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korea education system:आपको पता है, दक्षिण कोरिया में कैसे होती पढ़ाई? भारत से कितनी अलग है वहां की शिक्षा व्यवस्था

Bihar News भारत की शिक्षा व्यवस्था (Indian education system) से कोरिया की शिक्षा व्यवस्था में काफी बदलाव हैं. वहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य कामों में भी लगाया जाता है. इससे बच्चों के सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है. पटना कॉलेज के कुरियन लैंग्वेज सेंटर की प्रमुख ने कोरिया शिक्षा व्यवस्था के बारे में बताया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 24, 2023, 7:20 PM IST

ग्रेस ली, कुरियन लैंग्वेज सेंटर की प्रमुख

पटना: दक्षिण कोरिया (South Korea) का नाम सभी ने सुना होगा. वहां के कल्चर, बच्चों की पढाई, रहन-सहन से ज्यादातर लोग अनजान होंगे. क्या आपने कभी सोचा है कि वहां की शिक्षा व्यावस्था कैसी होगी. वहां के स्कूल और स्कूलों में दी जाने वाली सुविधा कैसी होगी? इसके बारे में जानना है तो यह खबर आपके लिए हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता ने साउथ कोरिया के ग्रेस ली से बात की. जिसमें उन्होंने कोरिया की शिक्षा व्यवस्था के बारे में बताया. ग्रेस ली कॉलेज के कुरियन लैंग्वेज सेंटर की प्रमुख और साउथ कोरिया की निवासी हैं.

यह भी पढ़ेंः Bihar News : उर्दू-फारसी और अरबी विषयों के लिए विशेष TET-STET पर विचार, शिक्षा विभाग की बड़ी पहल

"कोरिया में पढ़ाई को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है. वहीं पढ़ाई के साथ साथ बच्चों को सोशल काम में भी लगाया जाता है. इसका नंबर भी दिया जाता है. इस नंबर से बच्चों को अच्छे कॉलेज में दाखिला मिल पाता है. यहां आर्ट, कल्चर और संगीत भी सिखाया जाता है." -ग्रेस ली, कुरियन लैंग्वेज सेंटर की प्रमुख

कोरिया में पढ़ाई को देते हैं महत्वः भारत के बच्चे बहुत स्मार्ट हैं. बच्चे पढ़ाई भी अच्छा करते हैं. साउथ कोरिया में भी पढ़ाई को बहुत महत्व दिया जाता है. वहां के लोग कितने भी गरीब हों, बच्चों को स्कूल भेजने का काम करते हैं. आठवीं, नौवीं व दसवीं में जाते हैं तो परीक्षा के समय सुबह में 4 बजे से लाइब्रेरी में पढ़ते हैं. जब रेगुलर क्लास खत्म हो जाता है तो स्कूल में रहकर क्लास रूम में रात में 10 बजे तक स्टडी करते हैं. बच्चे की क्लास 3 बजे खत्म होती है. फिर उसके मां-बाप कोचिंग में भेज देते हैं.

कोरियन व अंग्रेजी भाषा का महत्वः कोरिया में कई तरह के इंस्ट्रूमेंट होते हैं. जहां संगीत सिखाया जाता है. मैथ और फिजिक्स जैसे अलग-अलग क्षेत्र में स्टडी के लिए ट्यूशन जाते हैं. कोरियन बच्चों के जीवन में सुबह से लेकर रात तक केवल पढ़ाई रहती है. कोरिया में तीन चीजों पर फोकस किया जाता है. पहली कोरियन भाषा, दूसरी इंग्लिश और तीसरा मैथ, इन तीन चीजों का बहुत महत्व है.

सोशल सर्विस ज्यादा जरूरीः कोरियन सरकार के एजुकेशन सिस्टम में दो चीजें महत्वपूर्ण है. बच्चों में सोशल सर्विस का अनुभव. इसलिए आज इतने बच्चे सोशल सर्विस करते हैं. उसका भी नंबर मिलता है. सोशल सर्विस ज्यादा करने से अच्छे कॉलेज में जाने का मौका मिलता है. बच्चों के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट और स्पोर्ट्स पर भी ध्यान दिया जाता है. केवल पढ़ाई करके दिमाग में ज्ञान नहीं भरता. तंदुरुस्ती भी अच्छी होनी चाहिए. इसलिए म्यूजिक, आर्ट व स्पोर्ट्स में भी बेहतर करना होता है.

