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बिहार में फल-फूल रहा बालू का काला खेल, सरकार नहीं लगा पा रही रोक

बिहार में इन दिनों बालू का काला खेल काफी फल-फूल रहा है. अवैध बालू खनन से क्षेत्र में बड़े-बड़े बालू माफिया खूब फल-फूल रहे हैं. सरकार अवैध बालू उत्खनन रोकने के लिए मीटिंग पर मीटिंग करती है, लेकिन इसे रोकने में नाकाम साबित होती है.

illegal sand mining
लाल बालू का काला खेल
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Published : Mar 18, 2021, 9:48 PM IST

पटना: बिहार में इन दिनों बालू का काला खेल काफी फल-फूल रहा है. गंगा नदी में सैकड़ों नाव लगातार अवैध बालू खनन में लगी हुई हैं. दीघा पुल से तस्वीर साफ दिखती है. गंगा में नाव से बालू खनन किया जाता है. यह देखकर प्रतीत होता है मानो बोट रेसिंग हो रही हो.

यह भी पढ़ें- बिहार के मंत्रियों के बंगले की कहानी, किसी के लिए लकी तो किसी के लिए रहा अनलकी

सरकार भले ही लाख दावा क्यों न करें, अपनी पीठ खुद थपथपाए, लेकिन बालू का अवैध खनन आज का मामला नहीं है. यह वर्षों से चला आ रहा है. इस अवैध कारोबार से बालू खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं और सरकार को राजस्व का घाटा हो रहा है. यह मामला सिर्फ पटना का नहीं है. पटना के आसपास के नदियों से जुड़े अन्य जिलों में भी यही हाल है.

देखें रिपोर्ट

खूब फल-फूल रहे बालू माफिया
अवैध बालू खनन से क्षेत्र में बड़े-बड़े बालू माफिया खूब फल-फूल रहे हैं. बालू माफियाओं का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि वे पुलिस पर भी हमला कर देते हैं. छपरा का डोरीगंज हो या भोजपुर का कोईलवर या पटना का दीघा घाट. इन सभी जगह पुलिस के नाक के नीचे ही लाल बालू का काला कारोबार चल रहा है.

बालू माफिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. गंगा नदी में बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन हो रहा है. अवैध खनन में लगे माफियाओं को किसी का डर नहीं है. रोज सुबह से शाम तक गंगा में ऐसे ही नाव का मेला लगा रहता है और बालू खनन चलता रहता है.

sand mining
बालू खनन करते लोग.

पुलिस की आंख के सामने होता है काला खेल
जिस तरह से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है, इसका सीधा असर पर्यावरण और जलीय जीवों पर भी पड़ रहा है. बिहार सरकार और विभाग के मंत्री इस पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. दीघा थाना से लेकर दीघा हाट तक बालू से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली सड़क किनारे सजे रहते हैं. वे ग्राहकों का इंतजार करते रहते हैं. पुलिस प्रशासन की आंख के सामने ही अवैध बालू का काला खेल होता है.

Sand load tractor trolley
बालू लोड ट्रैक्टर ट्रॉली

पटना में बालू का रेट 5500 रुपए फिट है. दूरी बढ़ने पर रेट भी बढ़ जाता है. माफिया बालू को गंगा नदी से निकालकर अपनी मर्जी से बेच रहे हैं. सरकार अवैध बालू उत्खनन रोकने के लिए मीटिंग पर मीटिंग करती है, लेकिन इसे रोकने में नाकाम साबित होती है. खाना पूर्ति के लिए छापेमारी तो खूब होती है.

बदल गई गंगा की जलधारा
अवैध खनन का असर गंगा नदी पर पड़ रहा है. गंगा में जगह-जगह गड्ढे हो जाते हैं. गंगा की जलधारा भी बदल गई है. दिन प्रतिदिन गंगा पटना से दूर जा रही है. आखिर क्यों अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रहा है यह पूछे जाने पर विभाग के मंत्री जनक राम ने कहा "आपके माध्यम से खबर पता चला है. इसकी जांच कराएंगे."

Mining Minister Janak Ram
खनन मंत्री जनक राम

"अवैध बालू खनन रोकना मेरे लिए चुनौती है. मैंने इसे स्वीकार किया है. छापेमारी भी बार-बार कराई जाती है. शहर से लेकर जिला तक टास्क फोर्स बना है. समय-समय पर छापेमारी और गिरफ्तारी होती है. गाड़ी जब्त की जाती है."- जनक राम, खनन मंत्री

सवाल तो यह था मंत्री जी कि बार-बार छापेमारी होती है. गाड़ी जब्त की जाती है. लोगों की गिरफ्तारी भी की जाती है. इसके बावजूद ये कौन लोग हैं जो डरते नहीं फिर अवैध खनन करने लगते हैं. विपक्ष इसको लेकर लगातार हमलवार रहता है. विपक्ष सरकार पर अवैध बालू खनन को लेकर आरोप लगाता है कि सरकार के संरक्षण में अवैध बालू का खेल किया जाता है. राजधानी पटना के दीघा थाना में जब अवैध बालू का खेल हो रहा है तो ऐसे में प्रदेश के अन्य जिलों में बालू माफियाओं का मनोबल क्यों नहीं बढ़ेगा?

पटना: बिहार में इन दिनों बालू का काला खेल काफी फल-फूल रहा है. गंगा नदी में सैकड़ों नाव लगातार अवैध बालू खनन में लगी हुई हैं. दीघा पुल से तस्वीर साफ दिखती है. गंगा में नाव से बालू खनन किया जाता है. यह देखकर प्रतीत होता है मानो बोट रेसिंग हो रही हो.

यह भी पढ़ें- बिहार के मंत्रियों के बंगले की कहानी, किसी के लिए लकी तो किसी के लिए रहा अनलकी

सरकार भले ही लाख दावा क्यों न करें, अपनी पीठ खुद थपथपाए, लेकिन बालू का अवैध खनन आज का मामला नहीं है. यह वर्षों से चला आ रहा है. इस अवैध कारोबार से बालू खनन माफिया मालामाल हो रहे हैं और सरकार को राजस्व का घाटा हो रहा है. यह मामला सिर्फ पटना का नहीं है. पटना के आसपास के नदियों से जुड़े अन्य जिलों में भी यही हाल है.

देखें रिपोर्ट

खूब फल-फूल रहे बालू माफिया
अवैध बालू खनन से क्षेत्र में बड़े-बड़े बालू माफिया खूब फल-फूल रहे हैं. बालू माफियाओं का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि वे पुलिस पर भी हमला कर देते हैं. छपरा का डोरीगंज हो या भोजपुर का कोईलवर या पटना का दीघा घाट. इन सभी जगह पुलिस के नाक के नीचे ही लाल बालू का काला कारोबार चल रहा है.

बालू माफिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. गंगा नदी में बड़े पैमाने पर बालू का अवैध खनन हो रहा है. अवैध खनन में लगे माफियाओं को किसी का डर नहीं है. रोज सुबह से शाम तक गंगा में ऐसे ही नाव का मेला लगा रहता है और बालू खनन चलता रहता है.

sand mining
बालू खनन करते लोग.

पुलिस की आंख के सामने होता है काला खेल
जिस तरह से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है, इसका सीधा असर पर्यावरण और जलीय जीवों पर भी पड़ रहा है. बिहार सरकार और विभाग के मंत्री इस पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. दीघा थाना से लेकर दीघा हाट तक बालू से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली सड़क किनारे सजे रहते हैं. वे ग्राहकों का इंतजार करते रहते हैं. पुलिस प्रशासन की आंख के सामने ही अवैध बालू का काला खेल होता है.

Sand load tractor trolley
बालू लोड ट्रैक्टर ट्रॉली

पटना में बालू का रेट 5500 रुपए फिट है. दूरी बढ़ने पर रेट भी बढ़ जाता है. माफिया बालू को गंगा नदी से निकालकर अपनी मर्जी से बेच रहे हैं. सरकार अवैध बालू उत्खनन रोकने के लिए मीटिंग पर मीटिंग करती है, लेकिन इसे रोकने में नाकाम साबित होती है. खाना पूर्ति के लिए छापेमारी तो खूब होती है.

बदल गई गंगा की जलधारा
अवैध खनन का असर गंगा नदी पर पड़ रहा है. गंगा में जगह-जगह गड्ढे हो जाते हैं. गंगा की जलधारा भी बदल गई है. दिन प्रतिदिन गंगा पटना से दूर जा रही है. आखिर क्यों अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रहा है यह पूछे जाने पर विभाग के मंत्री जनक राम ने कहा "आपके माध्यम से खबर पता चला है. इसकी जांच कराएंगे."

Mining Minister Janak Ram
खनन मंत्री जनक राम

"अवैध बालू खनन रोकना मेरे लिए चुनौती है. मैंने इसे स्वीकार किया है. छापेमारी भी बार-बार कराई जाती है. शहर से लेकर जिला तक टास्क फोर्स बना है. समय-समय पर छापेमारी और गिरफ्तारी होती है. गाड़ी जब्त की जाती है."- जनक राम, खनन मंत्री

सवाल तो यह था मंत्री जी कि बार-बार छापेमारी होती है. गाड़ी जब्त की जाती है. लोगों की गिरफ्तारी भी की जाती है. इसके बावजूद ये कौन लोग हैं जो डरते नहीं फिर अवैध खनन करने लगते हैं. विपक्ष इसको लेकर लगातार हमलवार रहता है. विपक्ष सरकार पर अवैध बालू खनन को लेकर आरोप लगाता है कि सरकार के संरक्षण में अवैध बालू का खेल किया जाता है. राजधानी पटना के दीघा थाना में जब अवैध बालू का खेल हो रहा है तो ऐसे में प्रदेश के अन्य जिलों में बालू माफियाओं का मनोबल क्यों नहीं बढ़ेगा?

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