पटना: जीवन सुगमता सूचकांक में पटना 109वें से 33वें स्थान पर पहुंच गया है. इससे नगर निगम के अधिकारियों को स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंक में भी पटना को बेहतर रैंक मिलने की उम्मीद है. पिछले साल भारत सरकार द्वारा स्वच्छता को लेकर कराए गए सर्वे में पटना सबसे निचले पायदान पर था. पटना को 47वां स्थान मिला था. इस बार टॉप 20 में आने की नगर निगम की कवायद है.
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पटना नगर निगम की रैंक में सुधार
पटना नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम को लेकर जो रैंक जारी हुई है, इससे ये साबित होता है कि शहर में काम हो रहा है. स्वच्छता के लिए सभी वार्डों में सफाई को लेकर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. जो वार्ड बेहतर प्रदर्शन करेगा उसे पुरस्कृत भी किया जाएगा. इससे स्वच्छता रैंकिंग में सुधार होगा. नगर निगम तकनीकी मामलों में भी लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है.
''पिछले साल स्वच्छता रैंकिंग में खराब प्रदर्शन को लेकर जो किरकिरी हुई थी. ऐसा दोबारा ना हो इस पर हमारा विशेष ध्यान है. इस साल जो स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में हमें उम्मीद है कि इस बार हमारा शहर स्वच्छता के मामले में अच्छा प्रदर्शन करेगा''- इंद्रदीप चंद्रवंशी, स्टैंडिंग कमिटी सदस्य, पीएमसी
2021 में भारत सरकार द्वारा नगर निगम प्रदर्शन सूचकांक और जीवन सुगमता सूचकांक में पटना नगर निगम के बेहतर प्रदर्शन की बदौलत रैंक में सुधार हुआ है. इससे शहर और निगम प्रशासन काफी खुश नजर आ रहे हैं.
पटना की रैंक में सुधार का कारण
- जीवन की गुणवत्ता
राजधानी पटना में जीवन की गुणवत्ता की बिंदुओं की समीक्षा की गई.
शहर में शिक्षा की उपलब्धता की समीक्षा की गई.
पटना की साक्षरता दर, ड्रॉपआउट रेट, शिक्षकों की उपलब्धता शिक्षा पर शहरवासियों का खर्च का आकलन किया.
स्वास्थ्य मामले में उपचार केंद्रों की व्यवस्था, शहरवासियों के स्वास्थ्य पर खर्च, हेल्थ केयर विशेषज्ञों की उपलब्धता और अस्पतालों में बेड की व्यवस्था की समीक्षा की.
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, आवास की व्यवस्था, सुरक्षा, पार्क, प्लेग्राउंड की व्यवस्था की समीक्षा की.
इसमें शहर को 47.02 अंक मिले और देशभर में शहर का स्थान 42वां रहा. - आर्थिक क्षमता राजधानी
पटना क्षेत्र में लोगों की आर्थिक क्षमता का भी आकलन केंद्रीय टीम द्वारा किया गया.
शहर में आर्थिक विकास का स्तर, आर्थिक विकास के अवसर पर उपभोग व्यय बेहतर है.
समीक्षा के क्रम में केंद्रीय सर्वे टीम ने शहर को 24.61 अंक दिए हैं. - संवहनियता
पटना शहरी क्षेत्र में पर्यावरण, हरित क्षेत्र, ऊर्जा खपत, पार्क, पौधारोपण आदि बिंदुओं की समीक्षा की गई.
केंद्रीय टीम ने पटना शहर को 49.32 अंक दिए हैं.
इस आधार पर राजधानी को देश में 44वां स्थान मिल पाया है. - नागरिकों का अनुभव
शहर वासियों से स्कूल, अस्पताल, कानून व्यवस्था और कचरा संग्रहण से संबंधित 13 से 14 सवाल पूछे गए.
शहर वासियों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर शहर का मूल्यांकन किया गया.
केंद्रीय टीम ने राजधानी पटना को 77.50 अंक दिए.
देशभर में नागरिकों के अनुभव के आधार पर पटना 22वें स्थान पर पहुंच गया है.
जीवन सुगमता सूचकांक में मिला 33वां स्थान
केंद्र सरकार की ओर से जीवन सुगमता सूचकांक में शहर को कुल 53.26 अंक मिले हैं. इसकी बदौलत पटना नगर निगम को 33वां स्थान प्राप्त हो गया है. दोनों सूचकांक में विभिन्न श्रेणी में कुल 150 सवालों से जुड़े आंकड़ों के आधार पर शहर की रैंकिंग तय की गई है. ये आंकड़े निगम के साथ-साथ पुलिस परिवहन, आवासन, शिक्षा, स्वास्थ्य , उद्योग, प्रदूषण, पथ-निर्माण आदि से लिया गया है.
प्रदर्शन सूचकांक में 51 शहरों ने लिया भाग
बता दें कि पटना नगर निगम ने 49.25 अंकों के साथ इस सूची में 16वां स्थान हासिल किया है. केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार ने देशभर के नगर निगमों की रैंकिंग उनके प्रदर्शन के आधार पर जारी की है. 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले कुल 51 शहरों के बीच हुई प्रतिस्पर्धा में पटना को ये स्थान प्राप्त हुआ है. गुरुवार को केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई सूची के नतीजे देशभर के नगर निकायों के कार्यों का प्रदर्शन का आकलन किया गया.
पटना नगर निगम का बेहतर प्रदर्शन
खामियों को दूर करने और नगर पालिकाओं को बेहतर नियोजन एवं प्रबंधन के लिए केंद्र ने जनवरी 2020 में पहला नगर पालिका प्रदर्शन सूचकांक 2019 लॉन्च किया था. शहरों में प्रदर्शन के आधार पर सूचकांक के तहत अंक दिए गए हैं. पटना नगर निगम देश में 9वें स्थान पर है. नगरपालिका प्रदर्शन सूचकांक में देशभर में कुल 100 स्मार्ट सिटी और 10 लाख से आबादी वाले 14 शहरों ने हिस्सा लिया. जिसमें निगम ने टॉप 20 की सूची हासिल की है.
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अब इस सूची में मिले बेहतर अंक की बदौलत पटना नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में बेहतर रैंक मिले, इसकी तैयारी बेहतर ढंग से करने में जुटा हुआ है. निगम प्रशासन के अधिकारियों की माने तो इस बार जो रैंक केंद्र सरकार से मिलेगी, उसमें पटना पिछले साल की अपेक्षा इस बार बेहतर कर सकता है. देखने वाली बात होगी कि इन दोनों सूचकांक में मिले बेहतर अंक के बाद स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना को कितने अंक मिलते हैं.