ETV Bharat / state

'यदि गलत मापी कर रास्ते को घेरा गया है, तो 24 घंटे में ध्वस्त करें, वरना दोषी अधिकारी जेल जाने के लिए तैयार रहें'

पटना उच्च न्यायालय ने कड़े शब्दों में अधिकारियों को हिदायत दी है. कोर्ट ने राजधानी के सड़क निर्माण को लेकर अधिकारियों को तुरंत एक्शन लेने को कहा है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Patna High Court Etv Bharat
Patna High Court Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 5, 2023, 7:48 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने गांधी मैदान को बाकरगंज से जोड़ने वाली सड़क को बंद करने के मामले पर संज्ञान लेते हुए तल्ख टिप्पणी की है. उच्च न्यायालय ने पटना सदर के अंचल अमीन एवं डीजीएम (लॉ), बियाडा को 7 दिसंबर को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. जस्टिस संदीप कुमार ने सुशील जीत कर्ण की याचिका पर सुनवाई की. उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि 'यदि गलत मापी कर रास्ते को घेरा गया है, तो उसे 24 घंटे में ध्वस्त करें, नहीं तो दोषी अधिकारी जेल जाने के लिए तैयार रहें.'

05 जनवरी 2010 के आदेश का दिया गया हवाला : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनु त्रिपुरारी ने कोर्ट को बताया कि इस निर्माण से उद्योग भवन के पश्चिमी किनारे पर स्थित सड़क से सटे फुटपाथ के उपयोग में बाधा उत्पन्न हो रही है. इसका उपयोग बड़ी संख्या में पैदल यात्री किया करते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट ने 05 जनवरी 2010 को एक आदेश पारित कर यह कहा था कि गांधी मैदान स्थित प्लॉट संख्या 1141 आम रास्ते के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर किसी भी तरह का कोई निर्माण नहीं किया जाएगा.

'कोर्ट के आदेश की अवमानना हुई है' : मनु त्रिपुरारी ने कोर्ट को बताया कि प्रतिवादियों ने उक्त सड़क पर दीवार का निर्माण कर हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेश की अवमानना की है. सुनवाई के दौरान बियाडा का पक्ष वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने रखा. इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी. अब ऐसे में देखना यह होगा कि अगली सुनवाई में क्या होती है.

पटना : पटना हाईकोर्ट ने गांधी मैदान को बाकरगंज से जोड़ने वाली सड़क को बंद करने के मामले पर संज्ञान लेते हुए तल्ख टिप्पणी की है. उच्च न्यायालय ने पटना सदर के अंचल अमीन एवं डीजीएम (लॉ), बियाडा को 7 दिसंबर को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. जस्टिस संदीप कुमार ने सुशील जीत कर्ण की याचिका पर सुनवाई की. उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि 'यदि गलत मापी कर रास्ते को घेरा गया है, तो उसे 24 घंटे में ध्वस्त करें, नहीं तो दोषी अधिकारी जेल जाने के लिए तैयार रहें.'

05 जनवरी 2010 के आदेश का दिया गया हवाला : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनु त्रिपुरारी ने कोर्ट को बताया कि इस निर्माण से उद्योग भवन के पश्चिमी किनारे पर स्थित सड़क से सटे फुटपाथ के उपयोग में बाधा उत्पन्न हो रही है. इसका उपयोग बड़ी संख्या में पैदल यात्री किया करते हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट ने 05 जनवरी 2010 को एक आदेश पारित कर यह कहा था कि गांधी मैदान स्थित प्लॉट संख्या 1141 आम रास्ते के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर किसी भी तरह का कोई निर्माण नहीं किया जाएगा.

'कोर्ट के आदेश की अवमानना हुई है' : मनु त्रिपुरारी ने कोर्ट को बताया कि प्रतिवादियों ने उक्त सड़क पर दीवार का निर्माण कर हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेश की अवमानना की है. सुनवाई के दौरान बियाडा का पक्ष वरीय अधिवक्ता ललित किशोर ने रखा. इस मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी. अब ऐसे में देखना यह होगा कि अगली सुनवाई में क्या होती है.

ये भी पढ़ें :-

स्पेशल PP की बहाली करने को लेकर राज्य सरकार को निर्देश, बॉडीगार्ड हत्याकांड मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.