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पटना: कोरोना काल में कम्युनिटी किचन बना गरीबों का सहारा, खाने के लिए लगती है लंबी लाइन - पटना में कम्युनिटी किचन

लॉकडाउन में गरीब और दैनिक मजदूरी करने वालों को काफी समस्याएं हो रही हैं. उनकी समस्याओं को देखते हुए पटना में जिला प्रशासन द्वारा कम्युनिटी किचन चलाया जा रहा है. यह गरीबों के लिए सहारा साबित हो रही है.

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Published : May 15, 2021, 10:44 AM IST

पटना: लॉकडाउन में गरीब लोगों को खाने-पीने की दिक्कत नहीं हो, इसलिए कम्युनिटी किचन चलाया जा रहा है. कदम कुआं स्थित कम्युनिटी किचन के बाहर लंबी कतार में भोजन के इंतजार में खड़े रिक्शा और ठेला चालकों ने बताया कि अभी कमाई नहीं हो रही है. दो वक्त की रोटी पर भी आफत है. यहां गरमा-गरम खाना मिलता है. इसलिए कम्युनिटी किचन में खाना खाने आते हैं. यहां खाना काफी बेहतर मिलता है.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कई पाली में भोजन कराया जा रहा है. इसलिए देरी होती है. जब हमारे संवाददाता ने कम्युनिटी किचन का जायजा लिया तो देखा कि सबसे पहले जो भी लोग कम्युनिटी किचन में खाना खाने आते हैं, उनकी एंट्री होती है. एंट्री कराने के बाद उन्हें भोजन दिया जाता है.

ये भी पढें- सारण: अधिकारियों ने कम्युनिटी किचन और वैक्सीनेशन सेंटर का किया निरीक्षण, जारी किए निर्देश

गरीबों को मिलता है बढ़िया खाना
नोडल पदाधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि इस कम्युनिटी किचन में खाना यहीं पर बनता है. सुबह में 11 बजे से 2 बजे तक और शाम में 6 बजे से 9 बजे तक खाना खिलाया जाता है. खाने में चावल, दाल, सब्जी रहती है, तो कभी-कभी कढ़ी, चावल और सब्जी दी जाती है. खाने की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाता है.

खाने के लिए लगती हैं लंबी-लंबी लाइन
खाने के लिए लगती हैं लंबी-लंबी लाइन

ये भी पढें- अररिया: MLA के निरीक्षण के बाद कम्युनिटी किचन का स्थानांतरण

खाने के लिए लगी रहती है भीड़
खाने के लिए इसलिए भीड़ लग जाती है क्योंकि एक पाली में सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए केवल 20 से 25 लोग ही बैठ सकते हैं. जब वे खा लेते हैं, उसके बाद ही अगले 20 से 25 लोगों की एंट्री होती है.

उन्होंने बताया कि शुरुआत में तो कम लोग आ रहे थे. लेकिन अभी के समय में दोनों समय मिलाकर करीब 1000 से अधिक लोग खाना खाने आ रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी खुद इसकी मॉनिटरिंग करते हैं. हाल ही में डिप्टी सीएम ने भी यहां पर आकर निरीक्षण किया था.

पटना: लॉकडाउन में गरीब लोगों को खाने-पीने की दिक्कत नहीं हो, इसलिए कम्युनिटी किचन चलाया जा रहा है. कदम कुआं स्थित कम्युनिटी किचन के बाहर लंबी कतार में भोजन के इंतजार में खड़े रिक्शा और ठेला चालकों ने बताया कि अभी कमाई नहीं हो रही है. दो वक्त की रोटी पर भी आफत है. यहां गरमा-गरम खाना मिलता है. इसलिए कम्युनिटी किचन में खाना खाने आते हैं. यहां खाना काफी बेहतर मिलता है.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कई पाली में भोजन कराया जा रहा है. इसलिए देरी होती है. जब हमारे संवाददाता ने कम्युनिटी किचन का जायजा लिया तो देखा कि सबसे पहले जो भी लोग कम्युनिटी किचन में खाना खाने आते हैं, उनकी एंट्री होती है. एंट्री कराने के बाद उन्हें भोजन दिया जाता है.

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गरीबों को मिलता है बढ़िया खाना
नोडल पदाधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि इस कम्युनिटी किचन में खाना यहीं पर बनता है. सुबह में 11 बजे से 2 बजे तक और शाम में 6 बजे से 9 बजे तक खाना खिलाया जाता है. खाने में चावल, दाल, सब्जी रहती है, तो कभी-कभी कढ़ी, चावल और सब्जी दी जाती है. खाने की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाता है.

खाने के लिए लगती हैं लंबी-लंबी लाइन
खाने के लिए लगती हैं लंबी-लंबी लाइन

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खाने के लिए लगी रहती है भीड़
खाने के लिए इसलिए भीड़ लग जाती है क्योंकि एक पाली में सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए केवल 20 से 25 लोग ही बैठ सकते हैं. जब वे खा लेते हैं, उसके बाद ही अगले 20 से 25 लोगों की एंट्री होती है.

उन्होंने बताया कि शुरुआत में तो कम लोग आ रहे थे. लेकिन अभी के समय में दोनों समय मिलाकर करीब 1000 से अधिक लोग खाना खाने आ रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी खुद इसकी मॉनिटरिंग करते हैं. हाल ही में डिप्टी सीएम ने भी यहां पर आकर निरीक्षण किया था.

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