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जूनियर डॉक्टरों का बढ़ा मानदेय, नौ दिनों की हड़ताल का मिला परिणाम

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Published : Jan 12, 2021, 12:32 AM IST

नौ दिनों तक हड़ताल पर रहे बिहार के हजारों जूनियर डॉक्टरों के लिए बड़ी खुशखबरी है. नीतीश सरकार ने उनका मानदेय बढ़ा दिया है. बिहार सरकार के अपर सचिव कौशल किशोर की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं. जूनियर डॉक्टरों को मिलने वाले मानदेय में 23 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है.

जूनियर डॉक्टरों के लिए खुशखबरी
जूनियर डॉक्टरों के लिए खुशखबरी

पटनाः बिहार सरकार ने राज्य के पीजी डॉक्टरों के मानदेय में वृद्धि कर दी है. डॉक्टरों को अब 68,545 रुपये से लेकर 82,938 रुपये तक का मानदेय प्राप्त हो सकेगा. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. इसका लाभ पीजी डॉक्टरों को एक जनवरी 2020 से दिया जाएगा. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल टूटने के 11 दिन बाद सरकार ने मानदेय से संबंधित आदेश जारी कर दिया है. जूनियर डॉक्टरों में मानदेय को लेकर भारी आक्रोश था. जिसे लेकर वे 23 दिसंबर को हड़ताल पर चले गए थे. नौ दिनों तक चली हड़ताल के बाद प्रधान सचिव और स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन पर 31 दिसंबर की रात जूनियर डॉक्टर काम पर लौटे थे. सरकार ने सोमवार को आदेश जारी कर दिया.

अपर सचिव ने दिया आदेश

सरकार के अपर सचिव कौशल किशोर ने आदेश जारी किया है. आदेश के आलोक में कहा गया है कि विभागीय संकल्प सं 0-524 ( 1 ) 09.05.2017 द्वारा पीजी में अध्ययनरत छात्रों के मानदेय का निर्धारण किया गया था. पीजी छात्रों के मानदेय का निर्धारण तीन वर्षों पर किए जाने का प्रावधान बनाया गया था. इसी क्रम में राज्य के चिकित्सा और डेन्टल महाविद्यालय के पीजी में अध्ययनरत छात्रों के मानदेय को दिनांक 1 जनवरी 2020 से बढ़ाया जाता है.

आदेश जारी
आदेश जारी

मिलेंगे 68545 से 82938 रुपए तक

1 जनवरी 2020 से प्रथम वर्ष के पीजी छात्रों के लिए 68,545 रुपए, द्वितीय वर्ष के पीजी छात्रों के लिए 75,399 रुपए और तृतीय वर्ष के पीजी छात्र के लिए 82,938 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति के रूप में दिया जाएगा. प्रत्येक वर्ष के पीजी छात्रों को अधिकतम 12 माह के मानदेय का भुगतान मान्य होगा. अनाधिकृत अनुपस्थिति के मामले में प्रतिमाह की राशि में अनुपातिक कटौती करके ही राशि का भुगतान किया जाएगा.

यह था मानदेय का स्ट्रक्चर

अब तक प्रथम वर्ष के पीजी के छात्रों को 50 हजार, द्वितीय वर्ष के पीजी छात्रों के लिए 55 हजार और तृतीय वर्ष के पीजी छात्रों के लिए 60 हजार 500 रुपए प्रति माह का मानदेय तय था. मानदेय बढ़ाए जाने से पीजी स्टूडेंटस में काफी खुशी है. सरकार के इस निर्णय पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरी डॉ कुंदन सुमन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को धन्यवाद दिया है.

एमबीबीएस इंटर्न छात्रों का नहीं बढ़ा है मानदेय

डॉ कुंदन सुमन ने बताया, उम्मीद है कि सरकार से हुई वार्ता के अनुसार जल्द ही एमबीबीएस इंटर्न का भी मानदेय बढे़गा. वर्तमान में एमबीबीएस इंटर्न को 15000 रुपए मिलता है.

