पटना: शनिवार को 1 घंटे हुई झमाझम बारिश के बाद राजधानी पटना के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई. पिछले साल भी बरसात के बाद जलजमाव के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई थी. जिसके बाद सरकार ने दावा किया था कि अगले साल से इस प्रकार की स्थिति नहीं होगी. सरकार ने दावा किया था कि पानी की निकासी की बेहतर व्यवस्था की जाएगी. लेकिन पटना के कोविड-19 के जिला कंट्रोल रूम की को देखकर सरकार के तमाम दावों की पोल खुलती नजर आ रही है.
जलजमाव के कारण बीमारियों को निमंत्रण
पटना के जिला सिविल सर्जन कार्यालय और इसके ठीक बगल में स्थित गर्दनीबाग हॉस्पिटल में जिला स्वास्थ्य समिति का कार्यालय भी है. यहां शनिवार को हुई 1 घंटे की भारी बारिश के 24 घंटे बाद भी जलजमाव की स्थिति बरकरार है. सिविल सर्जन कार्यालय के कैंपस और गर्दनीबाग हॉस्पिटल के कैंपस में कई जगहों पर आधा फीट तक पानी जमा है. हॉस्पिटल कैंपस में मॉनसून के समय को देखते हुए कई प्रकार की जागरूकता के फ्लेक्स लगाए गए हैं. साथ ही लोगों को संदेश दिया जा रहा है कि मानसून के समय में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न ना होने दें. अन्यथा मच्छर का प्रकोप बढ़ सकता है और बीमारियां फैल सकती है. मगर सिविल सर्जन कार्यालय और गर्दनीबाग हॉस्पिटल में जलजमाव के कारण बीमारियों को निमंत्रण दिया जा रहा है.
भवन निर्माण विभाग से अपील
गर्दानीबाग हॉस्पिटल और सिविल सर्जन कार्यालय में उत्पन्न जल जमाव की स्थिति पर सिविल सर्जन डॉ राजकिशोर चौधरी ने बताया कि जल जमाव की स्थिति को लेकर उन्होंने भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि इस हालात पर जल्द गौर किया जाए. बरसात के समय में सिविल सर्जन कार्यालय कैंपस और गर्दनीबाग हॉस्पिटल कैंपस में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होने से यहां काम करने वाले कर्मियों और चिकित्सकों को काफी परेशानी होती है. साथ ही संक्रमण संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि इस समस्या का जल्द निदान कराने के लिए उन्होंने भवन निर्माण विभाग से अपील की है.