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एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा निकायों में कार्य संभाले जाने के विरोध में दायर याचिक पर सुनवाई टली - नगर निकाय के विघटन

पटना हाई कोर्ट (Patna High Court)ने राज्य में नगर निकाय के विघटन की अवधि 6 माह से ज्यादा होने के बाद एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा  निकायों में कार्य संभाले जाने के मामले पर होने वाली सुनवाई 16 दिसंबर तक के लिए टल गयी है. जस्टिस ए अमानुल्लाह की खंडपीठ ने गुरुवार को अंजू कुमारी व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की.

पटना हाई कोर्ट
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Published : Dec 1, 2022, 3:18 PM IST

पटनाः पटना हाई कोर्ट ने राज्य में नगर निकाय के विघटन (dissolution of municipal body) की अवधि 6 माह से ज्यादा होने के बाद एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा निकायों में कार्य संभाले जाने के मामले पर होने वाली सुनवाई 16 दिसंबर तक के लिए टल गयी है. जस्टिस ए अमानुल्लाह की खंडपीठ ने गुरुवार को अंजू कुमारी व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि चुनाव आयोग ने राज्य में नगर निकायों के चुनाव तिथियों की घोषणा कर दी है. दो चरण में ये चुनाव होंगे. 18 दिसंबर और 28 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. 31दिसम्बर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने पर 6 दिसम्बर को होगी अगली सुनवाई

क्या है मामलाः याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने कोर्ट को बताया कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार 5 वर्ष की अवधि समाप्त होने के पहले नगर निकाय का चुनाव (municipal elections) हर हाल में करा लेना है. लेकिन बिहार में बहुत ऐसे नगर निकाय हैं, जिनको विघटित हुए एक बरस से ज्यादा की अवधि हो गई है. इसके बावजूद अभी भी उन नगर निकायों में एडमिनिस्ट्रेटर के द्वारा कार्य कराया जा रहा है, जो कानूनी रूप से सही नहीं है.

इसे भी पढ़ेंः पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने के मामले पर सुनवाई 29 नवंबर तक टली

परामर्श दात्री समिति की मांगः कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस तरह के कार्यों को गैरकानूनी माना है. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जिस प्रकार पंचायत में परामर्श दात्री समिति का गठन किया गया है ,उसी प्रकार नगर निकाय में भी परामर्श दात्री समिति का गठन किया जाए. उन्होंने बताया कि इससे नगर निकाय का कार्य सुचारू रूप से चुनाव संपन्न होने तक हो सकेगा. चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता संजीव निकेश ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट के निर्देशानुसार डेडिकेटेड कमीशन की रिपोर्ट आ जाने के बाद नगर निकाय का चुनाव सम्पन्न करा लिया जाएगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 16दिसंबर को की जाएगी.

पटनाः पटना हाई कोर्ट ने राज्य में नगर निकाय के विघटन (dissolution of municipal body) की अवधि 6 माह से ज्यादा होने के बाद एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा निकायों में कार्य संभाले जाने के मामले पर होने वाली सुनवाई 16 दिसंबर तक के लिए टल गयी है. जस्टिस ए अमानुल्लाह की खंडपीठ ने गुरुवार को अंजू कुमारी व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि चुनाव आयोग ने राज्य में नगर निकायों के चुनाव तिथियों की घोषणा कर दी है. दो चरण में ये चुनाव होंगे. 18 दिसंबर और 28 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. 31दिसम्बर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

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क्या है मामलाः याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने कोर्ट को बताया कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार 5 वर्ष की अवधि समाप्त होने के पहले नगर निकाय का चुनाव (municipal elections) हर हाल में करा लेना है. लेकिन बिहार में बहुत ऐसे नगर निकाय हैं, जिनको विघटित हुए एक बरस से ज्यादा की अवधि हो गई है. इसके बावजूद अभी भी उन नगर निकायों में एडमिनिस्ट्रेटर के द्वारा कार्य कराया जा रहा है, जो कानूनी रूप से सही नहीं है.

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परामर्श दात्री समिति की मांगः कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस तरह के कार्यों को गैरकानूनी माना है. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जिस प्रकार पंचायत में परामर्श दात्री समिति का गठन किया गया है ,उसी प्रकार नगर निकाय में भी परामर्श दात्री समिति का गठन किया जाए. उन्होंने बताया कि इससे नगर निकाय का कार्य सुचारू रूप से चुनाव संपन्न होने तक हो सकेगा. चुनाव आयोग की ओर से अधिवक्ता संजीव निकेश ने कोर्ट को बताया था कि कोर्ट के निर्देशानुसार डेडिकेटेड कमीशन की रिपोर्ट आ जाने के बाद नगर निकाय का चुनाव सम्पन्न करा लिया जाएगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 16दिसंबर को की जाएगी.

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