मुख्य बातें

  • हड़ताल के बाद सरकार ने मानदेय बढ़ाने का दिलाया था भरोसा
  • पीजी फर्स्ट ईयर के छात्रों का ₹50000 से बढ़कर मानदेय हुआ ₹68545
  • पीजी सेकंड ईयर के छात्रों का मानदेय ₹55000 से बढ़कर ₹75399 हुआ
  • पीजी थर्ड ईयर के मेडिकल छात्रों का मानदेय ₹60500 से बढ़कर 82938 रुपया हुआ

पटनाः बिहार सरकार ने राज्य के पीजी डॉक्टरों के मानदेय में वृद्धि कर दी है. डॉक्टरों को अब 68,545 रुपये से लेकर 82,938 रुपये तक का मानदेय प्राप्त हो सकेगा. स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. इसका लाभ पीजी डॉक्टरों को एक जनवरी 2020 से दिया जाएगा. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल टूटने के 11 दिन बाद सरकार ने मानदेय से संबंधित आदेश जारी कर दिया है. जूनियर डॉक्टरों में मानदेय को लेकर भारी आक्रोश था. जिसे लेकर वे 23 दिसंबर को हड़ताल पर चले गए थे. नौ दिनों तक चली हड़ताल के बाद प्रधान सचिव और स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन पर 31 दिसंबर की रात जूनियर डॉक्टर काम पर लौटे थे. सरकार ने सोमवार को आदेश जारी कर दिया.

अपर सचिव ने दिया आदेश

सरकार के अपर सचिव कौशल किशोर ने आदेश जारी किया है. आदेश के आलोक में कहा गया है कि विभागीय संकल्प सं 0-524 ( 1 ) 09.05.2017 द्वारा पीजी में अध्ययनरत छात्रों के मानदेय का निर्धारण किया गया था. पीजी छात्रों के मानदेय का निर्धारण तीन वर्षों पर किए जाने का प्रावधान बनाया गया था. इसी क्रम में राज्य के चिकित्सा और डेन्टल महाविद्यालय के पीजी में अध्ययनरत छात्रों के मानदेय को दिनांक 1 जनवरी 2020 से बढ़ाया जाता है.

आदेश जारी
आदेश जारी

मिलेंगे 68545 से 82938 रुपए तक

1 जनवरी 2020 से प्रथम वर्ष के पीजी छात्रों के लिए 68,545 रुपए, द्वितीय वर्ष के पीजी छात्रों के लिए 75,399 रुपए और तृतीय वर्ष के पीजी छात्र के लिए 82,938 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति के रूप में दिया जाएगा. प्रत्येक वर्ष के पीजी छात्रों को अधिकतम 12 माह के मानदेय का भुगतान मान्य होगा. अनाधिकृत अनुपस्थिति के मामले में प्रतिमाह की राशि में अनुपातिक कटौती करके ही राशि का भुगतान किया जाएगा.

यह था मानदेय का स्ट्रक्चर

अब तक प्रथम वर्ष के पीजी के छात्रों को 50 हजार, द्वितीय वर्ष के पीजी छात्रों के लिए 55 हजार और तृतीय वर्ष के पीजी छात्रों के लिए 60 हजार 500 रुपए प्रति माह का मानदेय तय था. मानदेय बढ़ाए जाने से पीजी स्टूडेंटस में काफी खुशी है. सरकार के इस निर्णय पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरी डॉ कुंदन सुमन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को धन्यवाद दिया है.

एमबीबीएस इंटर्न छात्रों का नहीं बढ़ा है मानदेय

डॉ कुंदन सुमन ने बताया, उम्मीद है कि सरकार से हुई वार्ता के अनुसार जल्द ही एमबीबीएस इंटर्न का भी मानदेय बढे़गा. वर्तमान में एमबीबीएस इंटर्न को 15000 रुपए मिलता है.

मुख्य बातें

  • हड़ताल के बाद सरकार ने मानदेय बढ़ाने का दिलाया था भरोसा
  • पीजी फर्स्ट ईयर के छात्रों का ₹50000 से बढ़कर मानदेय हुआ ₹68545
  • पीजी सेकंड ईयर के छात्रों का मानदेय ₹55000 से बढ़कर ₹75399 हुआ
  • पीजी थर्ड ईयर के मेडिकल छात्रों का मानदेय ₹60500 से बढ़कर 82938 रुपया हुआ
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