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पटना के बड़े अस्पताल में हार्ट पेशेंट को नहीं मिली भर्ती, पत्नी बोली- कोरोना मरीज बताकर निकाल दिया

आईसीएमआर की गाइडलाइन और सरकारी निर्देशों के बावजूद पटना के आईजीआईसी (Heart Patient Not Admit In IGIC Due To Corona) से हार्ट पेशेंट को ये कह कर लौटा दिया गया कि उसे कोरोना है. मरीज की पत्नी अपने बीमार पति को लेकर इलाज के लिए कई दिनों से इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के चक्कर लगा रही है. पढ़ें पूरी खबर..

हार्ट पेशेंट की पत्नी
हार्ट पेशेंट की पत्नी
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Published : Jan 20, 2022, 2:29 PM IST

Updated : Jan 20, 2022, 3:37 PM IST

पटनाः राजधानी के दो बड़े अस्पतालों में आम मरीजों को दिखाने के लिए कोरोना जांच कराना जरूरी है. पटना में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Patna) के लक्षण नहीं होने पर भी डॉक्टर आपको हाथ तक नहीं लगाएंगे, जब तक आपकी कोरोना रिपोर्ट आ ना जाए. इतना ही नहीं पटना में हार्ट की बीमारी के लिए मशहूर आईजीआईसी में तो कोरोना के कारण हार्ट पेशेंट को भर्ती तक नहीं किया जा रहा. ये बात हम नहीं बल्कि मरीज के परिजन कह रहे हैं. एक हार्ट पेशेंट को आईजीआईसी से दो बार ये कह कर लौटा दिया गया कि इनको कोरोना है.

ये भी पढ़ेंः हवा में ओमीक्रान : जानिए कितनी देर रहता है एक्टिव, संक्रमण से ठीक होने के बाद रूम को ऐसे करें सैनिटाइज

आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक, बिहार सरकार ने बीते दिनों अपने कोरोना गाइडलाइंस में बदलाव किए हैं. नए निर्देश के मुताबिक अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों को एडमिशन से पहले कोरोना जांच के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. जिन मरीजों में सर्दी, खांसी के सिम्टम्स नहीं हैं, उनका कोरोना जांच नहीं किया जाएगा. इसके अलावा अस्पताल में एडमिट मरीजों का 1 सप्ताह में अधिकतम एक बार ही कोरोना जांच की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग के तमाम निर्देशों का प्रदेश के अस्पतालों में पालन नहीं हो रहा है और प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (Patient Upset In PMCH) की बात करें तो यहां मरीज को एडमिट तो बिना जांच रिपोर्ट के कर लिया जाता है. लेकिन सर्दी खांसी के लक्षण नहीं होने के बावजूद मरीज की कोरोना जांच कराई जाती है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही डॉक्टर देखते हैं. वहीं पीएमसीएच परिसर में ही स्थित इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान की बात करें तो यहां हार्ट अटैक की गंभीर मरीजों का भी बिना कोरोना जांच रिपोर्ट के एडमिट नहीं किया जा रहा है.

पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड में एडमिट बख्तियारपुर से आए एक मरीज राज किशोर प्रसाद ने बताया कि उनके हाथ में तकलीफ है. नील गाय को खदेड़ने के क्रम में पटाखा फोड़ने के दौरान पटाखे का कुछ कण उनकी बाह में घुस गया था. उन्होंने बताया कि उन्हें सर्दी जुकाम कुछ नहीं है, लेकिन अस्पताल में उनका कोरोना जांच किया गया. जांच रिपोर्ट 2 दिन बाद आने की बात कही गई है. अस्पताल की नर्सिंग स्टाफ ने उन्हें जानकारी दी है कि कोरोना जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही डॉक्टर उन्हें देखेंगे.

