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पुलिस की कार्रवाई के बाद भी नहीं रुक रहा अवैध बालू खनन, देर शाम एक्टिव हो जाते हैं माफिया

खनन विभाग और पुलिस के अधिकारी लगातार अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. इसके बाद भी सोन नदी में बालू की लूट नहीं रुक रही. पुलिस के हटते ही बालू माफिया एक्टिव हो जाते हैं.

Illegal sand mining
अवैध बालू खनन
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Published : Jul 27, 2021, 9:09 PM IST

पटना: अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर बिहार पुलिस (Bihar Police) और खनन विभाग की तरफ से लगातार कार्रवाई करने के बाद भी बालू की लूट नहीं रुक रही. बालू खनन पर रोक के बाद भी सोन नदी में अवैध खनन किया जा रहा है. इसे रोकने के लिए खनन विभाग और स्थानीय पुलिस की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है.

यह भी पढ़ें- अवैध बालू खनन में लिप्त अफसरों की संपत्ति की जांच कर रही है आर्थिक अपराध इकाई

खनन विभाग के अधिकारियों और भोजपुर एसपी विनय तिवारी के नेतृत्व में चलाए जा रहे अभियान के तहत रविवार को 9 नाव के साथ 40 मजदूरों को पकड़ा गया था. सोमवार को भी डेढ़ दर्जन नाव जब्त किया गया. पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई करने पर भी बालू माफिया बाज नहीं आ रहे हैं. पुलिस के हटते ही देर शाम बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त धंधेबाज सैकड़ों की संख्या में नाव लेकर कोइलवर पुल के करीब बालू खनन में जुट जाते हैं. बालू माफियाओं में पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा है.

देखें वीडियो

"बालू खनन कुछ जिलों में सीमित है. इन जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. अवैध बालू खनन के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में भोजपुर, सारण, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर में बड़ी संख्या में अवैध बालू खनन से जुड़े केस दर्ज हुए हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. यह अभियान लगातार चलता रहेगा." जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

अवैध बालू खनन के संबंध में पटना में 2018 से 2021 के दौरान 425 एफआईआर दर्ज किए गए. इनमें से 295 में चार्जशीट दाखिल हुई और 579 लोगों की गिरफ्तारी हुई. बांका में 2019 से 2021 के बीच 486 एफआईआर दर्ज किए गए और 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जमुई में मार्च 2020 से लेकर अब तक 51 प्राथमिकी दर्ज कर 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

Illegal sand mining in bihar
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

बता दें कि भवन निर्माण के लिए सोन नदी के बालू की भारी मांग है. भोजपुर जिले के कोइलवर में बालू का बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जाता है. बालू को गंगा, सरयू और गंडक के रास्ते पटना, सारण और वैशाली पहुंचाया जाता है. इसके बाद बालू को नाव से अनलोड किया जाता है और ट्रकों में भरकर उत्तर बिहार और पूर्वांचल के जिलों में भेजा जाता है. प्रतिदिन दो से ढाई हजार नाव से सोन नदी से बालू का अवैध खनन होता है. माफिया बालू के अवैध धंधे के लिए बड़ी नाव का इस्तेमाल करते हैं. इनपर 14 ट्रक तक बालू लोड हो सकता है.

आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit) ने अवैध बालू खनन में संलिप्त पाए गए पुलिसकर्मियों, खान, राजस्व एवं परिवहन विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. अवैध बालू खनन मामले में बिहार सरकार ने 2 एसपी समेत 41 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम सबूत इकठ्ठा कर रही है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जल्द ही अधिकारियों और कर्मचारियों को विभाग की ओर से शो-कॉज किया जाएगा. उन्हें 1 हफ्ते के अंदर अपना पक्ष रखना होगा.

यह भी पढ़ें- VIDEO: लाल बालू का काला खेल, पुलिस के जाते ही रात के अंधेरों में सैकड़ों नावों से ऐसे होती है लूट

यह भी पढ़ें- बिहार में 'पीला सोना' से 'काली कमाई' कर रहे नक्सली, करोड़ों के हो रहे वारे-न्यारे

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यह भी पढ़ें- बिहार में बालू-गिट्टी के अवैध कारोबारियों पर सख्ती, अब जब्त होगी संपत्ति

पटना: अवैध बालू खनन (Illegal Sand Mining) को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर बिहार पुलिस (Bihar Police) और खनन विभाग की तरफ से लगातार कार्रवाई करने के बाद भी बालू की लूट नहीं रुक रही. बालू खनन पर रोक के बाद भी सोन नदी में अवैध खनन किया जा रहा है. इसे रोकने के लिए खनन विभाग और स्थानीय पुलिस की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है.

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खनन विभाग के अधिकारियों और भोजपुर एसपी विनय तिवारी के नेतृत्व में चलाए जा रहे अभियान के तहत रविवार को 9 नाव के साथ 40 मजदूरों को पकड़ा गया था. सोमवार को भी डेढ़ दर्जन नाव जब्त किया गया. पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई करने पर भी बालू माफिया बाज नहीं आ रहे हैं. पुलिस के हटते ही देर शाम बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त धंधेबाज सैकड़ों की संख्या में नाव लेकर कोइलवर पुल के करीब बालू खनन में जुट जाते हैं. बालू माफियाओं में पुलिस का खौफ नहीं दिख रहा है.

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"बालू खनन कुछ जिलों में सीमित है. इन जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. अवैध बालू खनन के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में भोजपुर, सारण, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर में बड़ी संख्या में अवैध बालू खनन से जुड़े केस दर्ज हुए हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. यह अभियान लगातार चलता रहेगा." जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

अवैध बालू खनन के संबंध में पटना में 2018 से 2021 के दौरान 425 एफआईआर दर्ज किए गए. इनमें से 295 में चार्जशीट दाखिल हुई और 579 लोगों की गिरफ्तारी हुई. बांका में 2019 से 2021 के बीच 486 एफआईआर दर्ज किए गए और 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जमुई में मार्च 2020 से लेकर अब तक 51 प्राथमिकी दर्ज कर 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

Illegal sand mining in bihar
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

बता दें कि भवन निर्माण के लिए सोन नदी के बालू की भारी मांग है. भोजपुर जिले के कोइलवर में बालू का बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जाता है. बालू को गंगा, सरयू और गंडक के रास्ते पटना, सारण और वैशाली पहुंचाया जाता है. इसके बाद बालू को नाव से अनलोड किया जाता है और ट्रकों में भरकर उत्तर बिहार और पूर्वांचल के जिलों में भेजा जाता है. प्रतिदिन दो से ढाई हजार नाव से सोन नदी से बालू का अवैध खनन होता है. माफिया बालू के अवैध धंधे के लिए बड़ी नाव का इस्तेमाल करते हैं. इनपर 14 ट्रक तक बालू लोड हो सकता है.

आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit) ने अवैध बालू खनन में संलिप्त पाए गए पुलिसकर्मियों, खान, राजस्व एवं परिवहन विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की संपत्ति की जांच शुरू कर दी है. अवैध बालू खनन मामले में बिहार सरकार ने 2 एसपी समेत 41 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम सबूत इकठ्ठा कर रही है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जल्द ही अधिकारियों और कर्मचारियों को विभाग की ओर से शो-कॉज किया जाएगा. उन्हें 1 हफ्ते के अंदर अपना पक्ष रखना होगा.

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