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Anand Mohan की रिहाई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जेल मैनुअल में संशोधन को जी कृष्णैया की पत्नी ने दी है चुनौती - Amendment in prison manual

बिहार में जेल मैनुअल में संशोधन करके बाहुबली आनंद मोहन की सहरसा जेल से रिहाई मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी की अर्जी पर आज कोर्ट दोनों पक्षों की दलील सुनेगी.

बिहार जेल नियमावली 2012 में संशोधन
Bahubali Anand Mohan
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 26, 2023, 6:01 AM IST

पटना : बाहुबली आनंद मोहन कि रिहाई मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में सजा काटकर जेल से बाहर आए आनंद मोहन पर जी कृष्णैया की पत्नी ने याचिका लगाई थी. उन्होंने इस रिहाई को गैर-कानूनी करार देते हुए बिहार सरकार के उस जेल मैनुअल के फैसले को भी चुनौती दी है जिसमें संशोधन करके उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ था.

ये भी पढ़ें- Anand Mohan: 'नरेंद्र मोदी से बड़ी चीज हैं मुख्यमंत्री नीतीश..'बोले आनंद मोहन- 'परिस्थितियां नेता पैदा करती है''

सुप्रीम कोर्ट में आनंद मोहन केस में सुनवाई : इसके पहले सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि "राज्य सरकार ने एक ही दिन में 97 दोषी व्यक्तियों की सजा में छूट पर विचार किया. उसने केवल गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को सजा में छूट नहीं दी."

कोर्ट का सरकार से सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष सुनने के बाद न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा कि "क्या इन सभी 97 लोगों पर एक लोक सेवक की हत्या का आरोप लगाया गया था? उनका मामला यह है कि आनंद मोहन को रिहा करने के लिए नीति बदल दी गई." जवाब में सरकार के वकील ने कहा कि "उन दोषियों को वर्गीकृत करते हुए एक विस्तृत प्रतिक्रिया दाखिल करेंगे, जिन्हें उनके क्राइम के आधार पर छूट दी गई है."

ईटीवी भारत GFX
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उमा कृष्णैया के वकील ने क्या कहा?: पिछली सुनवाई में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी के वकील ने अदालत को बताया कि प्रदेश सरकार ने उन्हें मामले से संबंधित आधिकारिक फाइलों की प्रति (कॉपी) नहीं दी है. बता दें कि बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व सांसद को मिली सजा में छूट के मामले में मूल रिकॉर्ड न्यायालय के समक्ष पेश किया है.

क्या है आनंद मोहन रिहाई मामला: बिहार के जेल मैनुअल में संशोधन करे बाद बाहुबली आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहाई दी गई थी. उमा कृष्णैया की याचिका में आरोप लगाया गया कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 के संशोधन के जरिए प्रभाव से बिहार जेल नियमावली 2012 में संशोधन किया. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषी आनंद मोहन को छूट का लाभ दिया जाए.

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1994 को हुई थी जी कृष्णैया की हत्या: साल 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिला कलेक्टर जी कृष्णैया को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. घटना को तब अंजाम दिया गया था जब डीएम की गाड़ी गैंगस्टर छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के जुलूस से निकलने की कोशिश कर रही थी. भीड़ को उकसाने का आरोप आनंद मोहन पर था. कोर्ट ने दोषी पाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

पटना : बाहुबली आनंद मोहन कि रिहाई मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में सजा काटकर जेल से बाहर आए आनंद मोहन पर जी कृष्णैया की पत्नी ने याचिका लगाई थी. उन्होंने इस रिहाई को गैर-कानूनी करार देते हुए बिहार सरकार के उस जेल मैनुअल के फैसले को भी चुनौती दी है जिसमें संशोधन करके उनकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ था.

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सुप्रीम कोर्ट में आनंद मोहन केस में सुनवाई : इसके पहले सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि "राज्य सरकार ने एक ही दिन में 97 दोषी व्यक्तियों की सजा में छूट पर विचार किया. उसने केवल गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को सजा में छूट नहीं दी."

कोर्ट का सरकार से सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष सुनने के बाद न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा कि "क्या इन सभी 97 लोगों पर एक लोक सेवक की हत्या का आरोप लगाया गया था? उनका मामला यह है कि आनंद मोहन को रिहा करने के लिए नीति बदल दी गई." जवाब में सरकार के वकील ने कहा कि "उन दोषियों को वर्गीकृत करते हुए एक विस्तृत प्रतिक्रिया दाखिल करेंगे, जिन्हें उनके क्राइम के आधार पर छूट दी गई है."

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उमा कृष्णैया के वकील ने क्या कहा?: पिछली सुनवाई में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी के वकील ने अदालत को बताया कि प्रदेश सरकार ने उन्हें मामले से संबंधित आधिकारिक फाइलों की प्रति (कॉपी) नहीं दी है. बता दें कि बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व सांसद को मिली सजा में छूट के मामले में मूल रिकॉर्ड न्यायालय के समक्ष पेश किया है.

क्या है आनंद मोहन रिहाई मामला: बिहार के जेल मैनुअल में संशोधन करे बाद बाहुबली आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहाई दी गई थी. उमा कृष्णैया की याचिका में आरोप लगाया गया कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 के संशोधन के जरिए प्रभाव से बिहार जेल नियमावली 2012 में संशोधन किया. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषी आनंद मोहन को छूट का लाभ दिया जाए.

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1994 को हुई थी जी कृष्णैया की हत्या: साल 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिला कलेक्टर जी कृष्णैया को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. घटना को तब अंजाम दिया गया था जब डीएम की गाड़ी गैंगस्टर छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के जुलूस से निकलने की कोशिश कर रही थी. भीड़ को उकसाने का आरोप आनंद मोहन पर था. कोर्ट ने दोषी पाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

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