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दानापुर बीएस कॉलेज में सुविधाओं का अभाव, पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग से मांगा जवाब

पटना हाईकोर्ट ने दानापुर बीएस कॉलेज (Danapur BS College) में बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराने के मामले पर सुनवाई की. कॉलेज में सुविधा के अभाव में छात्र- छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कोर्ट ने कॉलेज में बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त कर रूपरेखा कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
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Published : Sep 16, 2022, 11:09 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Hearing In Patna High Court) ने दानापुर स्थित बीएस कॉलेज में बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराए जाने के मामले पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में उपस्थित थे. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से जानना चाहा कि अब तक उक्त कॉलेज की फेंसिंग और अन्य बुनियादी सुविधाओं में संतोषजनक प्रगति क्यों नहीं हुई है.


यह भी पढ़ें: सरकारी ठेकेदारों को पटना हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, पढ़ें

कॉलेज में चल रहा शौचालय बनाने का काम: इस पर कोर्ट में उपस्थित एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि कॉलेज में छात्राओं के शौचालय बनाने का काम चल रहा है और फेंसिंग के लिए राशि निर्धारित करने के लिए स्क्रीनिंग कमिटी विचार कर रही है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जल्द ही इन कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य में ऐसे कॉलेजों की संख्या 270 से ज्यादा है, ऐसे में बजट में आवंटित राशि के अनुरूप व्यय का अनुपात काफी ज्यादा है.

यह भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट का निर्देश- मधुबनी DM लखनौर CO को करें सस्पेंड

बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त करने का निर्देश: इस पर कोर्ट ने शिक्षा विभाग के चीफ सेक्रेटरी को राज्य के कॉलेजो में बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त कर रूपरेखा कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कॉलेज के काम की प्रगति में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता स्मृति सिंह ने कोर्ट को जानकारी दी कि कॉलेज की चहारदीवारी बनाने हेतु केवल राशि का आकलन किया गया है, जो कि 1 करोड़ 10 लाख है.

छात्राओं को सुविधा के अभाव में परेशानी: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने खंडपीठ को बताया कि कॉलेज में बुनियादी सुविधाओं उपलब्ध कराये जाने के लिए अभी तक कोई भी राशि आवंटित नहीं कराई गई है. कालेज में बुनियादी सुविधाएँ नहीं होने से छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराने के लिए कॉलेज परिसर में वेंडिंग मशीन भी लगाया जाना चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी.

पटना: पटना हाईकोर्ट (Hearing In Patna High Court) ने दानापुर स्थित बीएस कॉलेज में बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराए जाने के मामले पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में उपस्थित थे. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से जानना चाहा कि अब तक उक्त कॉलेज की फेंसिंग और अन्य बुनियादी सुविधाओं में संतोषजनक प्रगति क्यों नहीं हुई है.


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कॉलेज में चल रहा शौचालय बनाने का काम: इस पर कोर्ट में उपस्थित एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि कॉलेज में छात्राओं के शौचालय बनाने का काम चल रहा है और फेंसिंग के लिए राशि निर्धारित करने के लिए स्क्रीनिंग कमिटी विचार कर रही है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जल्द ही इन कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य में ऐसे कॉलेजों की संख्या 270 से ज्यादा है, ऐसे में बजट में आवंटित राशि के अनुरूप व्यय का अनुपात काफी ज्यादा है.

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बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त करने का निर्देश: इस पर कोर्ट ने शिक्षा विभाग के चीफ सेक्रेटरी को राज्य के कॉलेजो में बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त कर रूपरेखा कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कॉलेज के काम की प्रगति में तेजी लाने का भी निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता स्मृति सिंह ने कोर्ट को जानकारी दी कि कॉलेज की चहारदीवारी बनाने हेतु केवल राशि का आकलन किया गया है, जो कि 1 करोड़ 10 लाख है.

छात्राओं को सुविधा के अभाव में परेशानी: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने खंडपीठ को बताया कि कॉलेज में बुनियादी सुविधाओं उपलब्ध कराये जाने के लिए अभी तक कोई भी राशि आवंटित नहीं कराई गई है. कालेज में बुनियादी सुविधाएँ नहीं होने से छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराने के लिए कॉलेज परिसर में वेंडिंग मशीन भी लगाया जाना चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी.

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