पटना: बिहार के पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों समेत जिला अस्पतालों में वेंटीलेटर, एमआरआई मशीन, सिटी स्कैन जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने रणजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 11अगस्त 2023 तक की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया.
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रखा अपना पक्षः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के बहुत सारे प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों के अपने भवन नहीं हैं, इसके लिए राज्य सरकार को भूमि उपलब्ध करा कर अपने भवन प्राथमिक चिकित्सा केंद्र हेतु बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य के सभी नौ सरकारी मेडिकल कालेजों में जो सिटी स्कैन मशीन लगाए गए हैं, वे पीपीपी मोड पर लगाए गए हैं. इन्हें मेडिकल कॉउन्सिल ऑफ इंडिया मान्यता नहीं देता है.
'आदेश के छह महीने बाद भी काम पूरा नहीं': इसी तरह से राज्य के पांच मेडिकल कालेजों में एमआरआई मशीन लगाया है, जो कि पीपीपी मोड पर लगाया गया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के बार-बार आदेश देने बाद भी सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन नहीं लगाया गया. कोर्ट के 3 अगस्त,2022 के आदेश के छह महीने पूरा होने के बाद भी इन्हें अस्पतालों में अब तक नहीं लगाया गया है.
मामले की अगली सुनवाई 11अगस्त कोः इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता दीनू कुमार और अधिवक्ता रितिका रानी ने याचिकाकर्ता की ओर से और एडवोकेट जनरल ने राज्य सरकार की ओर से पक्षों को प्रस्तुत किया. इस मामलें पर अगली सुनवाई 11अगस्त,2023 को की जाएगी।