पटना: बिहार में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के नए वेरिएंट के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर की जा रही कार्रवाईयों पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई (Hearing in Patna High Court) 4 फरवरी 2022 तक टल गई. चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा से संबंधित रिपोर्ट की एक प्रति एमिकस क्यूरी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई.
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पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा 24 जनवरी 2022 तक देने का निर्देश दिया था. इससे पहले कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने इस महामारी के रोकथाम और नियंत्रित करने के लिए की जा रही कार्रवाईयों का ब्यौरा दिया था. इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा था कि कोरोना महामारी की तीसरे लहर के रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा के क्या कदम उठाए जा रहे हैं.
पिछली सुनवाई में एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया था कि कोरोना महामारी के रोकथाम के दिए गए दिशा निर्देशों का पालन सख्त तरीके किया जा रहा है. सार्वजानिक स्थलों, सिनेमाघर, मॉल, पार्क आदि को फिलहाल बंद कर दिया गया. साथ ही रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू भी प्रशासन ने लागू कर दिया है.
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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के हलफनामा और एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट में विरोधाभास के मुद्दों पर राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा था. कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि जहां आप अपने हलफनामे को सही बता रहे हैं, वहीं समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को भी सही बता रहे हैं, जबकि दोनों में काफी अंतर है.
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समाचारपत्र ने अपनी खबर में राज्य में ऑक्सीजन आपूर्ति और उसमें कमियों की बात कही थी. कहीं ऑक्सीजन की शुद्धता की समस्या थी, तो कहीं ऑक्सीजन लीकेज की शिकायत की गई. राज्य सरकार का पक्ष रखते करते हुए अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि सारी गड़बड़ियां और कमियां जल्दी ही दूर कर ली जाएंगी. इन्हीं मुद्दों पर हाईकोर्ट में राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करते हुए विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा था. इस मामले पर अगली सुनवाई 4 फरवरी 2022 को की जाएगी.
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