पटना: हाईकोर्ट में पटना (Patna High Court ) के राजीव नगर/नेपाली नगर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हटाने (Campaign To Remove Encroachment In Rajiv Nagar) के मामले पर सुनवाई 26 जुलाई 2022 को फिर होगी. जस्टिस संदीप कुमार ने इस मामले पर सुनवाई की. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया था. पिछली सुनवाई में राज्य सरकार और बिहार राज्य आवास बोर्ड ने कोर्ट को बताया कि इस स्थिति का लाभ उठा कर कुछ उस क्षेत्र में नए निर्माण करने लगे हैं.
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कोर्ट ने इसे काफी गम्भीरता से लेते हुए स्पष्ट आदेश दिया था कि अगर इस तरह का निर्माण हो रहा हैं, तो उसे कड़ाई के साथ रोका जाए. साथ ही इस प्रकार के निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जानना चाहा था कि जब हाउसिंग बोर्ड को खुद अतिक्रमण हटाने की शक्ति है, तो ज़िला प्रशासन क्यों अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. ज़िला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने को कब कहा था?
याचिकाकर्ता का पक्ष पेश करते हुए वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी ने कोर्ट को बताया था कि इस क्षेत्र से ऐसे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सही नहीं है. उन्होंने कहा कि अनाधिकृत रूप से बसे लोगों के भी कानूनी अधिकार हैं.
उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव माफिया के साथ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि इस समस्या में इनकी बड़ी भूमिका हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि लैण्ड सेटलमेंट स्कीम के तहत चार सौ एकड़ भूमि को चाहरदीवारी नहीं दिया गया है. इस मामले पर फिर सुनवाई 26जुलाई 2022 को होगी.
3 जुलाई रविवार को चलाया गया था अभियान : गौरतलब है कि रविवार 3 जुलाई से पटना के आशियाना रोड पर यह अभियान चल रहा था. इस दौरान स्थिति बेकाबू हो गयी थी. पुलिस और स्थानीय लोग आमने-सामने थे. पुलिस पर पथराव किया जा रहा था जिसके बाद जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए थे. इस झड़प में कई पुलिसकर्मी व स्थानीय लोग भी घायल हुए थे. 20 एकड़ जमीन पर कब्जा करने के लिए पुलिस और प्रशासन को दिनभर फजीहत झेलनी पड़ी थी. राजीव नगर में कल 22 बुलडोजर के साथ से 40 मजिस्ट्रेट और 50 पुलिस अफसरों के साथ हजारों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. जिसमें 3 पुलिसकर्मी और तीन स्थानीय लोग घायल हुए थे.