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बिहार में भू-माफियाओं के हौसले बुलंद, मंदिर बनाकर हड़प रहे सरकारी जमीन

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Published : Apr 10, 2021, 6:41 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 7:39 PM IST

भू-माफियाओं की काली नजर बिहार की सरकारी जमीनों पर है. ऐसे में इनके लिए जमीनों पर मंदिर बनाकर कब्जा करना सबसे आसान तरीका है. बिना भूमि बंदोबस्ती वाले इन मंदिरों की जमीनों पर खतरा मंडराता रहता है. प्रशासन के नाक के नीचे ये पूरा खेल हो रहा लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. माना जा रहा है कि इसमें मंदिर से जुड़े लोगों की मिली भगत भी रहती है.

Illegal occupation of government land
Illegal occupation of government land

पटना: प्रदेश में सरकारी जमीन को भू माफियाओं से बचाना मुश्किल हो रहा है. सरकार की जमीन पर भू माफिया अवैध कब्जा कर रहे हैं. जमीन कब्जाने के लिए भू माफिया मंदिर बनाने का सबसे आसान तरीका अख्तियार करते हैं. जिसमें मंदिर से जुड़े लोगों की संलिप्तता की बातें भी सामने आ रही हैं.

Illegal occupation of government land
पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर

यह भी पढ़ें- बिहार में बिना भूमि बंदोबस्ती वाले मंदिरों से नहीं हो रही आय: किशोर कुणाल

जमीन का खेल

देखें ये रिपोर्ट
सबसे बड़ी विडंबना ये है कि भू माफियाओं का मकड़ जाल फैलता जा रहा है लेकिन इसे रोक पाने के लिए आजतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. कई मंदिर तो ऐसे भी हैं जिसे महंत ने ही हड़प लिया है. इतना ही नहीं मंदिर की जमीन भी बेच दी जाती है.

'ऐसे बहुत सारे मंदिर हैं जिसको महंत द्वारा भी हड़पा गया है और उस मंदिर की जमीन को वो मालिक समझ कर बेच भी देते हैं. ऐसे में कहीं से किसी महंत या पुजारी के द्वारा शिकायत मिलने पर दूसरे पक्ष को नोटिस भी भेजा जाता है. ऐसे में दोनों पक्षों को बुलाया जाता है उसके बाद धार्मिक न्यास परिषद दोनों पक्ष की बात सुनने के बाद ही निर्णय लेती है'- अखिलेश कुमार जैन, अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद

Illegal occupation of government land
ईटीवी भारत gfx
Illegal occupation of government land
अखिलेश कुमार जैन, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद अध्यक्ष

'कबीर मठ में अवैध निर्माण'
बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष ने बताया कि बईमानों द्वारा हड़पे मंदिरों में सबसे ज्वलंत मुद्दा कबीर मठ का है. कबीर मठ के पास काफी जमीन है. धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से कई बार यहां हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए आदेश जारी किए गए, लेकिन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. लगभग एक साल पहले मठ की एक चाहरदीवारी तोड़कर पुनः निर्माण कराया जा रहा था. बताया गया कि चारदीवारी तोड़कर मठ का ढेर सारा जमीन भू माफियाओं को देने की साजिश की गई थी.

कई ऐसे मंदिर जिनके पास अपनी जमीन नहीं
अभी भी ऐसे कितने मंदिर हैं जिसकी न तो कोई अपनी जगह है ना उस मंदिर से कोई आय प्राप्त होता है लेकिन सामाजिक लोग ही उस मंदिर की देखरेख करते हैं और उस मंदिर के निर्माण में सहभागिता देते हैं. धीरे-धीरे ऐसे मंदिरों की जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है. इससे एक और बड़ा नुकसान हो रहा है. मंदिर तो कई हैं लेकिन उनमें से अधिकतर बिना भूमि बंदोबस्ती के हैं. ऐसे में इनसे कुछ आय नहीं हो पाता है.

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ईटीवी भारत gfx
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लोदीपुर स्थित दुर्गा मंदिर

महावीर मंदिर की सबसे ज्यादा कमाई
आपको बता दें कि बिहार के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है पटना जंक्शन का हनुमान मंदिर जो अपनी कमाई से कई सामाजिक काम करता है यानी कि कह सकते हैं की महावीर मंदिर की कमाई से महावीर कैंसर संस्थान के साथ-साथ महावीर वात्सल्य अस्पताल भी चलता है. प्रदेश में आपदा आने के समय में मुख्यमंत्री राहत कोष में भी दान किया जाता है. इसके साथ ही राजधानी पटना में ऐसे कई मंदिर हैं जिसकी अपनी ना जमीन है ना भूमि बंदोबस्ती है.

