पटना : राजधानी पटना में हार्ट फेलियर के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए जन जागरुकता सत्र का (Heart Attack Awareness Program In Patna) आयोजन किया गया. मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल साकेत नई दिल्ली द्वारा आयोजित सत्र में कार्डियक साइंस के प्रमुख डॉ. राजीव अग्रवाल (Head of Cardiac Sciences Dr Rajeev Agarwal) शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने हृदय रोग से जुड़ी बीमारियों के बारे में लोगों में जागरुकता बढ़ाये जाने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि हार्ट अटैक के बाद लोगों की जिंदगी बचाई जा सके.
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डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि अत्याधुनिक दौर में कृत्रिम हार्ट के अलावा हार्ट के वाल्व को बिना ऑपरेशन के बदलने की क्षमता विकसित हो चुकी है. अत्याधुनिक दौर में हार्ट अटैक की मरीजों की जान बचाने के लिए कई सारी तकनीक विकसित हो गए हैं. यदि समय रहते इलाज किया जाए तो मरीज की जान बचाने के साथ-साथ हार्ट की सेहत भी दुरुस्त रखा जा सकता है.
'कृत्रिम हार्ट लगाने के बाद मरीज की आयु 10 से 15 वर्षों के लिए बढ़ जाती है. उत्तर भारत में ठंड के मौसम में प्रदूषण भी काफी देखने को मिलता है. ऐसे में ठंड और प्रदूषण की वजह से हार्ट फैलियर के मामले काफी बढ़ जाते हैं. ऐसे में इस समय में जरूरी है कि लोगों को जरा भी परेशानी हो सांस लेने में तकलीफ हो और ठंडा पसीना निकल रहा हो तो तुरंत नजदीकी चिकित्सा केंद्र में जाकर ईसीजी कराएं.' :- डॉ. राजीव अग्रवाल, कार्डियक साइंस के प्रमुख
डॉ. राजीव अग्रवाल ने कहा कि हार्ट अटैक के मरीजों के लिए अटैक की अगले 1 घंटे की समय को गोल्डन आवर कहा जाता है. हार्ट के मरीजों को अगर जरा भी कोई समस्या आता है तो देर न करें और रात की कितनी भी बजे हो अस्पताल में जाकर जांच कराएं. अगर 1 घंटे के अंदर में हार्ट अटैक के मरीजों को इलाज कराये जाए तो जान बचाने के साथ-साथ हार्ट को भी दुरुस्त रखा जा सकता है.
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