पटना: जिले के गौरीचक थाना में पुलिस कस्टडी में 30 वर्षीय व्यक्ति धर्मेंद्र मांझी की पुलिस की पिटाई से मौत मामले में मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. कई स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित इस खबर पर बिहार मानवाधिकार आयोग के सदस्य उज्जवल कुमार दुबे ने इसपर संज्ञान लिया है.
आयोग का मानना है कि यह काफी गंभीर मामला है. आयोग के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह मानवाधिकार हनन का मामला प्रतीत होता है. घटना से संबंधित समाचार पत्रों की कटिंग की छाया प्रति सलंग्न कर 11 फरवरी 2021 से पहले जिला अधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक से इस घटना से संबंधित विस्तृत जानकारी मांगी गई है.
18 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
आयोग ने तथ्यात्मक प्रतिवेदन की मांग के साथ-साथ धर्मेंद्र मांझी की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति के संबंध में भी तत्काल प्रतिवेदन समर्पित करने के लिए डीएम से अनुरोध किया है. मानवाधिकार आयोग ने पटना के एसएसपी से सभी विषयों पर जांच कर 11 फरवरी 2021 तक रिपोर्ट मांगी है. साथ ही डीएम से मृतक की आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी मांगी है. आयोग द्वारा इस मामले में अगली सुनवाई 18 फरवरी को की जाएगी.
थाने में मौत के बाद परिजनों ने काटा बवाल
बता दें कि गौरीचक थाना अंतर्गत धर्मेंद्र मांझी की कथित तौर पर पुलिस पिटाई के दौरान थाने में ही बीते शनिवार को मौत हो गई. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को गौरीचक बाईपास को पूरी तरह जाम कर आगजनी किया. स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव कर पथराव भी किया. मामले को बढ़ता देख अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर आक्रोशित ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था.