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महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की तबीयत में सुधार

तकरीबन 40 साल से मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया से पीड़ित वशिष्ठ नारायण सिंह पटना के एक अपार्टमेंट में गुमनामी का जीवन बिता रहे हैं. अब भी किताब, कॉपी और एक पेंसिल उनकी सबसे अच्छी दोस्त है.

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Published : Oct 6, 2019, 10:04 AM IST

Updated : Oct 6, 2019, 1:04 PM IST

वशिष्ठ नारायण सिंह, गणितज्ञ

पटना: महान गणितज्ञ डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह की तबीयत में सुधार हो रहा है. उनका ब्लड प्रेशर लो और शरीर में सोडियम की मात्रा कम हो गई थी. इस वजह से वो बीएन कॉलेज स्थित अपने आवास पर ही बेहोश हो गए थे, इसके बाद परिवारवलों ने उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया. फिलहाल, वो आईसीयू में हैं.

वशिष्ठ नारायण सिंह को दो अक्टूबर को पीएमसीएच में भर्ती किया गया था. पीएमसीएच अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि वशिष्ठ नारायण सिंह की हालत स्थिर है. उनका इलाज बेहतर तरीके से हो रहा है. जांच में सोडियम कम पाया गया है. उन्होंने बताया कि उनका ब्लड टेस्ट, ईसीजी, एक्सरे और सिटी स्कैन कराया गया है, जिसके बाद डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह को आईसीयू में रखा गया है.

पीएमसीएच के आइसीयू में वशिष्ठ नारायण सिंह को कराया गया भर्ती

ये महान गणितज्ञ अपने देश में ही हो गये गुम
एक वक्त था जब वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपने रिसर्च और प्रतिभा से नासा और आईआईटी सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था. लेकिन अचानक वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि वह अपने ही राज्य में एक गुमनाम जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए. वर्ष 1997 में उन्हें सीजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी ने जकड़ लिया, जिससे वो आज तक मुक्त नहीं हो पाए.

mathematician Vashistha Narayan Singh
वशिष्ठ नारायण सिंह
  • बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1942 को जिले के बसंतपुर गांव में हुआ था.
  • नेतरहाट विद्यालय से उन्होंने प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल की शिक्षा प्राप्त की.
  • मैट्रिक और इंटरमीडिएट दोनों कक्षाओं में बिहार टॉपर रहे.
  • पांच भाई-बहनों के परिवार में आर्थिक तंगी हमेशा डेरा जमाए रहती थी. लेकिन इससे उनकी प्रतिभा पर ग्रहण नहीं लगा.
  • वशिष्ठ नारायण सिंह को पटना के साइंस कॉलेज में प्रथम वर्ष में ही बीएससी ऑनर्स की परीक्षा देने की अनुमति दे दी थी.
  • 1963 में वे कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में शोध के लिए गए.
  • 1969 में उन्होंने कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में पी.एच.डी. प्राप्त की.
  • चक्रीय सदिश समष्टि सिद्धांत पर किये गए उनके शोध कार्य ने उन्हें भारत और विश्व में प्रसिद्ध कर दिया.
  • इसके बाद नासा के एसोसिएट साइंटिस्ट प्रोफेसर के पद पर बहाल हुए.
  • नौकरी के तुरंत बाद वर्ष 1971 में उन्होंने शादी कर ली, लेकिन उनका वैवाहिक जीवन कुछ ज्यादा दिन नहीं चला.
  • कुछ ही वर्षों में उनकी पत्नी भी उनसे अलग हो गई.
    mathematician Vashistha Narayan Singh
    वशिष्ठ नारायण सिंह
  • वह 1972 में हमेशा के लिए भारत आ गए और आईआईटी कानपुर के लेक्चरर बने.
  • 5 वर्षों के बाद वो अचानक सीजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित हो गए.
  • इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन बेहतर इलाज नहीं होने के कारण वहां से भाग गए.
  • चार वर्षों के बाद 1992 में उन्हें सिवान में एक पेड़ के नीचे बैठे देखा गया.
  • 2014 में भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी, मधेपुरा में बतौर विजिटिंग प्रोफेसर एक गेस्ट फैकल्टी दिया गया.
  • उन्हें फिर उनके परिवार के पास लाया गया. कुछ दिनों तक सरकार ने उनके इलाज की व्यवस्था की, लेकिन उसके बाद कोई ध्यान नहीं दिया गया.
    mathematician Vashistha Narayan Singh
    वशिष्ठ नारायण सिंह

