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Patna High Court: शारीरिक और आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों के मामले में पटना HC में सुनवाई

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Published : Feb 16, 2023, 3:26 PM IST

सीतामढ़ी की तीन लड़कियों की मदद मामले पर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इनमें से दो लड़कियां शारीरिक रूप से कमजोर है. वहीं एक लड़की की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. जानें पूरा मामला..

treatment of physically challenged girls of Sitamarhi
treatment of physically challenged girls of Sitamarhi

पटना: सीतामढ़ी जिला के आर्थिक और शारीरिक रूप से कमजोर लड़कियों की जांच और इलाज के सम्बन्ध में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए एम्स,पटना के अधिवक्ता को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

पढ़ें- Patna High Court: बिहार के 2459 मदरसों की जांच, सरकार को 4 महीने में जांच रिपोर्ट का देना होगा ब्योरा

दिव्यांग लड़कियों की मदद : एम्स पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि तीन लड़कियों में से दो लड़कियों को हड्डी सम्बन्धी रोग है. उनका इलाज पटना के एम्स हॉस्पिटल में शुरू हो गया है. इन दोनों लड़कियों के इलाज पर तीन लाख साठ हजार रुपया खर्च हो रहा है. ये धनराशि बिहार सरकार ने दे दिया है.

1 लड़की की आर्थिक स्थिति है खराब: उन्होंने बताया कि एक लड़की नेत्र सम्बन्धी बीमारी से ग्रस्त है. इसके इलाज के लिए इसे दिल्ली, एम्स भेजा जाना है.इसके प्रारंभिक इलाज के मद में राज्य सरकार ने बीस हजार रुपये एम्स,पटना के खाते में स्थानांतरित कर दिया है. ये धनराशि एम्स,दिल्ली के खाते में एम्स,पटना को स्थानांतरित करना है. इसी सम्बन्ध में कोर्ट ने एम्स,पटना को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

माता-पिता थे लाचार: गौरतलब है कि सीतामढ़ा के जिला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था. इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है,जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है. इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता-पिता इनका इलाज नहीं करवा पा रहे थे. इनके इलाज में खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था.

20 फरवरी को अगली सुनवाई: कोर्ट ने इनके इलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा था. एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया. इस मामले की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने एम्स अस्पताल, पटना व राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का आदेश दिया गया था. इस मामले पर 20 फरवरी,2023 को फिर सुनवाई होगी.

पटना: सीतामढ़ी जिला के आर्थिक और शारीरिक रूप से कमजोर लड़कियों की जांच और इलाज के सम्बन्ध में पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए एम्स,पटना के अधिवक्ता को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

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दिव्यांग लड़कियों की मदद : एम्स पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि तीन लड़कियों में से दो लड़कियों को हड्डी सम्बन्धी रोग है. उनका इलाज पटना के एम्स हॉस्पिटल में शुरू हो गया है. इन दोनों लड़कियों के इलाज पर तीन लाख साठ हजार रुपया खर्च हो रहा है. ये धनराशि बिहार सरकार ने दे दिया है.

1 लड़की की आर्थिक स्थिति है खराब: उन्होंने बताया कि एक लड़की नेत्र सम्बन्धी बीमारी से ग्रस्त है. इसके इलाज के लिए इसे दिल्ली, एम्स भेजा जाना है.इसके प्रारंभिक इलाज के मद में राज्य सरकार ने बीस हजार रुपये एम्स,पटना के खाते में स्थानांतरित कर दिया है. ये धनराशि एम्स,दिल्ली के खाते में एम्स,पटना को स्थानांतरित करना है. इसी सम्बन्ध में कोर्ट ने एम्स,पटना को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.

माता-पिता थे लाचार: गौरतलब है कि सीतामढ़ा के जिला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था. इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है,जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है. इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता-पिता इनका इलाज नहीं करवा पा रहे थे. इनके इलाज में खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था.

20 फरवरी को अगली सुनवाई: कोर्ट ने इनके इलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा था. एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया. इस मामले की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने एम्स अस्पताल, पटना व राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का आदेश दिया गया था. इस मामले पर 20 फरवरी,2023 को फिर सुनवाई होगी.

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