पटना : बिहार शिक्षक भर्ती के तहत प्राइमरी में शिक्षक बहाली प्रक्रिया में शामिल करने की मांग को लेकर बीएड अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर किया हुआ है. इस याचिका की शुक्रवार 20 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश के बेंच पर सुनवाई होनी थी, लेकिन दशहरा की छुट्टियों के कारण अब सुनवाई की तिथि आगे बढ़ गई है. अब इस याचिका की सुनवाई 30 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश के बेंच पर होगी.
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खेल के बीच खेल का नियम बदलना अनुचित : याचिकाकर्ता और बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने बताया कि नोटिफिकेशन में ऐसा कुछ नहीं था कि उन लोगों को प्रारंभिक में मौका नहीं दिया जाएगा. खेल के बीच में खेल का नियम बदलना अनुचित है और इसी को लेकर उन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है. इस बार के शिक्षक बहाली प्रक्रिया में उन्हें मौका दिया जाए.
"इस पर अभी सुनवाई लंबित है और सुनवाई की तिथि 30 अक्टूबर को हो गई है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बेंच पर होनी है. लेकिन इसी बीच बिहार लोक सेवा आयोग ने बुधवार को प्राथमिक का रिजल्ट जारी कर दिया है. हमलोगों ने आयोग द्वारा जारी किए गए प्रारंभिक शिक्षक के रिजल्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनाौती दी है."- दीपांकर गौरव, अध्यक्ष, बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ
'बीपीएससी कर रहा सौतेला व्यवहार' : दीपांकर गौरव ने बताया कि रिजल्ट को चुनौती देने के मामले पर सुनवाई की अभी तिथि नहीं मिली है. उन लोगों ने चुनौती इस बात पर दी है कि बीएड अभ्यर्थियों को छांट कर प्रारंभिक के 72000 रिजल्ट सिर्फ डीएलएड अभ्यर्थियों के बीच में से दे दिए गए हैं. B.Ed अभ्यर्थियों के साथ आयोग ने सौतेला व्यवहार किया है. सुप्रीम कोर्ट यदि B.Ed अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाता है तो फिर रिजल्ट का क्या होगा. इस रिजल्ट पर उन लोगों ने रोक लगाने की कोर्ट से मांग की है.