आंइस्टीन को चुनौती देने वाले बिहार के गणितज्ञ
डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टिन के सिद्धांत (E = mc2) और गौस की थ्योरी, जो गणित में रेयरेस्ट जीनियस कहा जाता है, उसको चैलेंज किया था. कहा जाता है कि एक बार जब अपोलो मिशन के समय, डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह नासा में थे. तब अचानक कम्प्यूटर में खराबी आई तो उन्होंने अपनी उंगलियों से ही गिनना शुरू कर दिया और उनकी गिनती सही साबित हुई थी.

mathematician Vashistha Narayan Singh
वशिष्ठ नारायण सिंह

इतने महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज अपने मानसिक रोग के बाद भी गणित का साथ नहीं छोड़ा और कागज नहीं मिलने पर दीवारों पर गणित बनाते हुए सवाल हल करते रहते हैं.

पटना: महान गणितज्ञ डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह की तबीयत में सुधार हो रहा है. उनका ब्लड प्रेशर लो और शरीर में सोडियम की मात्रा कम हो गई थी. इस वजह से वो बीएन कॉलेज स्थित अपने आवास पर ही बेहोश हो गए थे, इसके बाद परिवारवलों ने उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया. फिलहाल, वो आईसीयू में हैं.

वशिष्ठ नारायण सिंह को दो अक्टूबर को पीएमसीएच में भर्ती किया गया था. पीएमसीएच अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि वशिष्ठ नारायण सिंह की हालत स्थिर है. उनका इलाज बेहतर तरीके से हो रहा है. जांच में सोडियम कम पाया गया है. उन्होंने बताया कि उनका ब्लड टेस्ट, ईसीजी, एक्सरे और सिटी स्कैन कराया गया है, जिसके बाद डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह को आईसीयू में रखा गया है.

पीएमसीएच के आइसीयू में वशिष्ठ नारायण सिंह को कराया गया भर्ती

ये महान गणितज्ञ अपने देश में ही हो गये गुम
एक वक्त था जब वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपने रिसर्च और प्रतिभा से नासा और आईआईटी सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था. लेकिन अचानक वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि वह अपने ही राज्य में एक गुमनाम जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए. वर्ष 1997 में उन्हें सीजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी ने जकड़ लिया, जिससे वो आज तक मुक्त नहीं हो पाए.

mathematician Vashistha Narayan Singh
वशिष्ठ नारायण सिंह
  • बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह का जन्म 2 अप्रैल 1942 को जिले के बसंतपुर गांव में हुआ था.
  • नेतरहाट विद्यालय से उन्होंने प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल की शिक्षा प्राप्त की.
  • मैट्रिक और इंटरमीडिएट दोनों कक्षाओं में बिहार टॉपर रहे.
  • पांच भाई-बहनों के परिवार में आर्थिक तंगी हमेशा डेरा जमाए रहती थी. लेकिन इससे उनकी प्रतिभा पर ग्रहण नहीं लगा.
  • वशिष्ठ नारायण सिंह को पटना के साइंस कॉलेज में प्रथम वर्ष में ही बीएससी ऑनर्स की परीक्षा देने की अनुमति दे दी थी.
  • 1963 में वे कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में शोध के लिए गए.
  • 1969 में उन्होंने कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय में पी.एच.डी. प्राप्त की.
  • चक्रीय सदिश समष्टि सिद्धांत पर किये गए उनके शोध कार्य ने उन्हें भारत और विश्व में प्रसिद्ध कर दिया.
  • इसके बाद नासा के एसोसिएट साइंटिस्ट प्रोफेसर के पद पर बहाल हुए.
  • नौकरी के तुरंत बाद वर्ष 1971 में उन्होंने शादी कर ली, लेकिन उनका वैवाहिक जीवन कुछ ज्यादा दिन नहीं चला.
  • कुछ ही वर्षों में उनकी पत्नी भी उनसे अलग हो गई.
    mathematician Vashistha Narayan Singh
    वशिष्ठ नारायण सिंह
  • वह 1972 में हमेशा के लिए भारत आ गए और आईआईटी कानपुर के लेक्चरर बने.
  • 5 वर्षों के बाद वो अचानक सीजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से ग्रसित हो गए.
  • इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन बेहतर इलाज नहीं होने के कारण वहां से भाग गए.
  • चार वर्षों के बाद 1992 में उन्हें सिवान में एक पेड़ के नीचे बैठे देखा गया.
  • 2014 में भूपेंद्र नारायण मंडल यूनिवर्सिटी, मधेपुरा में बतौर विजिटिंग प्रोफेसर एक गेस्ट फैकल्टी दिया गया.
  • उन्हें फिर उनके परिवार के पास लाया गया. कुछ दिनों तक सरकार ने उनके इलाज की व्यवस्था की, लेकिन उसके बाद कोई ध्यान नहीं दिया गया.
    mathematician Vashistha Narayan Singh
    वशिष्ठ नारायण सिंह

