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बिना किसी न्यायिक या अर्ध न्यायिक आदेश के मकान तोड़ा जाना अवैध: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने भू माफिया के साथ कथित रूप से मिलीभगत के अवैध रूप से मकान को ध्वस्त करने पर पूर्वी पटना के एसपी, पटना सिटी के सीओ और अगमकुआं थाना के एसएचओ को तलब किया था. इन अफसरों ने कोर्ट में मौजूद रहकर अपनी स्थिति को स्पष्ट किया. कोर्ट ने कहा कि बिना किसी न्यायिक या अर्ध न्यायिक आदेश के मकान तोड़ा जाना अवैध है. पढ़ें पूरी खबर-

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Published : Dec 8, 2022, 11:01 PM IST

पटना: हाइकोर्ट ने पुलिस के भू माफिया के साथ कथित रूप से मिलीभगत और अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने के मामले पर (Illegal Demolition Of House In Patna) सुनवाई की. जस्टिस संदीप कुमार (Justice Sandeep Kumar) ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को घटना की वीडियो को पेनड्राइव में राज्य सरकार के अधिवक्ता और प्रतिवादियों को देने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 20दिसम्बर 2022 को की जाएगी.

ये भी पढ़ें- '.. तो सिविल कोर्ट बंद कर दें'.. बुलडोजर ऐक्शन पर हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

गुरुवार को कोर्ट में पूर्वी पटना के एसपी, पटना सिटी के सीओ और अगमकुआं थाना के एसएचओ के साथ इस घटना में गए पुलिस अधिकारियों कोर्ट में उपस्थित होकर अपनी स्थिति स्पष्ट की. कोर्ट ने कहा कि बिना किसी न्यायिक या अर्ध न्यायिक आदेश के मकान तोड़ा जाना अवैध है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह पुलिस कार्रवाई करेगी, तो अराजकता फैलेगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब ऐसे ही पुलिस काम करेगी, तो सिविल कोर्ट बंद कर दिया जाए.

आज कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से इस बात से इंकार किया कि इस घटना में बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कोर्ट को घटना की तस्वीरें भी दिखाई गई. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस के मनमाने रवैए पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या यहाँ भी बुलडोजर चलेगा. पुलिस थाने मे पैसा दे कर मनमाने काम करवाए जा सकते हैं. क्या सारी ताकत पुलिस को मिल गई है क्या?

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि भू माफिया के शह पर याचिकाकर्ता व उसके परिवार वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया है. कोर्ट ने इस प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश देते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर 2022 को फिर होगी.

पटना: हाइकोर्ट ने पुलिस के भू माफिया के साथ कथित रूप से मिलीभगत और अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने के मामले पर (Illegal Demolition Of House In Patna) सुनवाई की. जस्टिस संदीप कुमार (Justice Sandeep Kumar) ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को घटना की वीडियो को पेनड्राइव में राज्य सरकार के अधिवक्ता और प्रतिवादियों को देने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 20दिसम्बर 2022 को की जाएगी.

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गुरुवार को कोर्ट में पूर्वी पटना के एसपी, पटना सिटी के सीओ और अगमकुआं थाना के एसएचओ के साथ इस घटना में गए पुलिस अधिकारियों कोर्ट में उपस्थित होकर अपनी स्थिति स्पष्ट की. कोर्ट ने कहा कि बिना किसी न्यायिक या अर्ध न्यायिक आदेश के मकान तोड़ा जाना अवैध है. उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह पुलिस कार्रवाई करेगी, तो अराजकता फैलेगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अवैध रूप से मकान ध्वस्त करने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब ऐसे ही पुलिस काम करेगी, तो सिविल कोर्ट बंद कर दिया जाए.

आज कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से इस बात से इंकार किया कि इस घटना में बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कोर्ट को घटना की तस्वीरें भी दिखाई गई. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस के मनमाने रवैए पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या यहाँ भी बुलडोजर चलेगा. पुलिस थाने मे पैसा दे कर मनमाने काम करवाए जा सकते हैं. क्या सारी ताकत पुलिस को मिल गई है क्या?

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि भू माफिया के शह पर याचिकाकर्ता व उसके परिवार वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया है. कोर्ट ने इस प्राथमिकी पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश देते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर 2022 को फिर होगी.

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