पटना: हाईकोर्ट की ओर से एक लाख 25 हजार माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर लगी रोक हटाने के लिए एक बार फिर अनुरोध किया गया है. एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने शिक्षा मंत्री के अनुरोध पर एक बार फिर इस मामले को लेकर एडवोकेट जनरल ने चीफ जस्टिस से शीघ्र विचार करने का अनुरोध किया.
एडवोकेट जनरल ने चीफ जस्टिस से कहा कि राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर आश्वासन दिया है कि विकलांग उम्मीदवारों को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. ब्लाइंड एसोसिएशन ने रिट याचिका दायर की थी कि बहाली में विकलांगों के लिए निर्धारित 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ सुनिश्चित कराया जाए. इसी याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूर्व में शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दिया था. इस कारण बहाली की पूरी प्रक्रिया स्थगित हो गई है.
उन्होंने चीफ जस्टिस से कहा कि इस वर्ष मार्च में ही मामले की सुनवाई निर्धारित थी. लेकिन होली की छुट्टी और कोरोना के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. शिक्षकों की बहाली नहीं हो सकी. महाधिवक्ता ने इस मुद्दे पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया.
जल्द होगा नियुक्ति का रास्ता साफ
एडवोकेट जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता की मांग सरकार ने मांग ली है. इसलिए पूरी बहाली को रोके रखने का कोई औचित्य नहीं रह गया है. इस पर चीफ जस्टिस ने कोर्ट मास्टर को सम्बंधित फाइल पेश करने का निर्देश दिया. उम्मीद है कि जल्दी सुनवाई के बाद शिक्षक नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा.
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आखिरकार बिहार सरकार की ओर से करीब सवा लाख शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पटना हाईकोर्ट में मेंशनिंग की गई है. अगर हाई कोर्ट बिहार सरकार की याचिका को स्वीकार कर लेता है तो करीब 90700 प्राथमिक और करीब 30,000 माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाएगी.