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बेगूसराय बालिका गृह में नाबालिग को रखने पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में एक नाबालिग बच्ची को नौ महीने तक बेगूसराय स्थित बालिका गृह में रखने के मामले पर सुनवाई हुई. जिसमें जज ने बेगूसराय के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के सख्त निर्देश दिए हैं.

Patna High Court
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Published : Sep 3, 2022, 3:10 PM IST

पटनाः बिहार के पटना हाईकोर्ट में जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने एक नाबालिग बच्ची को नौ महीने तक बेगूसराय स्थित बालिका गृह में रखने के मामले पर सुनवाई की. हाईकोर्ट के जस्टिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बेगूसराय के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि इस संवेदनशील मामले पर किशोर न्याय अधिनियम और पोक्सो अधिनियम के प्रावधान और अभिलेखों के आधार पर उचित कार्रवाई करें.

ये भी पढ़ें: डीजीपी एसके सिंघल को पटना हाईकोर्ट से फटकार.. डीएसपी को डीमोट करने का मामला

कोर्ट ने कहा संस्थान के पदाधिकारी जिम्मेदारः कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि यदि यह प्रथम दृष्टया में मामला बनता है तो जिला बाल कल्याण के सदस्यों बालिका गृह के पदाधिकारी, बच्ची की जांच करने वाली चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने कहा कि अभिलेखों से स्पष्ट होता है कि इस मामले में संस्थान के पदाधिकारी जिम्मेदार थे.

कोर्ट ने अधिवक्ता विक्रम देव सिंह को पीड़ित बच्चे के हित में न्यायालय को उचित सहायता प्रदान करने के लिए "एमिकस क्यूरी" के रूप में नियुक्त किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितम्बर 2022 को होगी.

पटनाः बिहार के पटना हाईकोर्ट में जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने एक नाबालिग बच्ची को नौ महीने तक बेगूसराय स्थित बालिका गृह में रखने के मामले पर सुनवाई की. हाईकोर्ट के जस्टिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बेगूसराय के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि इस संवेदनशील मामले पर किशोर न्याय अधिनियम और पोक्सो अधिनियम के प्रावधान और अभिलेखों के आधार पर उचित कार्रवाई करें.

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कोर्ट ने कहा संस्थान के पदाधिकारी जिम्मेदारः कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि यदि यह प्रथम दृष्टया में मामला बनता है तो जिला बाल कल्याण के सदस्यों बालिका गृह के पदाधिकारी, बच्ची की जांच करने वाली चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाए. कोर्ट ने कहा कि अभिलेखों से स्पष्ट होता है कि इस मामले में संस्थान के पदाधिकारी जिम्मेदार थे.

कोर्ट ने अधिवक्ता विक्रम देव सिंह को पीड़ित बच्चे के हित में न्यायालय को उचित सहायता प्रदान करने के लिए "एमिकस क्यूरी" के रूप में नियुक्त किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितम्बर 2022 को होगी.

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