पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पटना मुख्य नहर के बांध व चार्ट भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा किये गए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन (Chief Justice KV Chandran) और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष राज किशोर श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अतिक्रमणकारी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने इस मामले में अधिकारी के समक्ष अपनी बात को रखने की बात कही. कोर्ट का कहना था कि अभी सुनवाई खंडपीठ कर रही है.
ये भी पढे़ं- पटना: नहर के बांध और चार्ट भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई: खंडपीठ ने अतिक्रमणकारी के अधिवक्ता की दलील को सुनने के बाद उनकी याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने हाई कोर्ट द्वारा विगत 5 मई, 2023 को इस मामले में पारित किए गए आदेश का हवाला दिया गया. इसमें दानापुर के अंचलाधिकारी ने अन्य बातों के अलावा चार सप्ताह में कम से कम 70 फीसदी अतिक्रमण को हटाने की बात कही थी.
कोर्ट ने सरकार को कही विकल्प तलाशने की बात: कोर्ट ने राज्य सरकार को विकल्प तलाशने को भी कहा है. इस नहर बांध व चार्ट भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति को दानापुर के अंचलाधिकारी ने भी स्वीकार किया है. सोन नहर प्रमंडल, खगौल, पटना द्वारा अतिक्रमण वाद दायर करने के लिए दानापुर के अंचलाधिकारी को लिखा गया था, लेकिन अभी तक इसे नहीं हटाया गया. सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता द्वारा दानापुर के अंचलाधिकारी को अतिक्रमणकारियों की सूची भी अंचलाधिकारी को दी गई है.
31 जुलाई को होगी अगली सुनवाई: कार्यपालक अभियंता ने अपने पत्र में विभागीय मुख्य नहर के बांध व चार्ट भूमि पर किये गए अतिक्रमण को अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अतिक्रमण वाद दायर कर ठोस अग्रेतर कार्रवाई करने हेतु अनुरोध किया था. ताकि विभागीय भूमि अतिक्रमणकारियों से मुक्त हो सके. इस मामले में आगे की सुनवाई अब 31 जुलाई, 2023 को की जाएगी.