पटना: पटना हाईकोर्ट ने क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट को लागू करने के लिए की गई कार्रवाई के संबंध में शुक्रवार को सुनवाई की (Hearing on Clinical Establishment Act on June 23) है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने वेटेरन फोरम द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की. जिसमें स्वास्थ्य विभाग को राज्य में क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट को लागू करने के लिए की गई कार्रवाई के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
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कोर्ट ने अधिवक्ता के दलील सुनने के बाद दिया आदेश: चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने वेटेरन फोरम द्वारा दायर लोकहित याचिका दायर की गई थी. जिसपर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई की. याचिकाकर्ता की अधिवक्ता रितिका रानी और सरकारी वकील प्रशांत प्रताप को सुनने के बाद यह आदेश दिया. पटना हाईकोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 जून 2023 को होगी.
सरकार ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत किया था: गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 4 जनवरी 2021 को पारित आदेश में क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट 2010 और बिहार क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट रूल 2013 के क्रियान्वयन हेतु विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. 16 जनवरी 2021 को राज्य सरकार ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत किया था. जिसमें कहा गया था कि क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट के कार्यान्वयन के लिए 2013 में रूल बनाए गए थे.
कानूनी और अवैध पैथो लैब की सूची अपलोड की गई थी: क्लिनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट के कार्यान्वयन के लिए बनाये गये नियम में कानूनी और अवैध पैथो लैब की सूची अपलोड की गई थी. वैध पैथोलॉजिकल लैब के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मीडिया प्रकाशन किया गया था. इस मामले की अगली सुनवाई 23 जून 2023 को होगी.