ETV Bharat / state

लालू को जेल से निकलने के लिए अभी करना होगा इंतजार, CBI ने अदालत से मांगा समय

दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई की तिथि 22 नवंबर निर्धारित की गई है.

लालू प्रसाद यादव को जेल से निकलने के लिए करना होगा इंतजार
author img

By

Published : Nov 8, 2019, 9:28 PM IST

Updated : Nov 8, 2019, 9:50 PM IST

रांची: लालू प्रसाद यादव को खुली हवा में सांस लेने के लिए अभी इंतजार करना होगा. सीबीआई ने अदालत से काउंटर एफिडेविट फाइल करने के लिए वक्त की मांग की है. मामले की अगली सुनवाई की तिथि 22 नवंबर निर्धारित की गई है.

कोर्ट पर टिकी थी नजरें
दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई. इस सुनवाई पर लालू प्रसाद यादव, उनके परिवार और उनके समर्थकों की नजरें सवेरे से ही कोर्ट पर टिकी हुई थी. इसे लेकर हाई कोर्ट परिसर में सवेरे से ही कई समर्थक भी पहुंचे हुए थे और उन्हें उम्मीद थी कि लालू यादव को हाई कोर्ट से जमानत मिल जाएगी, लेकिन इस सुनवाई के बाद समर्थकों में थोड़ी निराशा जरूर देखने को मिली.

ये भी पढ़ें-जीतने के बाद लालू यादव से मिलने पहुंचे RJD विधायक, कहा- स्लो प्वाइजन से हत्या की हो रही साजिश

खुली हवा में सांस लेने का है इंतजार
समर्थकों का कहना हैं कि न्यायालय पर पूरा भरोसा है और अगली तारीख को जब सुनवाई होगी तो लालू यादव को जमानत मिलेगी. बता दें कि लालू प्रसाद यादव को खुली हवा में सांस लेने का इंतजार लंबा होता जा रहा है. अगर दुमका मामले में शुक्रवार को उन्हें जमानत मिल भी जाती तो आरसी 68a/96 चाईबासा कोषागार मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को जेल में ही रहना पड़ता.

Hearing on Lalu Prasad Yadav's bail plea
लालू यादव

देवघर कोषागार मामले में राहत
लालू प्रसाद यादव को पूर्व में भी झारखंड हाई कोर्ट से देवघर कोषागार मामले में जमानत मिल चुकी है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव ने सजा की आधी अवधि काटने को लेकर जमानत याचिका दायर की थी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए हाई कोर्ट से जमानत की मांग की थी. हाई कोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में उन्हें राहत दी है. इधर, दुमका मामले में लालू प्रसाद यादव को रांची के सीबीआई कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई है.

ये भी पढ़ें-लालू यादव की जमानत याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई, बंद कमरे में ही मनेगी दिवाली और छठ

30-30 लाख रुपये का लगा था जुर्माना
बता दें कि 24 मार्च 2018 को दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव ने झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है और उन्होंने गंभीर बीमारियों का हवाला दिया है.

रांची: लालू प्रसाद यादव को खुली हवा में सांस लेने के लिए अभी इंतजार करना होगा. सीबीआई ने अदालत से काउंटर एफिडेविट फाइल करने के लिए वक्त की मांग की है. मामले की अगली सुनवाई की तिथि 22 नवंबर निर्धारित की गई है.

कोर्ट पर टिकी थी नजरें
दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई. इस सुनवाई पर लालू प्रसाद यादव, उनके परिवार और उनके समर्थकों की नजरें सवेरे से ही कोर्ट पर टिकी हुई थी. इसे लेकर हाई कोर्ट परिसर में सवेरे से ही कई समर्थक भी पहुंचे हुए थे और उन्हें उम्मीद थी कि लालू यादव को हाई कोर्ट से जमानत मिल जाएगी, लेकिन इस सुनवाई के बाद समर्थकों में थोड़ी निराशा जरूर देखने को मिली.

ये भी पढ़ें-जीतने के बाद लालू यादव से मिलने पहुंचे RJD विधायक, कहा- स्लो प्वाइजन से हत्या की हो रही साजिश

खुली हवा में सांस लेने का है इंतजार
समर्थकों का कहना हैं कि न्यायालय पर पूरा भरोसा है और अगली तारीख को जब सुनवाई होगी तो लालू यादव को जमानत मिलेगी. बता दें कि लालू प्रसाद यादव को खुली हवा में सांस लेने का इंतजार लंबा होता जा रहा है. अगर दुमका मामले में शुक्रवार को उन्हें जमानत मिल भी जाती तो आरसी 68a/96 चाईबासा कोषागार मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को जेल में ही रहना पड़ता.

Hearing on Lalu Prasad Yadav's bail plea
लालू यादव

देवघर कोषागार मामले में राहत
लालू प्रसाद यादव को पूर्व में भी झारखंड हाई कोर्ट से देवघर कोषागार मामले में जमानत मिल चुकी है. इस मामले में लालू प्रसाद यादव ने सजा की आधी अवधि काटने को लेकर जमानत याचिका दायर की थी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए हाई कोर्ट से जमानत की मांग की थी. हाई कोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में उन्हें राहत दी है. इधर, दुमका मामले में लालू प्रसाद यादव को रांची के सीबीआई कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई है.

ये भी पढ़ें-लालू यादव की जमानत याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई, बंद कमरे में ही मनेगी दिवाली और छठ

30-30 लाख रुपये का लगा था जुर्माना
बता दें कि 24 मार्च 2018 को दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 30-30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव ने झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है और उन्होंने गंभीर बीमारियों का हवाला दिया है.

Intro:रांची
बाइट--प्रभात कुमार लालू अधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट
बाइट-- समर्थक वॉक्स पॉप

जमानत से बाहर लालू प्रसाद यादव को खुली हवा में सांस लेने के लिए रहना होगा इंतिजार करना होगा। सीबीआई ने अदालत से काउंटर एफिडेविट फाइल करने के लिए वक्त की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले पर लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई मामले की सुनवाई न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई।


Body:झारखंड हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर लालू प्रसाद यादव उनके परिवार और उनके समर्थकों की नजरें सवेरे से ही कोर्ट पर टिकी हुई थी जिसे लेकर हाईकोर्ट परिसर में सवेरे से ही कई समर्थक भी पहुंचे थे और उन्हें उम्मीद थी कि लालू यादव को आज हाई कोर्ट से जमानत मिल जाएगी लेकिन आज की हुई सुनवाई के बाद समर्थकों में थोड़ी निराशा जरूर दिखते लेकिन उनका कहना है कि न्यायालय पर पूरा भरोसा है और अगली तारीख को जब सुनवाई होगी तो लालू यादव को जमानत मिलेगीलालू प्रसाद यादव को खुली हवा में सांस लेने का इंतजार लंबा होता जा रहा है वहीं आज अगर दुमका मामले में लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल भी जाती तो आरसी 68a/96 चाईबासा कोषागार मामले में दोषी लालू प्रसाद यादव को जेल में ही रहना होता

लालू प्रसाद यादव पूर्व में भी झारखंड हाईकोर्ट से देवघर कोषागार मामले में जमानत मिल चुकी है इस मामले में लालू प्रसाद यादव ने सजा की आधी अवधि काटने को लेकर जमानत याचिका दायर की थी साथी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए हाई कोर्ट से जमानत की मांग की थी हाईकोर्ट ने देवघर कोषागार मामले में उन्हें राहत दी है इधर दुमका मामले में लालू प्रसाद यादव को रांची के सीबीआई कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई है





Conclusion:आपको बता दें कि 24 मार्च 2018 को दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपए की अवैध निकासी मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दो अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई है साथी 30-30 लाख रुपया का जुर्माना भी लगाया है दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव ने झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है और उन्होंने गंभीर बीमारियों का हवाला दिया है
Last Updated : Nov 8, 2019, 9:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.