पटनाः राज्य में सीनियर सेकेंड्री स्कूल में हेडमास्टर नियुक्ति के लिए बनी नियमावली की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. टेट/एस टेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है.
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हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य में इस नियमावली के तहत हो रही नियुक्तियां इस याचिका में पारित निर्णय पर निर्भर करेगा. याचिकाकर्ता के वकील कुमार शानू ने कोर्ट को बताया कि 18 अगस्त 2021 को अधिसूचित हुई बिहार राज्य उच्चतर माध्यमिक स्कूल हेडमास्टर नियमावली में हेडमास्टर की नियुक्ति की शर्तें परस्पर विरोधी हैं.
एक ओर 2012 नियमावली के तहत टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य है. वहीं दूसरी ओर शैक्षणिक कार्य अनुभव को न्यूनतम 10 साल रखा गया है. जो पूरी तरह से गलत है. इसमें कठिनाई ये है कि 2012 की नियमावली के तहत टीईटी परीक्षा को पास कर अधिकांश अभ्यर्थी 2014 में शिक्षक बने हैं.
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इसलिए टीईटी पास शिक्षकों का न्यूनतम कार्य अनुभव 10 साल तक का नहीं हो पाया. परिणामस्वरुप हेडमास्टर बहाली में मनमानी हो रही है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के आरोपों पर सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी.