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गांधी मैदान बम विस्फोट मामले में तकनीकी कारणों से नहीं हुई सुनवाई

एनआईए कोर्ट पटना ने एनआईए के अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों को अपनी अपनी बहस शुरू करने का निर्देश दिया. वहीं वर्चुअल कोर्ट पहुंचे बचाव पक्ष के वकील सैय्यद इमरान गनी ने जानकारी दी कि उनका मोबाइल बहस सुचारू रूप से जारी रखने में अक्षम है. हालांकि इसी मामले की बहस के लिए बचाव पक्ष के वकील आज पटना सिविल कोर्ट के वर्चुअल कोर्ट पहुंचे थे.

पटना
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Published : Sep 7, 2020, 7:35 PM IST

पटना: बीजेपी की हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सोमवार को सुनवाई होनी थी. चर्चित कांड की लंबित चल रही अंतिम सुनवाई तकनीकी कारण और वर्चुअल कोर्ट बंद होने के कारण नहीं हो पाई है.

दरअस,ल एनआईए कोर्ट पटना ने एनआईए के अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों को अपनी अपनी बहस शुरू करने का निर्देश दिया. वहीं वर्चुअल कोर्ट पहुंचे बचाव पक्ष के वकील सैय्यद इमरान गनी ने जानकारी दी कि उनका मोबाइल बहस सुचारू रूप से जारी रखने में अक्षम है. हालांकि इसी मामले की बहस के लिए बचाव पक्ष के वकील आज पटना सिविल कोर्ट के वर्चुअल कोर्ट पहुंचे थे. वहां पहुंचकर उन्होंने जब वर्चुअल कोर्ट के द्वार पर ताला लटका देखा तो इसकी जानकारी बचाव पक्ष के वकील ने एनआईए न्ययालय को भी दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कोर्ट बंद होने पर कहां रखेंगे पक्ष'
मामले की जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के वकील सैय्यद इमरान गनी ने बताया कि एनआईए कोर्ट को जानकारी देने के बाद कोर्ट ने एक किताब के जरिए थोड़ी देर बहस की. वहीं तकनीकी कारणों से यह बहस पूरी नहीं हो पाई. साथ ही उन्होंने कहा कि जब वर्चुअल कोर्ट में बंद है, तो आखिर हम अपना पक्ष कहां रखेंगे.

एनआईए की अदालत में चार्जशीट दायर
दूसरी ओर गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट मामले की अंतिम सुनवाई जून 2018 से चल रही है. इन आरोपियो का बयान 2 नवंबर 2017 से लेकर 2 दिसंबर 2017 तक एनआईए कोर्ट ने दर्ज किया था. वहीं इस मामले में एनआईए की टीम ने 31 अक्टूबर 2013 को एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान शुरू की थी. इसके बाद हैदर अली समेत दस आरोपितों के खिलाफ एनआईए की अदालत में चार्जशीट दायर किया था.

टेक्निकल कारणों से नहीं हुई सुनवाई
एनआईए ने सभी दस आरोपियों को गिरफ्तार किया था. सभी आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत बेऊर जेल में बंद हैं. इस दौरान जेल में बंद किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिल पाई है. वहीं आज इसी मामले को लेकर पटना सिविल कोर्ट में वर्चुअल माध्यम से सुनवाई होनी थी. जो की टेक्निकल कारणों से नहीं हो पाई है. इस पूरे मामले की जानकारी बचाव पक्ष के वकील ने दी है.

पटना: बीजेपी की हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सोमवार को सुनवाई होनी थी. चर्चित कांड की लंबित चल रही अंतिम सुनवाई तकनीकी कारण और वर्चुअल कोर्ट बंद होने के कारण नहीं हो पाई है.

दरअस,ल एनआईए कोर्ट पटना ने एनआईए के अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों को अपनी अपनी बहस शुरू करने का निर्देश दिया. वहीं वर्चुअल कोर्ट पहुंचे बचाव पक्ष के वकील सैय्यद इमरान गनी ने जानकारी दी कि उनका मोबाइल बहस सुचारू रूप से जारी रखने में अक्षम है. हालांकि इसी मामले की बहस के लिए बचाव पक्ष के वकील आज पटना सिविल कोर्ट के वर्चुअल कोर्ट पहुंचे थे. वहां पहुंचकर उन्होंने जब वर्चुअल कोर्ट के द्वार पर ताला लटका देखा तो इसकी जानकारी बचाव पक्ष के वकील ने एनआईए न्ययालय को भी दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'कोर्ट बंद होने पर कहां रखेंगे पक्ष'
मामले की जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के वकील सैय्यद इमरान गनी ने बताया कि एनआईए कोर्ट को जानकारी देने के बाद कोर्ट ने एक किताब के जरिए थोड़ी देर बहस की. वहीं तकनीकी कारणों से यह बहस पूरी नहीं हो पाई. साथ ही उन्होंने कहा कि जब वर्चुअल कोर्ट में बंद है, तो आखिर हम अपना पक्ष कहां रखेंगे.

एनआईए की अदालत में चार्जशीट दायर
दूसरी ओर गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट मामले की अंतिम सुनवाई जून 2018 से चल रही है. इन आरोपियो का बयान 2 नवंबर 2017 से लेकर 2 दिसंबर 2017 तक एनआईए कोर्ट ने दर्ज किया था. वहीं इस मामले में एनआईए की टीम ने 31 अक्टूबर 2013 को एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान शुरू की थी. इसके बाद हैदर अली समेत दस आरोपितों के खिलाफ एनआईए की अदालत में चार्जशीट दायर किया था.

टेक्निकल कारणों से नहीं हुई सुनवाई
एनआईए ने सभी दस आरोपियों को गिरफ्तार किया था. सभी आरोपी न्यायिक हिरासत के तहत बेऊर जेल में बंद हैं. इस दौरान जेल में बंद किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिल पाई है. वहीं आज इसी मामले को लेकर पटना सिविल कोर्ट में वर्चुअल माध्यम से सुनवाई होनी थी. जो की टेक्निकल कारणों से नहीं हो पाई है. इस पूरे मामले की जानकारी बचाव पक्ष के वकील ने दी है.

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