आंइस्टीन को चुनौती देने वाले बिहार के गणितज्ञ
डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आइंस्टिन के सिद्धांत (E = mc2) और गौस की थ्योरी, जो गणित में रेयरेस्ट जीनियस कहा जाता है, उसको चैलेंज किया था. कहा जाता है कि एक बार जब अपोलो मिशन के समय, डॉक्टर वशिष्ठ नारायण सिंह नासा में थे. तब अचानक कम्प्यूटर में खराबी आई तो उन्होंने अपनी उंगलियों से ही गिनना शुरू कर दिया और उनकी गिनती सही साबित हुई थी.

mathematician Vashistha Narayan Singh
वशिष्ठ नारायण सिंह

इतने महान गणितज्ञ डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज अपने मानसिक रोग के बाद भी गणित का साथ नहीं छोड़ा और कागज नहीं मिलने पर दीवारों पर गणित बनाते हुए सवाल हल करते रहते हैं.

Intro:देश-दुनिया में गणित के फॉर्मूलों का लोहा मनवाने वाले हमारे अपने बिहार से जुड़े वशिष्ठ नारायण सिंह की तबीयत काफी बिगड़ गई है और वे फिलहाल कई दिनों से पटना के पीएमसीएच के आइसीयू में भर्ती हैं , दरसल वसिष्ठ नारायण सिजोफ्रेनिया की बीमारी से ग्रसित बताए जाते है और फिलहाल इनका इलाज पटना के पीएमसीएच अस्पताल के आईसीयू वार्ड मे चल रहा है....

Body:अपने गणित के फार्मूले से देश-दुनिया को लोहा मनवाने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह को एक बार देखने पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि क्या ये वही शख्स है, जिसने आइंस्टीन के सिद्धांत को चुनौती दी थी , इन्ही ने नासा जैसे सनाथान में भी भारत का मान बढाया था, आज आरा से 15 किलोमीटर दूर अपने गांव बसंतपुर में गुमनाम और परेशान रहे.....

अस्पताल में मौजिद परिजनों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को ही कंपकपी होने के बाद उनका रक्तचाप लो हो गया और उन्हें आनन फानन मेंउन्एमसीएच में भर्ती कराया गया ...

वही पीसीएच अस्पताल अधीक्षक के अनुसार उन्हें वसिष्ठ नारायण जी के पीएमसीएच के भर्ती होने की सूचना मिलते ही तत्काल प्रभाव से उनका इलाज प्रारंभ कर दिया है ,उनका ब्लड टेस्ट, ईसीजी, एक्सरे, सिटी स्कैन कराया गया है , डा. वसिष्ठ को आईसीयू में रखा गया है दरसल गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह मूल रूप से भोजपुर जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बसंतपुर गांव के निवासी हैं....


Conclusion:दरसल वशिष्ठ नारायण सिंह देश के प्रसिद्ध गणितज्ञ है और वे बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी तेज थे ,कहा जाता है कि पटना साइंस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वह अपने अध्यापकों को भी गलती पर टोक दिया करते थे , कई बार क्लासरूम में ऐसे कठिन सवाल करते कि अध्यापक भी झेप जाते और थककर अध्यापक ने इनकी शिकायत प्राचार्य तक से कर दी थी और उसके बाद प्राचार्य ने उन्हें गणित के कई कठिन प्रश्न दिए , आश्चर्य कि बात ये रही कि उन्होंने एक ही सवाल को कई तरीके से हल करके दिखा दिया ....


1973 मे उनका विवाह वंदना रानी के साथ हुआ , 1974 मे
डॉ वसिष्ठ को मानसिक दौरे आने लगे , उनका रांची मे इलाज हुआ , लंबे समय तक डॉ साहब गायब रहे फिर 1992 में वे सिवान से मिले , तब से उनका इलाज चल रहा है और आज वो गंभीर स्थिति में पटना के पीएमसीएच में भर्ती हैं और आज इस महान गणितज्ञ का सुध बुध लेने वाला कोई नही है इसे एक विडंबना ही कहिए....
Last Updated : Oct 6, 2019, 1:04 PM IST
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