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Bhagalpur Bridge Collapse: अगुवानी-सुल्तानगंज पुल मामले में पटना HC में सुनवाई, सरकार से मांगी रिपोर्ट, कंपनी के MD को बुलाया - पटना हाईकोर्ट न्यूज

सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के ध्वस्त होने के मामले में दायर याचिकाओं पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इस सुनवाई में निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को भी उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 20, 2023, 9:13 PM IST

Updated : Jun 21, 2023, 8:09 AM IST

पटना: भागलपुर के पास अगुवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर व ललन कुमार की याचिकायों पर 21 जून को एक साथ सुनवाई होगी. इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी. इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की.

ये भी पढ़ें: Bihar Bridge Collapse : अगुवानी ब्रिज गिरने पर पटना HC में PIL, स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग

कंपनी के एमडी को उपस्थित होने का निर्देश: पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िय के अगुवानी - सुल्तानगंज के निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामलें को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को 21 जून को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने साथ ही पुल निर्माता कंपनी को विस्तृत रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था. इसमें कंपनी को पुल की पूरी लम्बाई, डीपीआर, मिट्टी की गुणवत्ता आदि का विवरण देने को कहा था. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.

दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग: कोर्ट ने 21 जून को उपर्युक्त बेंच में प्रस्तुत किये जाने का निर्देश दिया था. इस मामले में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने पहले एक जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है. ये पुल 1700 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा था. उन्होंने इस याचिका में कहा है कि इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने या न्यायिक जांच कराया जाये, जो भी दोषी और जिम्मेदार है. उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

कंपनी से की जाए क्षति वसूली: उन्होंने अपनी जनहित याचिका में ये मांग की है कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ये पुल टूटा था, लेकिन उसकी विभागीय जांच भी नहीं करायी गयी. इतने कम समय में दोबारा निर्माणधीन पुल का ध्वस्त होना, इसमें भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का होना स्पष्ट प्रतीत होता है.आज ये मामला चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के रखा गया था. कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए दोनों मामलो पर 21जून को सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है.

पटना: भागलपुर के पास अगुवानी घाट पर गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामलें पर पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर व ललन कुमार की याचिकायों पर 21 जून को एक साथ सुनवाई होगी. इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी. इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की.

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कंपनी के एमडी को उपस्थित होने का निर्देश: पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िय के अगुवानी - सुल्तानगंज के निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामलें को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को 21 जून को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने साथ ही पुल निर्माता कंपनी को विस्तृत रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था. इसमें कंपनी को पुल की पूरी लम्बाई, डीपीआर, मिट्टी की गुणवत्ता आदि का विवरण देने को कहा था. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.

दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग: कोर्ट ने 21 जून को उपर्युक्त बेंच में प्रस्तुत किये जाने का निर्देश दिया था. इस मामले में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने पहले एक जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है. ये पुल 1700 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा था. उन्होंने इस याचिका में कहा है कि इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने या न्यायिक जांच कराया जाये, जो भी दोषी और जिम्मेदार है. उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

कंपनी से की जाए क्षति वसूली: उन्होंने अपनी जनहित याचिका में ये मांग की है कि इस निर्माण कंपनी को लिस्ट कर इससे और अन्य जिम्मेदार और दोषी लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ये पुल टूटा था, लेकिन उसकी विभागीय जांच भी नहीं करायी गयी. इतने कम समय में दोबारा निर्माणधीन पुल का ध्वस्त होना, इसमें भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का होना स्पष्ट प्रतीत होता है.आज ये मामला चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के रखा गया था. कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए दोनों मामलो पर 21जून को सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है.

Last Updated : Jun 21, 2023, 8:09 AM IST
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