पटना: हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार ने मोहम्मद अफरोज अहमद की क्रिमिनल मिसलेनियस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि यदि 21 फरवरी 2022 तक की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट दायर नहीं की जाती है तो बिहार के डीजीपी, मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक व जमुई के पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होना होगा.
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कोर्ट ने 14 दिसंबर 2021 को अपने आदेश में ओमान में रह रहे याचिकाकर्ता को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय व अन्य केंद्रीय एजेंसियों/संगठनों के सहयोग से प्रत्यर्पित करके याचिकाकर्ता को उस कोर्ट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था. ये आदेश राज्य के डीजीपी, मुजफ्फरपुर और जमुई के पुलिस अधीक्षक को दिया था, जहाँ शिकायत लंबित है.
बता दें कि हाई कोर्ट ने विदेश मंत्रालय और सीबीआई समेत संबंधित केंद्रीय एजेंसियों को याचिकाकर्ता के पासपोर्ट को भी रद्द करवाने और भारत वापस लाने की कार्रवाई करने को कहा था. पासपोर्ट को रद्द किए जाने व याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के संबंध में रिपोर्ट 8 सप्ताह के भीतर दाखिल करने को कहा गया था. इसके बावजूद कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं किया गया. फिर इस केस को कोर्ट द्वारा 10 फरवरी 2022 को 16 फरवरी के लिए टाल दिया गया था. इसके बावजूद रिपोर्ट दाखिल नहीं किया जा सका.
इस मामले में राज्य सरकार के अधिवक्ता अजय को एपीपी झारखंडी उपाध्याय के साथ कोर्ट को अगली सुनवाई की तिथि को सहयोग करने को कहा गया है. इस मामले पर आगे की सुनवाई 21फरवरी 2022 को होगी.
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