इंडिया में अच्छे लोगः हमारे यहां के जर्नलिस्ट जब इंडिया आते हैं तो तरह-तरह के क्षेत्रों की वीडियो बनाते हैं. उसे कोरियन ब्रॉडकास्ट द्वारा दिखाया जाता है. उसके द्वारा कोरिया के आम लोग इंडिया के बारे में जानकारी लेते हैं. तरह-तरह प्लेस, यहां के फेमस लोग जैसे महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी के बारे में वीडियो के द्वारा कोरियन ब्रॉडकास्टिंग में दिखाया जाता है. हम लोगों को उससे काफी जानकारी मिलती है.

ग्रेस ली, कुरियन लैंग्वेज सेंटर की प्रमुख

पटना: दक्षिण कोरिया (South Korea) का नाम सभी ने सुना होगा. वहां के कल्चर, बच्चों की पढाई, रहन-सहन से ज्यादातर लोग अनजान होंगे. क्या आपने कभी सोचा है कि वहां की शिक्षा व्यावस्था कैसी होगी. वहां के स्कूल और स्कूलों में दी जाने वाली सुविधा कैसी होगी? इसके बारे में जानना है तो यह खबर आपके लिए हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता ने साउथ कोरिया के ग्रेस ली से बात की. जिसमें उन्होंने कोरिया की शिक्षा व्यवस्था के बारे में बताया. ग्रेस ली कॉलेज के कुरियन लैंग्वेज सेंटर की प्रमुख और साउथ कोरिया की निवासी हैं.

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"कोरिया में पढ़ाई को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है. वहीं पढ़ाई के साथ साथ बच्चों को सोशल काम में भी लगाया जाता है. इसका नंबर भी दिया जाता है. इस नंबर से बच्चों को अच्छे कॉलेज में दाखिला मिल पाता है. यहां आर्ट, कल्चर और संगीत भी सिखाया जाता है." -ग्रेस ली, कुरियन लैंग्वेज सेंटर की प्रमुख

कोरिया में पढ़ाई को देते हैं महत्वः भारत के बच्चे बहुत स्मार्ट हैं. बच्चे पढ़ाई भी अच्छा करते हैं. साउथ कोरिया में भी पढ़ाई को बहुत महत्व दिया जाता है. वहां के लोग कितने भी गरीब हों, बच्चों को स्कूल भेजने का काम करते हैं. आठवीं, नौवीं व दसवीं में जाते हैं तो परीक्षा के समय सुबह में 4 बजे से लाइब्रेरी में पढ़ते हैं. जब रेगुलर क्लास खत्म हो जाता है तो स्कूल में रहकर क्लास रूम में रात में 10 बजे तक स्टडी करते हैं. बच्चे की क्लास 3 बजे खत्म होती है. फिर उसके मां-बाप कोचिंग में भेज देते हैं.

कोरियन व अंग्रेजी भाषा का महत्वः कोरिया में कई तरह के इंस्ट्रूमेंट होते हैं. जहां संगीत सिखाया जाता है. मैथ और फिजिक्स जैसे अलग-अलग क्षेत्र में स्टडी के लिए ट्यूशन जाते हैं. कोरियन बच्चों के जीवन में सुबह से लेकर रात तक केवल पढ़ाई रहती है. कोरिया में तीन चीजों पर फोकस किया जाता है. पहली कोरियन भाषा, दूसरी इंग्लिश और तीसरा मैथ, इन तीन चीजों का बहुत महत्व है.

सोशल सर्विस ज्यादा जरूरीः कोरियन सरकार के एजुकेशन सिस्टम में दो चीजें महत्वपूर्ण है. बच्चों में सोशल सर्विस का अनुभव. इसलिए आज इतने बच्चे सोशल सर्विस करते हैं. उसका भी नंबर मिलता है. सोशल सर्विस ज्यादा करने से अच्छे कॉलेज में जाने का मौका मिलता है. बच्चों के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट और स्पोर्ट्स पर भी ध्यान दिया जाता है. केवल पढ़ाई करके दिमाग में ज्ञान नहीं भरता. तंदुरुस्ती भी अच्छी होनी चाहिए. इसलिए म्यूजिक, आर्ट व स्पोर्ट्स में भी बेहतर करना होता है.

इंडिया में अच्छे लोगः हमारे यहां के जर्नलिस्ट जब इंडिया आते हैं तो तरह-तरह के क्षेत्रों की वीडियो बनाते हैं. उसे कोरियन ब्रॉडकास्ट द्वारा दिखाया जाता है. उसके द्वारा कोरिया के आम लोग इंडिया के बारे में जानकारी लेते हैं. तरह-तरह प्लेस, यहां के फेमस लोग जैसे महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी के बारे में वीडियो के द्वारा कोरियन ब्रॉडकास्टिंग में दिखाया जाता है. हम लोगों को उससे काफी जानकारी मिलती है.

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