पटना: पूरे देश में लॉकडाउन की घड़ी में सरकार के इंतजाम के बाद भी प्रवासी मजदूरों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार में प्रवासी मजदूर पैदल और साइकिल से लगातार अपने घर लौट रहे हैं. प्रवासी मजदूर बिहार से किराये पर साइकिल खरीदकर पटना के रास्ते झारखंड जाने को मजबूर हैं. पटना जीरो माइल बाईपास के जरिए कई मजदूर घर वापसी कर रहे हैं. मजदूरों ने अपना दर्द सुनाया कि कितनी मुसीबतों के बाद यहां तक पहुंचे हैं.
प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला लगातार जारी
बिहार में अन्य राज्यों से लगातार ट्रकों में भरकर प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. अन्य राज्यों में खाने से लेकर कई परेशानियों का सामना करते हुए श्रमिकों ने घर वापसी का निर्णय लिया. ट्रक पर सवार होकर नोएडा से पटना पहुंचे प्रवासी मजदूरों के हाथों पर सरकार की तरफ से मोहर लगाया गया है. ट्रकों में भरे कई श्रमिक पूरे परिवार के साथ नोएडा, दिल्ली, पंजाब और लुधियाना से आ रहे हैं. लेकिन पटना के जीरो माइल के पास ट्रक चालक ने ट्रक से श्रमिक को उतार दिया.
काफी परेशानियों के बाद घर आने का लिया निर्णय
नोएडा से आए श्रमिक ने बताया कि दिल्ली में कुछ दिनों तक के लिए व्यवस्था ठीक थी. इसके बाद काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिसके कारण वे अपने घर लौटने को मजबूर हो गए. इन सभी मजदूरों को बांका जाना है. लेकिन ट्रक चालक ने पटना में ही इन्हें उतार दिया. रास्ते में यूपी सीएम की तरफ से खाने की व्यवस्था की गई थी. लेकिन बिहार में कोई व्यवस्था नहीं की गई.
साइकिल से लुधियाना से 14 दिन के बाद पहुंचे पटना
जमुई के रहने वाले रंजीत कुमार ने बताया कि किसी तरीके से पटना तो पहुंच गए हैं. लेकिन जमुई जाना है कैसे जाएंगे भगवान भरोसे ही है. वहीं, श्रमिक सुरेंद्र कुमार 2000 की साइकिल खरीद कर लुधियाना से 14 दिन के बाद पटना पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि लोहे की फैक्ट्री में काम करते थे. लॉकडाउन के कारण फंसे हुए थे और मां गुजर गई है. जिसके कारण घर वापस लौटना मजबूरी है. सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है ऐसे में जैसे तैसे 14 दिनों में पटना पहुंचे हैं.