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कोरोना महामारी के कारण चुनावी साल में 'इफ्तार की सियासत' पर लगी ब्रेक - बिहार विधानसभा का चुनाव

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर साल धूमधाम से अपने आवास पर इफ्तार का आयोजन करते थे. जिसमें कई दलों के नेता शामिल होते थे. जेडीयू, लोजपा, आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों की ओर से भी इफ्तार का आयोजन किया जाता रहा है. लेकिन इस बार ये संभव नहीं है.

Patna
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Published : May 24, 2020, 8:11 PM IST

पटनाः देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण चुनावी साल में राजनीतिक गतिविधियां ठप हैं. कोरोना महामारी का इफ्तार पार्टियों पर भी जबरदस्त असर पड़ा है. इस बार मुख्यमंत्री आवास से लेकर कहीं भी इफ्तार का आयोजन नहीं हुआ. चुनावी साल में इफ्तार पार्टी के बहाने खूब सियासत होती रही है, लेकिन इस बार इस पर कोरोना का ब्रेक लग गया है.

Patna
मुख्यमंत्री आवास की पिछले साल की इफ्तार पार्टी

सियासी मंसूबे के संकेत
25 मई को ईद है, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि बिहार में कहीं भी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर साल धूमधाम से अपने आवास पर इफ्तार का आयोजन करते थे. जिसमें कई दलों के नेता शामिल होते थे. जेडीयू, लोजपा, आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों की ओर से भी इफ्तार का आयोजन किया जाता रहा है. जिसमें पहुंचकर कई नेता अपने सियासी मंसूबे के संकेत देते रहे हैं.

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जेडीयू की पिछले साल की इफ्तार पार्टी

'इफ्तार को सियासत से जोड़ना सही नहीं'
बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि इफ्तार को सियासत से जोड़ना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जान है तभी जहान है. संजय टाइगर ने कहा कि जब हम रहेंगे तभी पूजा, कोई इबादत, इफ्तार पार्टी या राजनीति होगी.

देखें पूरी रिपोर्ट

बिहार विधानसभा चुनाव
इफ्तार पार्टी नहीं होने से कई नेताओं के मंसूबे चुनावी साल में धरे के धरे रह गए हैं. ऐसे तो बिहार विधानसभा का चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने वाला है. लेकिन चुनाव आयोग के फैसले के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा. फिलहाल इफ्तार पार्टी के नहीं होने से कई राजनेताओं को मायूसी हाथ लगी है.

पटनाः देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण चुनावी साल में राजनीतिक गतिविधियां ठप हैं. कोरोना महामारी का इफ्तार पार्टियों पर भी जबरदस्त असर पड़ा है. इस बार मुख्यमंत्री आवास से लेकर कहीं भी इफ्तार का आयोजन नहीं हुआ. चुनावी साल में इफ्तार पार्टी के बहाने खूब सियासत होती रही है, लेकिन इस बार इस पर कोरोना का ब्रेक लग गया है.

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मुख्यमंत्री आवास की पिछले साल की इफ्तार पार्टी

सियासी मंसूबे के संकेत
25 मई को ईद है, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि बिहार में कहीं भी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर साल धूमधाम से अपने आवास पर इफ्तार का आयोजन करते थे. जिसमें कई दलों के नेता शामिल होते थे. जेडीयू, लोजपा, आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों की ओर से भी इफ्तार का आयोजन किया जाता रहा है. जिसमें पहुंचकर कई नेता अपने सियासी मंसूबे के संकेत देते रहे हैं.

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जेडीयू की पिछले साल की इफ्तार पार्टी

'इफ्तार को सियासत से जोड़ना सही नहीं'
बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि इफ्तार को सियासत से जोड़ना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जान है तभी जहान है. संजय टाइगर ने कहा कि जब हम रहेंगे तभी पूजा, कोई इबादत, इफ्तार पार्टी या राजनीति होगी.

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बिहार विधानसभा चुनाव
इफ्तार पार्टी नहीं होने से कई नेताओं के मंसूबे चुनावी साल में धरे के धरे रह गए हैं. ऐसे तो बिहार विधानसभा का चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने वाला है. लेकिन चुनाव आयोग के फैसले के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा. फिलहाल इफ्तार पार्टी के नहीं होने से कई राजनेताओं को मायूसी हाथ लगी है.

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