पटनाः बिहार के पटना में महिला पर्यवेक्षक का धरना प्रदर्शन हो रहा है. तीन दिवसीय यह धरना 26 अप्रैल तक चलेगा. इसके बाद भी सरकार ने प्रयवेक्षक की मांग को नहीं मानी तो ये लोग उग्र आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंग साथ ही आत्मदाह की भी चेतावनी दी है. महिला पर्यवेक्षक अपनी मानदेय को बढ़ाने की मांग कर रही है. मंगलवार को मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. सरकार से मानदेय दोगुना करने की मांग की. महिला पर्यवेक्षक समाज कल्याण विभाग में पदस्थापित हैं और महिलाओं के लिए चल रहे कल्याणकारी योजना को भी आगे बढ़ाने की मांग करती है.
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माानदेय पर हुई थी बहालीः धरनास्थल पर मौजूद महिला पर्यवेक्षक पुष्पा सिंह ने कहा कि हमलोग लगातार 12 साल से महिला पर्यवेक्षक के रूप में काम कर रहे हैं. मानदेय पर हमलोग को समाज कल्याण विभाग में बहाली हुई थी. बाद में सरकार ने मानदेय बढ़ाने संबंधी अधिसूचना भी जारी की लेकिन अभी तक मानदेय में बढ़ोतरी नहीं हुई है. उसी मांग को लेकर आज हमलोग भूख हड़ताल पर हैं और आगे भी हमारा आंदोलन जारी रहेगा. ये सरकार गूंगी बहरी हो गई है. हमारी मांगों को सुन नहीं रही है. इस मांग को लेकर हड़ताल करना पड़ रहा है.
सचिवालय का करेंगे घेरावः महिला पर्यवेक्षक स्मृति सिंह का कहना है की हमलोग ने अपने जिंदगी का गोल्डन पीरियड इस जॉब को दिया है. और सरकार हमारे मानदेय को नहीं बढ़ा रही है. हमलोग के साथ अन्याय हो रहा है. अब हमलोग इसे बर्दास्त नहीं कर सकते हैं. यही कारण है कि तीन दिवसीय भख हड़ताल पर उतरे हैं. तीन दिनों तक हमलोग भूख हड़ताल पर रहेंगे. उसके बाद विभाग का घेराव करेंगे. सरकार को हमारी मांग को मानना ही होगा.
"सरकार हमारी मांग को नही मानती है तो भूख हड़ताल के बाद विभाग का घेराव करेंगे. अगर सरकार उसके बाद भी मांग को नहीं मानेगी तो हमलोग सचिवालय के सामने जाकर आगामी 28 अप्रैल को सामूहिक आत्मदाह करेंगे." - प्रीति रानी, अध्यक्ष, बिहार राज्य महिला पर्यवेक्षक संघ