पटना : पटना हाईकोर्ट ने पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर मांस-मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ को इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पटना नगर निगम की कार्रवाई रिपोर्ट दी गयी. इस मामले पर अब अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी.
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पटना में स्लॉटर हाउस बनाने का प्रस्ताव : पटना नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि हैदराबाद की एक निर्माण कंपनी ने पटना में स्लॉटर हाउस बनाने का प्रस्ताव दिया है. कोर्ट को बताया गया कि 33 साल के लीज पर 7 एकड़ जमीन पर स्लॉटर हाउस बनाया जायेगा. इस पर दस से बारह करोड़ रुपये का खर्च होगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस बारे में पटना नगर निगम को स्लॉटर हाउस की विस्तृत जानकारी देने के लिए समय दिया था.
बूचड़खाने के निर्माण के लिए स्थान चिह्नित : पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि आधुनिक बूचड़खाने के निर्माण और विकास के लिए स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है. साथ ही निविदा की कार्रवाई की जा रही है. पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए पटना नगर निगम ने तीन सप्ताह की मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था. ये जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की है.
बच्चों के मन पर पड़ता है बुरा प्रभाव : सुनवाई में अधिवक्ता अंकिता कुमारी ने कोर्ट को बताया कि पटना समेत राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं. उन्होंने कहा कि इससे जहां आम आदमी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, वहीं खुले में इस तरह से जानवरों के काटे जाने से छोटे बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
पटना में होती है खुले में मांस-मछली की बिक्री: याचिकाकर्ता की वकील अंकिता कुमारी ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया कि खुले और अवैध रूप से चलने वाले बूचड़खानों को नगर निगम द्वारा तत्काल बंद कराया जाना चाहिए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पटना के राजा बाजार, पाटलिपुत्रा, राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड, कुर्जी, दीघा, गोला रोड, कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस मछ्ली की बिक्री होती है.
स्वास्थ्य का भी दिया गया है हवाला : अधिवक्ता अंकिता कुमारी ने कोर्ट को जानकारी दी कि अस्वस्थ और बगैर उचित प्रमाणपत्र के ही जानवरों को मार कर इनका मांस बेचा जाता है, जो कि जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए, ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले.