पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार अधिनियम की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इसमें उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित अधिकांश दलित मंत्री और विधायक हैं, जो कमिटी के सदस्य हैं. समीक्षा बैठक में दलितों के उत्पीड़न मामले में आ रही शिकायतों और उनके हो रहे समाधनों का जायजा लिया जाएगा.
बैठक में कई मंत्री और नेता मौजूद
बैठक में दलितों के उत्पीड़न के जो मामले सामने आए हैं, उस पर क्या कार्रवाई हुई है उसकी पूरी रिपोर्ट सीएम लेंगे. स्पीडी ट्रायल के तहत कई मामलों का निष्पादन होना था तो उसकी क्या स्थिति है, उसके बारे में भी मुख्यमंत्री जानकारी लेंगे. बैठक में मंत्री श्याम रजक, मंत्री महेश्वर हजारी, मंत्री अशोक चौधरी, विधायक मनीष विधायक, ललन पासवान और अन्य नेता मौजूद हैं. साथ ही मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे सहित सभी आलाधिकारी भी बैठक में शामिल हैं.
ये भी पढ़ेंः- BJP-शिवसेना विवाद पर मुस्कुरा कर बोले नीतीश- जिसका मामला है वो जानें
अधिनियम का पालन नहीं करने का आरोप
दरअसल, दलितों के उत्पीड़न को लेकर लगातार यह आरोप बिहार सरकार पर लगते रहे हैं कि जो अधिनियम हैं, उसका कड़ाई से पालन नहीं किया जाता है. अधिकारी शिथिलता बरतते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री स्तर पर लगातार समीक्षा बैठक करके इसकी जानकारी ली जाती है. आज भी मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण 1995 संशोधन अधिनियम 2016 के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और अनुश्रवण समिति की बैठक कर रहे हैं.
हर 3 महीने पर होती है समीक्षा बैठक
बता दें कि हर 3 महीने पर यह समीक्षा बैठक की जाती है. ताकि दलितों के उत्पीड़न से संबंधित जो अधिनियम है, उसका ठीक से कार्यान्वयन हुआ कि नहीं. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री जानकारी लेते हैं और उसी के आधार पर आगे की रणनीति तय होती है. मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, कई विभागों के मंत्रियों के साथ-साथ मुख्य सचिव, डीजीपी और आला अधिकारी के साथ यह बैठक करते हैं.