वहीं, पीएमसीएच के हथुवा वार्ड में एडमिट हार्ट पेशेंट संजय कुमार की पत्नी फूल देवी ने बताया कि वह अपने पति को लेकर 5 दिनों से पीएमसीएच में एडमिट हैं और जहानाबाद से आई हुई हैं. फूल देवी ने बताया कि वह काफी गरीब है और उनके पास आयुष्मान कार्ड भी है. पति को 5 दिनों पूर्व हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें इमरजेंसी में लेकर पीएमसीएच आई और यहां टाटा वार्ड में एडमिट किया गया. यहां उन्हें पता चला कि पीएमसीएच में हृदय रोग का इलाज नहीं होता और कैंपस में स्थित इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में हृदयघात के मरीजों को एडमिट करना पड़ता है.

चिकित्सकों का कहना है कि हार्ट में ब्लॉकेज है और एनजीओप्लास्टी करनी होगी. इसके लिए उन्हें इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में एडमिट करना होगा. वो अपने पति को लेकर तीन बार इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान ले जा चुकी हैं और बार-बार वहां जाने पर सबसे पहले एंटीजन कीट से जांच किया जाता है और बताया जाता है कि इन्हें कोरोना है. एडमिट नहीं किया जाएगा' - फूल देवी, मरीज की परिजन

फूल देवी बताती हैं जब पीएमसीएच में कोरोना जांच कराते हैं तो रिपोर्ट नेगेटिव मिलती है. 2 बार पीएमसीएच में उन्होंने अपने पति का कोरोना जांच करवाया है और दोनों बार रिपोर्ट नेगेटिव मिली. वहीं इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में दो बार कोरोना जांच किया गया दोनों बार पॉजिटिव बताया गया. आरटीपीसीआर जांच करवाई है, जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद फिर आईजीआईसी में अपने पति को एडमिट कराने का प्रयास करेंगी.

ये भी पढ़ें-बढ़ते संक्रमण के बीच लोग लापरवाह, धावा दल ने पटना में चलाया जागरुकता अभियान

वहीं, जब हार्ट अटैक के मरीज को अस्पताल में बिना कोरोना जांच के एडमिट ना किए जाने का मामला ईटीवी भारत संवाददाता ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाया गया, तो विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि विभाग का साफ निर्देश है कि कोरोना जांच किए बगैर गंभीर मरीजों को अस्पताल में एडमिट करना है. हार्ट अटैक के मरीज हैं, तो ऐसे मरीज को सीधे एडमिट किया जाना चाहिए.

प्रत्यय अमृत ने कहा कि आईसीएमआर ने अपने गाइडलाइन में हाल ही में बदलाव किया है और हाल ही में उन लोगों ने भी सभी को सूचित किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के साथ एक वर्चुअल बैठक कर डॉक्टरों को कोरोना की नई गाइडलाइन पर गंभीरतापूर्वक अमल करने का निर्देश देंगे.

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पटनाः राजधानी के दो बड़े अस्पतालों में आम मरीजों को दिखाने के लिए कोरोना जांच कराना जरूरी है. पटना में कोरोना संक्रमण (Corona Infection In Patna) के लक्षण नहीं होने पर भी डॉक्टर आपको हाथ तक नहीं लगाएंगे, जब तक आपकी कोरोना रिपोर्ट आ ना जाए. इतना ही नहीं पटना में हार्ट की बीमारी के लिए मशहूर आईजीआईसी में तो कोरोना के कारण हार्ट पेशेंट को भर्ती तक नहीं किया जा रहा. ये बात हम नहीं बल्कि मरीज के परिजन कह रहे हैं. एक हार्ट पेशेंट को आईजीआईसी से दो बार ये कह कर लौटा दिया गया कि इनको कोरोना है.

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आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक, बिहार सरकार ने बीते दिनों अपने कोरोना गाइडलाइंस में बदलाव किए हैं. नए निर्देश के मुताबिक अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों को एडमिशन से पहले कोरोना जांच के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा. जिन मरीजों में सर्दी, खांसी के सिम्टम्स नहीं हैं, उनका कोरोना जांच नहीं किया जाएगा. इसके अलावा अस्पताल में एडमिट मरीजों का 1 सप्ताह में अधिकतम एक बार ही कोरोना जांच की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग के तमाम निर्देशों का प्रदेश के अस्पतालों में पालन नहीं हो रहा है और प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच (Patient Upset In PMCH) की बात करें तो यहां मरीज को एडमिट तो बिना जांच रिपोर्ट के कर लिया जाता है. लेकिन सर्दी खांसी के लक्षण नहीं होने के बावजूद मरीज की कोरोना जांच कराई जाती है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही डॉक्टर देखते हैं. वहीं पीएमसीएच परिसर में ही स्थित इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान की बात करें तो यहां हार्ट अटैक की गंभीर मरीजों का भी बिना कोरोना जांच रिपोर्ट के एडमिट नहीं किया जा रहा है.

पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड में एडमिट बख्तियारपुर से आए एक मरीज राज किशोर प्रसाद ने बताया कि उनके हाथ में तकलीफ है. नील गाय को खदेड़ने के क्रम में पटाखा फोड़ने के दौरान पटाखे का कुछ कण उनकी बाह में घुस गया था. उन्होंने बताया कि उन्हें सर्दी जुकाम कुछ नहीं है, लेकिन अस्पताल में उनका कोरोना जांच किया गया. जांच रिपोर्ट 2 दिन बाद आने की बात कही गई है. अस्पताल की नर्सिंग स्टाफ ने उन्हें जानकारी दी है कि कोरोना जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही डॉक्टर उन्हें देखेंगे.

वहीं, पीएमसीएच के हथुवा वार्ड में एडमिट हार्ट पेशेंट संजय कुमार की पत्नी फूल देवी ने बताया कि वह अपने पति को लेकर 5 दिनों से पीएमसीएच में एडमिट हैं और जहानाबाद से आई हुई हैं. फूल देवी ने बताया कि वह काफी गरीब है और उनके पास आयुष्मान कार्ड भी है. पति को 5 दिनों पूर्व हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें इमरजेंसी में लेकर पीएमसीएच आई और यहां टाटा वार्ड में एडमिट किया गया. यहां उन्हें पता चला कि पीएमसीएच में हृदय रोग का इलाज नहीं होता और कैंपस में स्थित इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में हृदयघात के मरीजों को एडमिट करना पड़ता है.

चिकित्सकों का कहना है कि हार्ट में ब्लॉकेज है और एनजीओप्लास्टी करनी होगी. इसके लिए उन्हें इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में एडमिट करना होगा. वो अपने पति को लेकर तीन बार इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान ले जा चुकी हैं और बार-बार वहां जाने पर सबसे पहले एंटीजन कीट से जांच किया जाता है और बताया जाता है कि इन्हें कोरोना है. एडमिट नहीं किया जाएगा' - फूल देवी, मरीज की परिजन

फूल देवी बताती हैं जब पीएमसीएच में कोरोना जांच कराते हैं तो रिपोर्ट नेगेटिव मिलती है. 2 बार पीएमसीएच में उन्होंने अपने पति का कोरोना जांच करवाया है और दोनों बार रिपोर्ट नेगेटिव मिली. वहीं इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में दो बार कोरोना जांच किया गया दोनों बार पॉजिटिव बताया गया. आरटीपीसीआर जांच करवाई है, जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद फिर आईजीआईसी में अपने पति को एडमिट कराने का प्रयास करेंगी.

ये भी पढ़ें-बढ़ते संक्रमण के बीच लोग लापरवाह, धावा दल ने पटना में चलाया जागरुकता अभियान

वहीं, जब हार्ट अटैक के मरीज को अस्पताल में बिना कोरोना जांच के एडमिट ना किए जाने का मामला ईटीवी भारत संवाददाता ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाया गया, तो विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि विभाग का साफ निर्देश है कि कोरोना जांच किए बगैर गंभीर मरीजों को अस्पताल में एडमिट करना है. हार्ट अटैक के मरीज हैं, तो ऐसे मरीज को सीधे एडमिट किया जाना चाहिए.

प्रत्यय अमृत ने कहा कि आईसीएमआर ने अपने गाइडलाइन में हाल ही में बदलाव किया है और हाल ही में उन लोगों ने भी सभी को सूचित किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के साथ एक वर्चुअल बैठक कर डॉक्टरों को कोरोना की नई गाइडलाइन पर गंभीरतापूर्वक अमल करने का निर्देश देंगे.

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Last Updated : Jan 20, 2022, 3:37 PM IST
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