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पटना हाईकोर्ट: निचली अदलतों में बुनियादी सुविधाओं को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई टली - Bihar News

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में निचली अदालत में बुनियादी सुविधाएं बहाल कराने को लेकर एक याचिका दायर की गयी है. जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ कर रही है. इस मामले की सुनवाई आज सोमवार को होनी थी. लेकिन किसी कारणवश सुनवाई टाल दी गयी. इस याचिका पर अगली सुनवाई 3 जनवरी यानी कल मंगलवार को की जाएगी.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Jan 2, 2023, 10:06 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट में राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामले की सुनवाई कल तक के लिए टल गयी. वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.

यह भी पढ़ें: पटना हाईकोर्ट के नए रजिस्ट्रार जनरल बनाए गए रूद्र प्रकाश मिश्रा


कोर्ट ने विधि सचिव को दिए थे निर्देश: कोर्ट ने इससे पहले सुनवाई करते हुए राज्य के विधि सचिव को विभिन्न जिलों के जिला जजों, डीएम व बार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने उन्हें इस बैठक के सम्बन्ध में भूमि उपलब्धता के सन्दर्भ में अगली सुनवाई में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.


यह भी पढ़ें: चीफ जस्टिस संजय करोल और जज अमानुल्लाह जाएंगे सुप्रीम कोर्ट, कॉलेजियम ने की अनुशंसा

'अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं': याचिकाकर्ता बिहार राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया था कि राज्य के अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है. कोर्ट को यह भी बताया कि राज्य में लगभग एक लाख से भी अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते हैं. लेकिन उनके लिए ना तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और ना ही कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध है.

बुनियादी सुविधाओं का अभाव: उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि भवन की भी काफी कमी है. बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है. शुद्ध पेय जल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं होती हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अदालतों के भवन के लिए जहां भूमि उपलब्ध भी है, वहां भूमि को स्थानांतरित नहीं किया गया है. जहां भूमि उपलब्ध करा दिया गया है, वहां कार्य नहीं प्रारम्भ नहीं हो पाया. कोर्ट ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए राज्य के विधि सचिव को तलब किया था.

उपलब्ध धनराशि का ब्यौरा देने का निर्देश: तब विधि सचिव ने कोर्ट को था कि इस सम्बन्ध में कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट ने विधि सचिव से जानना चाहा था कि केंद्र सरकार द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई गई है, किंतु अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. कोर्ट ने भूमि उपलब्धता के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया. कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध धनराशि का उपयोग नहीं होगा, तो अगले वित्तीय वर्ष में ये धनराशि उपलब्ध नहीं हो पाएगी.

पटना: पटना हाईकोर्ट में राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के मामले की सुनवाई कल तक के लिए टल गयी. वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ सुनवाई कर रही है.

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कोर्ट ने विधि सचिव को दिए थे निर्देश: कोर्ट ने इससे पहले सुनवाई करते हुए राज्य के विधि सचिव को विभिन्न जिलों के जिला जजों, डीएम व बार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने उन्हें इस बैठक के सम्बन्ध में भूमि उपलब्धता के सन्दर्भ में अगली सुनवाई में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.


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'अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं': याचिकाकर्ता बिहार राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया था कि राज्य के अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है. कोर्ट को यह भी बताया कि राज्य में लगभग एक लाख से भी अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते हैं. लेकिन उनके लिए ना तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और ना ही कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध है.

बुनियादी सुविधाओं का अभाव: उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि भवन की भी काफी कमी है. बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है. शुद्ध पेय जल, शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं होती हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अदालतों के भवन के लिए जहां भूमि उपलब्ध भी है, वहां भूमि को स्थानांतरित नहीं किया गया है. जहां भूमि उपलब्ध करा दिया गया है, वहां कार्य नहीं प्रारम्भ नहीं हो पाया. कोर्ट ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए राज्य के विधि सचिव को तलब किया था.

उपलब्ध धनराशि का ब्यौरा देने का निर्देश: तब विधि सचिव ने कोर्ट को था कि इस सम्बन्ध में कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट ने विधि सचिव से जानना चाहा था कि केंद्र सरकार द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई गई है, किंतु अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. कोर्ट ने भूमि उपलब्धता के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया. कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध धनराशि का उपयोग नहीं होगा, तो अगले वित्तीय वर्ष में ये धनराशि उपलब्ध नहीं हो पाएगी.

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