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ईटीवी भारत gfx

8 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े मंदिर
राजधानी में असमाजिक तत्वों द्वारा सड़क के किनारे हड़पे गए जमीन पर मंदिर बना दिया गया है. उस मंदिर से उतनी आय तो नहीं प्राप्त होती है लेकिन इस मंदिर पर रहने वाले पुजारी और आसपास के लोग पूजा जरूर करते हैं. वहीं बिहार में लगभग 8000 छोटे-बड़े ऐसे मंदिर हैं ,लेकिन बहुत सारे मंदिरों के पास तो अपनी जगह तक नहीं है. सरकारी जमीन में असमाजिक तत्वों द्वारा मंदिर का निर्माण करा दिया गया है.

Illegal occupation of government land
मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़

'हमारे परिषद में 4500 मंदिर है, और अधिकांश ऐसे मंदिर हैं जिसको अपनी भूमि बंदोबस्ती से आय प्राप्त हो रही है और आय प्राप्त होने के साथ-साथ वह अपने मंदिर निर्माण या पूजा पाठ में आय का खर्च करते हैं.'- अखिलेश कुमार जैन, अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद

'ऐसे बहुत कम मंदिर हैं जिनसे आय की प्राप्ति होती है. अपने दस साल के कार्यकाल में कई मंदिरों को अतिक्रमणमुक्त कराया. सर्किल ऑफिसर द्वारा बहुत सारे मंदिरों की बंदोबस्ती की गई, लेकिन पैसा ट्रेजरी में जमा हो गया. मंदिर के खाते में पैसा नहीं आया.'- किशोर कुणाल, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष

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किशोर कुणाल, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष

भू माफियाओं के हौसले बुलंद
एक तरफ जमीन हथियाने के लिए मंदिर निर्माण किया जाता है. फिर मंदिर पर कब्जा कर जमीन बेचने का खेल शुरू हो जाता है. सार्वजनिक स्थलों पर अवैध कब्जे को लेकर कानून काफी सख्त है. बावजूद इसके बिहार में मंदिर की आड़ में जमीन हड़पने का सिलसिला जारी है. इससे साफ है कि इन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए जो व्यवस्था की गई है उसका पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- सरकारी भवनों में कब्जा कर चल रहा अवैध कारोबार, सरकार ने भवनों को खाली कराने का दिया आदेश

पटना: प्रदेश में सरकारी जमीन को भू माफियाओं से बचाना मुश्किल हो रहा है. सरकार की जमीन पर भू माफिया अवैध कब्जा कर रहे हैं. जमीन कब्जाने के लिए भू माफिया मंदिर बनाने का सबसे आसान तरीका अख्तियार करते हैं. जिसमें मंदिर से जुड़े लोगों की संलिप्तता की बातें भी सामने आ रही हैं.

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पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर

यह भी पढ़ें- बिहार में बिना भूमि बंदोबस्ती वाले मंदिरों से नहीं हो रही आय: किशोर कुणाल

जमीन का खेल

देखें ये रिपोर्ट
सबसे बड़ी विडंबना ये है कि भू माफियाओं का मकड़ जाल फैलता जा रहा है लेकिन इसे रोक पाने के लिए आजतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. कई मंदिर तो ऐसे भी हैं जिसे महंत ने ही हड़प लिया है. इतना ही नहीं मंदिर की जमीन भी बेच दी जाती है.

'ऐसे बहुत सारे मंदिर हैं जिसको महंत द्वारा भी हड़पा गया है और उस मंदिर की जमीन को वो मालिक समझ कर बेच भी देते हैं. ऐसे में कहीं से किसी महंत या पुजारी के द्वारा शिकायत मिलने पर दूसरे पक्ष को नोटिस भी भेजा जाता है. ऐसे में दोनों पक्षों को बुलाया जाता है उसके बाद धार्मिक न्यास परिषद दोनों पक्ष की बात सुनने के बाद ही निर्णय लेती है'- अखिलेश कुमार जैन, अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद

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अखिलेश कुमार जैन, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद अध्यक्ष

'कबीर मठ में अवैध निर्माण'
बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष ने बताया कि बईमानों द्वारा हड़पे मंदिरों में सबसे ज्वलंत मुद्दा कबीर मठ का है. कबीर मठ के पास काफी जमीन है. धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से कई बार यहां हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिए आदेश जारी किए गए, लेकिन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. लगभग एक साल पहले मठ की एक चाहरदीवारी तोड़कर पुनः निर्माण कराया जा रहा था. बताया गया कि चारदीवारी तोड़कर मठ का ढेर सारा जमीन भू माफियाओं को देने की साजिश की गई थी.

कई ऐसे मंदिर जिनके पास अपनी जमीन नहीं
अभी भी ऐसे कितने मंदिर हैं जिसकी न तो कोई अपनी जगह है ना उस मंदिर से कोई आय प्राप्त होता है लेकिन सामाजिक लोग ही उस मंदिर की देखरेख करते हैं और उस मंदिर के निर्माण में सहभागिता देते हैं. धीरे-धीरे ऐसे मंदिरों की जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है. इससे एक और बड़ा नुकसान हो रहा है. मंदिर तो कई हैं लेकिन उनमें से अधिकतर बिना भूमि बंदोबस्ती के हैं. ऐसे में इनसे कुछ आय नहीं हो पाता है.

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लोदीपुर स्थित दुर्गा मंदिर

महावीर मंदिर की सबसे ज्यादा कमाई
आपको बता दें कि बिहार के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है पटना जंक्शन का हनुमान मंदिर जो अपनी कमाई से कई सामाजिक काम करता है यानी कि कह सकते हैं की महावीर मंदिर की कमाई से महावीर कैंसर संस्थान के साथ-साथ महावीर वात्सल्य अस्पताल भी चलता है. प्रदेश में आपदा आने के समय में मुख्यमंत्री राहत कोष में भी दान किया जाता है. इसके साथ ही राजधानी पटना में ऐसे कई मंदिर हैं जिसकी अपनी ना जमीन है ना भूमि बंदोबस्ती है.

Illegal occupation of government land
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8 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े मंदिर
राजधानी में असमाजिक तत्वों द्वारा सड़क के किनारे हड़पे गए जमीन पर मंदिर बना दिया गया है. उस मंदिर से उतनी आय तो नहीं प्राप्त होती है लेकिन इस मंदिर पर रहने वाले पुजारी और आसपास के लोग पूजा जरूर करते हैं. वहीं बिहार में लगभग 8000 छोटे-बड़े ऐसे मंदिर हैं ,लेकिन बहुत सारे मंदिरों के पास तो अपनी जगह तक नहीं है. सरकारी जमीन में असमाजिक तत्वों द्वारा मंदिर का निर्माण करा दिया गया है.

Illegal occupation of government land
मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़

'हमारे परिषद में 4500 मंदिर है, और अधिकांश ऐसे मंदिर हैं जिसको अपनी भूमि बंदोबस्ती से आय प्राप्त हो रही है और आय प्राप्त होने के साथ-साथ वह अपने मंदिर निर्माण या पूजा पाठ में आय का खर्च करते हैं.'- अखिलेश कुमार जैन, अध्यक्ष, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद

'ऐसे बहुत कम मंदिर हैं जिनसे आय की प्राप्ति होती है. अपने दस साल के कार्यकाल में कई मंदिरों को अतिक्रमणमुक्त कराया. सर्किल ऑफिसर द्वारा बहुत सारे मंदिरों की बंदोबस्ती की गई, लेकिन पैसा ट्रेजरी में जमा हो गया. मंदिर के खाते में पैसा नहीं आया.'- किशोर कुणाल, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष

Illegal occupation of government land
किशोर कुणाल, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष

भू माफियाओं के हौसले बुलंद
एक तरफ जमीन हथियाने के लिए मंदिर निर्माण किया जाता है. फिर मंदिर पर कब्जा कर जमीन बेचने का खेल शुरू हो जाता है. सार्वजनिक स्थलों पर अवैध कब्जे को लेकर कानून काफी सख्त है. बावजूद इसके बिहार में मंदिर की आड़ में जमीन हड़पने का सिलसिला जारी है. इससे साफ है कि इन माफियाओं पर नकेल कसने के लिए जो व्यवस्था की गई है उसका पालन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- सरकारी भवनों में कब्जा कर चल रहा अवैध कारोबार, सरकार ने भवनों को खाली कराने का दिया आदेश

Last Updated : Apr 10, 2021, 7:39 PM IST
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