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पटना हाईकोर्ट की नीतीश सरकार को फटकार, कोरोना संबंधी मामलों पर स्पष्ट हलफनामा पेश करने का निर्देश

कोरोना संबंधी याचिकाओं पर सुनावाई करते हुए पटना हाईकोर्ट (Patna High court) ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने पूरे तथ्यों की जांच के बाद स्पष्ट हलफनामा दायर करने का निर्देश सरकार को दिया है. पढ़ें खबर...

Hearing in Patna High Court
Hearing in Patna High Court
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Published : Dec 17, 2021, 3:58 PM IST

पटनाः कोरोना महामारी संबंधी याचिकाओं को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Patna High Court On Corona Related Petitions) हुई. शिवानी कौशिक व अन्य के द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

इसे भी पढ़ें- कोरोनाः पटना हाईकोर्ट ने सरकार की रिपोर्ट पर जताया असंतोष, जनहित याचिकाओं पर अब रोज होगी सुनवाई

बता दें कि गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा में विरोधाभासी तथ्यों के मद्देनजर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. वहीं, शुक्रवार को मामले में ऑनलाइन सुनवाई हुई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रधान सचिव और अन्य जिलों के सिविल सर्जन उपस्थित हुए.

राज्य सरकार द्वारा दायर विरोधभासी हलफनामा पर सचिव अमृत प्रत्यय ने खेद जाहिर किया. उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई में विस्तृत और पूरे तथ्यों के साथ हलफनामा दायर किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति के कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक टीम गठित की गई है, जो राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और उपलब्ध सुविधाओं की जांच करेगी.

इसे भी पढ़ें- धनकुबेर निकला समस्तीपुर का सब-रजिस्ट्रार, निगरानी की छापेमारी में मिला करोड़ों का खजाना

इसके बाद सभी जिलों के सिविल सर्जन सरकारी अस्पतालों से संबंधित पूरा ब्यौरा की जांच कर प्रस्तुत करेंगे. राज्य सरकार के द्वारा जिला सरकारी अस्पतालों के संबंध में दिए गए हलफनामे में कई जानकारियां सही नहीं थी. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पूरा और सही ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा था.

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को साढ़े ग्यारह बजे सुबह वर्चुअल माध्यम से शुरू की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिविल सर्जनों को अस्पतालों में दवाइयां, डॉक्टर सहित अन्य सुविधाओं की तैयारी रखने का निर्देश दिया है.

इसे भी पढ़ेंः ऐसे में कैसे होगा इलाज! कोविड केयर सेंटर को भेजा गया 80 प्रतिशत ऑक्सीजन सिलेंडर लीक

पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन (Corona new variant Omicron ) के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्यभर में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था. कोर्ट ने विशेष तौर साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरियंट ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में सूचित करने को कहा था.

एम्स, पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने पहले भी राज्य में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन व एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा तलब किया था. अब इस मामले पर 24 दिसम्बर, 2021 को सुनवाई की जाएगी.

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पटनाः कोरोना महामारी संबंधी याचिकाओं को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Patna High Court On Corona Related Petitions) हुई. शिवानी कौशिक व अन्य के द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

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बता दें कि गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा में विरोधाभासी तथ्यों के मद्देनजर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. वहीं, शुक्रवार को मामले में ऑनलाइन सुनवाई हुई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रधान सचिव और अन्य जिलों के सिविल सर्जन उपस्थित हुए.

राज्य सरकार द्वारा दायर विरोधभासी हलफनामा पर सचिव अमृत प्रत्यय ने खेद जाहिर किया. उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई में विस्तृत और पूरे तथ्यों के साथ हलफनामा दायर किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति के कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक टीम गठित की गई है, जो राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और उपलब्ध सुविधाओं की जांच करेगी.

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इसके बाद सभी जिलों के सिविल सर्जन सरकारी अस्पतालों से संबंधित पूरा ब्यौरा की जांच कर प्रस्तुत करेंगे. राज्य सरकार के द्वारा जिला सरकारी अस्पतालों के संबंध में दिए गए हलफनामे में कई जानकारियां सही नहीं थी. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पूरा और सही ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा था.

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को साढ़े ग्यारह बजे सुबह वर्चुअल माध्यम से शुरू की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिविल सर्जनों को अस्पतालों में दवाइयां, डॉक्टर सहित अन्य सुविधाओं की तैयारी रखने का निर्देश दिया है.

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पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन (Corona new variant Omicron ) के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्यभर में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था. कोर्ट ने विशेष तौर साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरियंट ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में सूचित करने को कहा था.

एम्स, पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने पहले भी राज्य में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन व एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा तलब किया था. अब इस मामले पर 24 दिसम्बर, 2021 को सुनवाई की जाएगी.

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