीच सत्तापक्ष की ओर से भी विधायक वेल के अंदर दाखिल हो गए. भाकपा माले विधायक सत्यदेव राम और लखेंद्र पासवान के बीच कहासुनी हुई दोनों ओर से अपशब्द कहे जाने लगे.
"सड़क से लेकर सदन तक हम जनता की आवाज उठाएंगे. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. अध्यक्ष को सबको बराबर नजर से देखना चाहिए."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
'विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश': भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार विधानसभा में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है. सत्ता पक्ष की ओर से कुछ विधायक दबंगई कर रहे हैं और गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम कभी भी डरने वाले नहीं हैं. सत्ता पक्ष की ओर से जो कुछ भी किया जा रहा है उसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.
"हम सदन में जनता की आवाज उठाने के लिए आते हैं लेकिन हमें अपमानित किया गया. दलित होने के चलते गाली गलौज की भाषा का इस्तेमाल कर अपमानित किया जा रहा है. सत्ता पक्ष की ओर से विधायक विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं."- लखेंद्र पासवान, बीजेपी विधायक