पटना: देशव्यापी लॉक डाउन का शुक्रवार को पांचवां दिन रहा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र उपाय है. ऐसे में देश की जनता घरों में कैद होने को मजबूर नजर आ रही है. सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. कुछ ऐसा ही हाल राजधानी पटना की सड़कों पर भी देखने को मिल रहा है.
कोरोना के कारण पटनाइट्स घरों में कैद हो गए हैं. ऐसे में लोगों को 24 घंटे बिताने मुश्किल हो रहे हैं. ज्यादातर सरकारी और प्राइवेच दफ्तरों की छुट्टी है. ऐसे में पुरुषों को और भी ज्यादा कठिनाई हो रही है. लोगों को दिन बोझिल लग रहा है.
पढ़िए क्या बोले पटनावासी?
जरूरी सामानों की खरीदारी कर रहे एक युवक ने बताया कि सुबह उठकर, घर का जरूरी काम निपटाकर के प्रतिदिन ऑफिस जाने का नियम जब टूटता है तो दिन बहुत लंबा लगने लगता है. किताबें, अखबार और टीवी देखकर दिन काटना पड़ रहा है. वहीं, एक हाउस वाइफ ने कहा कि घर में रहना तो मजबूरी है. हम हाउस वाइफ हैं लेकिन बच्चों और पुरुषों के भी घर में रहने से काम बहुत ज्यादा बढ़ गया है. वहीं, मैनेजर के पद पर काम करने वाले एक सज्जन का कहना था कि कोरोना वायरस और लॉक डाउन के कारण लोगों को अपने परिवार के साथ समय बिताने का, साथ खाने का और गेम्स खेलने का अच्छा मौका मिल गया है.
बिहार में 9 पॉजिटिव मामले
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है. दिनों दिन मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. बिहार में कोरोना वायरस के 9 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. जिसमें से 1 की मौत हो गई है. अन्य 8 आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं.